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रुद्रप्रयाग में प्रशासन ने फिर रोका बाल विवाह, 60 दिन में 14 नाबालिगों को 'बालिका वधू' होने से बचाया - CHILD MARRIAGE IN RUDRAPRAYAG

रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने दो नाबालिग लड़कियों का बाल विवाह रुकवाया. प्रशासन 2 महीने में 14 नाबालिगों की शादी रुकवा चुका है.

RUDRAPRAYAG
रुद्रप्रयाग में प्रशासन ने फिर रोका बाल विवाह. (PHOTO-ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 25, 2025, 9:27 PM IST

रुद्रप्रयाग: बाल विवाह की घटनाओं को रोकने को लेकर रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन अभियान चला रहा है. अभियान के तहत मंगलवार को दो बाल विवाह को रोका गया. प्रशासन की टीम ने समय से गांव में पहुंचकर बाल विवाह को रुकवाया. प्रशासन की इस कार्रवाई से क्षेत्र की जनता में भी खुशी देखने को मिल रही है और अन्य लोग भी इस अभियान का हिस्सा बन रहे हैं. अब तक की कार्रवाई में 14 बाल विवाह रुकवाए जा चुके हैं.

जिलाधिकारी डॉ. सौरभ गहरवार के निर्देशन में जिले को बाल विवाह मुक्त कराने की दिशा में चलाए जा रहे अभियान के तहत दो और बाल विवाह रुकवाए गए. गुप्तकाशी थाने से मिली जानकारी के आधार पर महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अगस्त्यमुनि के एक में बाल विवाह को रुकवाया. इसके अलावा जखोली विकासखंड के भी एक नाबालिग बालिका की शादी होने से रोका गया. दोनों प्रकरणों में बालिकाओं की उम्र 18 वर्षी से कम जबकि जिन पुरुषों से इनके विवाह करवाए जाने की कोशिश हो रही थी, उनकी उम्र 24 और 25 वर्ष थी.

टीम की ओर से ग्राम प्रधान एवं आंगनबाड़ी सेविकाओं से कहा गया कि वे नियमित रूप से इन परिवारों पर नजर रखें और अगर भविष्य में इनके द्वारा फिर से इस तरह का प्रयास किया जाता है तो तत्काल चाइल्ड हेल्प लाइन के टोल फ्री नंबर 1098, वन स्टाप सेंटर के नंबर 01364 297373, अपने पटवारी चौकी या नजदीकी थाने पर तत्काल सूचित करें. जन सहयोग से ही जिले को बाल विवाह मुक्त बनाया जा सकता है.

दो माह से चलाए जा रहे बाल विवाह मुक्त रुद्रप्रयाग अभियान में महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की टीम द्वारा अब तक 14 बाल विवाह रुकवाए जा चुके हैं.

जागरूकता के बाद आस-पास प्रकरण होने पर सूचना दे रहे लोग: जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अखिलेश कुमार मिश्र ने बताया कि बाल विवाह को रोकने को लेकर स्वयं जिलाधिकारी डॉ. सौरभ गहरवार गंभीर है. उनके निर्देशन में बाल विवाह की घटनाओं को रोकने को लेकर हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत संचालित वन स्टॉप सेंटर, मिशन शक्ति एवं चाइल्ड हेल्प लाइन के कार्मिकों की टीम बनाकर इनको विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से ग्रास रूट लेवल तक अपने नेटवर्क को विकसित करते हुए अपने संवाद सूत्र तैयार करने की दिशा में कार्य करने का रोड मैप दिया गया है.

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