रांची:झारखंड में अफवाह की वजह से साढ़े तीन के भीतर दूसरा ट्रेन हादसा हुआ है. इसकी वजह से कुल पांच मासूमों को जान गंवानी पड़ी है. ताजा घटनाक्रम सीआईसी सेक्शन पर लातेहार के कुमंडीह रेलवे स्टेशन से जुड़ा है. 14 जून की रात करीब 8 बजे की घटना है. रांची से सासाराम जा रही इंटरसिटी एक्सप्रेस में आग लगने की अफवाह इस कदर फैली की घबराहट में कुछ यात्री दूसरे ट्रैक पर चले गए. इसी बीच मालगाड़ी की चपेट में आ गए. इस हादसे में नासरीगंज, रोहतास की मंजू देवी, बैरिया, डाल्टनगंज के 72 वर्षीय नंदलाल शुक्ला और गढ़वा के भवनाथपुर निवासी 30 वर्षीय विकास कुमार रजक की मौत हो गई.
जिंदगी की जंग लड़ रही है मासूम पीहू
इस ट्रेन हादसे में तेतरी देवी, सबा और हसीब खलीफा घायल हुए हैं. इन तीनों का इलाज लातेहार के सदर अस्पताल में चल रहा है. जबकि 02 साल की पीहू कुमारी के साथ दर्दनाक घटना घटी है. अफवाह सुनते ही पीहू के पिता सुशील कुमार अपनी बच्ची को गोद में लेकर पटरी के दूसरी तरफ कूद गए. इसकी वजह से बच्ची का सिर ट्रैक पर मौजूद पत्थर से टकरा गया. बच्ची गंभीर रूप से घायल है. उसे रिम्स रेफर किया गया है. रिम्स के बाद उसे रानी चिल्ड्रेन अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पीहू कुमारी रांची के अशोकनगर की रहने वाली है.
मुआवजा का क्या है प्रावधान
हाजीपुर रेल मंडल के सीपीआरओ सरस्वती चंद्र ने ईटीवी भारत को बताया कि इस हादसे में जान गंवाने वाले तीन लोगों के परिजनों को 50-50 हजार रुपए की सहायता राशि मुहैया करा दी गई है. बहुत जल्द 1-1 लाख रुपए और दिए जाएंगे. उन्होंने बताया कि गंभीर रूप से घायल पीहू के परिजनों को 50 हजार रुपए की राशि मुहैया करा दी गई है. पीड़ित परिवार को अतिरिक्त 1 लाख रुपए मुहैया कराई जाएगी. उन्होंने बताया कि पीड़ित परिवार के लोग रेलवे क्लेम्स ट्रिब्यूनल में अतिरिक्त मुआवजे के लिए दावा कर सकते हैं. इस दौरान यह देखा जाता है कि संबंधित पीड़ित के पास वैलिड टिकट था या नहीं साथ ही किसकी गलती की वजह से जान माल का नुकसान हुआ है.