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लालू यादव की दो बेटियां लड़ेंगी लोकसभा चुनाव, मीसा-रोहिणी इन सीटों से होंगी मैदान में, जानें RJD का प्लान - Lalu daughter in Lok Sabha election - LALU DAUGHTER IN LOK SABHA ELECTION

बिहार की राजनीति में जोर-शोर से चर्चा है कि लालू यादव की दो बेटियां लोकसभा चुनाव लड़ने जा रही हैं. अपनी एक किडनी डोनेट कर पिता को नई जिंदगी देने वाली रोहिणी आचार्य अब लालू की राजनीतिक विरासत संभालने की तैयारी में है. सब कुछ ठीक रहा तो वह सारण से चुनाव मैदान में उतरेंगी और मीसा भारती पाटलिपुत्र सीट से फिर चुनाव लड़ेंगी.

लालू यादव की दो बेटियां लड़ेंगी लोकसभा चुनाव, मीसा-रोहिणी इन सीटों से होंगी मैदान में, जानें RJD का प्लान
लालू यादव की दो बेटियां लड़ेंगी लोकसभा चुनाव, मीसा-रोहिणी इन सीटों से होंगी मैदान में, जानें RJD का प्लान

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 23, 2024, 8:45 PM IST

लालू यादव की दो बेटियां लड़ेंगी लोकसभा चुनाव

पटना: 2024 लोकसभा चुनाव लालू यादव परिवार के लिए बहुत खास होने वाला है. 2024 के चुनावी समर में इस बार लालू प्रसाद की 2 पुत्री चुनाव मैदान में नजर आ सकती हैं. सारण लोकसभा से उनकी दूसरी बेटी रोहिणी आचार्यचुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं. वहीं लालू प्रसाद की बड़ी बेटी मीसा भारती पाटलिपुत्र सीट से चुनावी अखाड़े में उतरने की तैयारी कर रही हैं.

लालू की कर्मभूमि है सारण: छपरा की पहचान जयप्रकाश नारायण की जन्म भूमि की जाती है, लेकिन 1977 के बाद इसकी दूसरी भी पहचान बनी. पहले छपरा लेकिन अब के सारण की राजनीतिक पहचान लालू प्रसाद यादव से भी जुड़ी है. सारण लालू प्रसाद यादव की कर्मभूमि रही है. यूं कहें तो सारण ने लालू प्रसाद यादव को राजनीतिक पहचान दी.

लालू को सारण ने 4 बार पहुंचाया संसद: पहली बार 1977 में लालू, जनता पार्टी से लोकसभा का चुनाव जीते. सारण सीट से लालू प्रसाद 4 बार जीत कर संसद पहुंचे थे.वहीं नए परिसीमन के बाद बने पाटलिपुत्र सीट से 2009 में खुद लालू प्रसाद यादव चुनाव लड़े. इसके बाद 2014 एवं 2019 में इस सीट से मीसा भारती चुनाव लड़ चुकी हैं. हांलाकि इन तीनों चुनाव में राजद की हार हुई थी.

सारण से रोहिणी को मिलेगा मौका!:लालू प्रसाद यादव की दूसरी बेटी पिछले कुछ दिनों से सुर्खियों में हैं. रोहिणी आचार्य अपने परिवार के साथ सिंगापुर में रहती हैं. लालू प्रसाद यादव की तबीयत खराब होने पर रोहिणी आचार्य ने अपनी एक किडनी पिता को दी थी. जिस कारण लालू प्रसाद की जान बची है. कई सार्वजनिक मंचों पर रोहिणी के किडनी दान की चर्चा लालू कर चुके हैं.

बीजेपी का रोहिणी और लालू पर तंज: पटना के गांधी मैदान में हुए जनविश्वास महारैली में पहली बार रोहिणी आचार्य किसी राजनीतिक मंच पर दिखी. उस दिन लालू प्रसाद ने जिस तरह से रोहिणी की तारीफ की उसी दिन लग गया था कि 2024 चुनाव में वह चुनावी मैदान में दिखेंगी. कल सम्राट चौधरी ने रोहिणी से किडनी लेने पर लालू प्रसाद पर तंज कसा था. इस मसले पर रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर सम्राट को जवाब दिया उससे साफ हो गया कि वह 2024 में चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुकी है.

क्या लिखा था रोहिणी ने: रोहणी ने लिखा था 'लालू जी की बेटी हूं, ओछी सोच और ओछी चरित्र वाले की हर ओछी बात का जवाब जनता के बीच जनता जनार्दन की अदालत में दूंगी, सही ग़लत का फैसला जनता देगी.

रोहिणी के लिए क्या है मजबूत और कमजोर पक्ष: सारण लोकसभा में 6 विधानसभा क्षेत्र आता है. मढ़ौरा, गरखा, छपरा, अमनौर , परसा और सोनपुर. इन 6 सीट में 4 सीट मढ़ौरा गरखा, परसा और सोनपुर पर राजद का कब्जा है. अमनौर और छपरा विधानसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा है. जातीय समीकरण की बात करें तो यादव 25%, राजपूत और ब्राह्मण 23%, वैश्य और अन्य पिछड़ी जाति 20% मुस्लिम 13% एवं दलित 12% मतदाता है. जतीय समीकरण 4 विधानसभा में राजद के विधायक और रोहिणी आचार्य की किसान बूटी उनके मजबूत पक्ष है. वहीं पिछले दो लोकसभा चुनाव में जिस तरीके से माय समीकरण के खिलाफ सभी जाट गोलबंद होकर भाजपा को वोट दिए हैं,वह रोहिणी आचार्य का कमजोर पक्ष हो सकता है. इसके अलावे राजीव प्रताप रूडी की सहज उपलब्धता उनको लोगों के साथ जोड़े रखती है.

सारण में कैसा रहा है चुनाव परिणाम :सारण लोकसभा चुनाव के परिणाम में बीजेपी का पलड़ा भारी दिखता है.
2009 लोकसभा चुनाव परिणाम में आरजेडी के लालू प्रसाद को 274209 वोट और बीजेपी प्रत्याशी राजीव प्रताप रूडी को 222294 वोट पड़े थे. लालू यादव की 51815 वोट से जीत हुई थी.

2014 में परिणाम: आरजेडी प्रत्याशीराबड़ी देवी को 314172 वोट मिले तो वहीं बीजेपी के प्रत्याशी के रूप में राजीव प्रताप रूडी को 355720 वोट मिले. राजीव प्रताप रूडी की 40948 वोटों से जीत हुई.

2019 परिणाम:2019 में सारण लोकसभा सीट से आरजेडी प्रत्याशी चंद्रिका प्रसाद राय को 360913 वोट मिले. वहीं बीजेपी के राजीव प्रताप रूडी को 499342 वोट मिले. राजीव प्रताप रूडी की 136531 वोटों से जीत हुई.

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क्या कहते हैं एक्सपार्ट:वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय का कहना है कि 2024 लोकसभा चुनाव में यदि सारण से रोहिणी आचार्य चुनाव लड़ती है तो मुकाबले बहुत ही दिलचस्प होगा. उन्होंने कहा की रोहिणी आचार्य के लिए सबसे मजबूत पक्ष वहां का जातीय समीकरण है. इसके अलावे 6 में से चार सीटों पर राजद के विधायक है. इससे भी ज्यादा लालू प्रसाद यादव को किडनी देने के बाद जो सिंपैथी रोहिणी आचार्य को मिला है इसका लाभ उन्हें 2024 चुनाव में मिल सकता है.

"रोहिणी आचार्य के लिए कुछ कमजोर पक्ष भी है, जैसे माय समीकरण वहां इंटैक्ट होता है. सभी जाति गोलबंद होकर भाजपा के पक्ष में मतदान कर देती है. इसके अलावा राजीव प्रताप रूडी का सरल स्वभाव और पूरे सारण लोकसभा क्षेत्र के लिए निशुल्क एंबुलेंस उनके द्वारा उपलब्ध कराना उनका पक्ष मजबूत कर देता है."- रवि उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार

मीसा भारती को मिल सकता है मौका: पाटलिपुत्र लोकसभा का अस्तित्व 2009 के परिसीमन के बाद हुआ. इस लोकसभा क्षेत्र से भी लालू प्रसाद यादव चुनाव लड़ चुके हैं. पिछले तीन लोकसभा चुनाव से इस सीट पर लालू यादव का परिवार ही चुनाव लड़ता आ रहा है. 2009 में लालू प्रसाद तो 2014 और 2019 में मीसा भारती चुनाव लड़ चुकी हैं.

क्या है पाटलिपुत्र का राजनीतिक समीकरण:पाटलिपुत्र लोकसभा में 6 विधानसभा क्षेत्र आते हैं, मनेर, दानापुर, मसौढ़ी, विक्रम, पालीगंज और फुलवारी शरीफ. इन 6 सीट में मनेर, दानापुर और मसौढ़ी सीट पर आरजेडी का कब्जा है. विक्रम सीट पर कांग्रेस का कब्जा था. फुलवारी शरीफ सीट पर सीपीआई और पालीगंज सीट पर सीपीआईएमएल का कब्जा है. जतीय समीकरण की बात करें तो 24.24% यादव, भूमिहार 10.20%, मुस्लिम 8%, कुर्मी 7%, अन्य पिछड़ी जाति की संख्या 23.82% है.

मीसा भारती का मजबूत और कमजोर पक्ष: मीसा भारती के लिए पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र में सबसे मजबूत पक्ष, इस लोकसभा क्षेत्र के सभी 6 विधायक महागठबंधन के हैं. इसके अलावा जातीय समीकरण के हिसाब से भी सबसे ज्यादा मतदाता यादव समाज से आते हैं. करीब 33% मतदाता MY समीकरण से ताल्लुक रखते हैं.

कमजोर पक्ष की बात करें तो 2009 से अब तक यानी तीन लोकसभा चुनाव में एक बार भी आरजेडी का प्रत्याशी वहां से नहीं जीत सका है. 2009 के लोकसभा चुनाव में लालू प्रसाद यादव जदयू के रंजन यादव से चुनाव हार गए थे. वहीं 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव में निशा भारती को भाजपा के रामकृपाल यादव से हार का सामना करना पड़ा था.

पिछले 3 लोकसभा का परिणाम:पाटलिपुत्र में 2009 के लोकसभा चुनाव परिणाम में लालू प्रसाद को 245757 और जदयू के
रंजन यादव को 269298 वोट मिले. रंजन यादव 23541 वोट से चुनाव जीते. 2014 में आरजेडी प्रत्याशी मीसा भारती को 342940 वोट और बीजेपी प्रत्याशी रामकृपाल यादव को 383262 वोट मिले. रामकृपाल यादव 40322 वोट से चुनाव जीते.
2019 में आरजेडी की मीसा भारती को 470236 वोट और बीजेपी के रामकृपाल यादव को 509557 वोट मिले. रामकृपाल यादव 39321 वोट से चुनाव जीते.

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क्या कहते हैं एक्सपर्ट:राजनीतिक विश्लेषण संजय कुमार का कहना है कि पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र कुछ मामलों में राजद के लिए मजबूत पक्ष है. इस लोकसभा क्षेत्र के सभी 6 सीटों पर महागठबंधन का कब्जा था. जातीय समीकरण में भी MY समीकरण का वोट 33% के करीब है. संजय कुमार का कहना है कि लेकिन जब से पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र का गठन हुआ है वहां से आरजेडी एक बार भी चुनाव नहीं जीत सकी है.

"लालू प्रसाद जैसे बड़े चेहरे को रंजन यादव से हार का सामना करना पड़ा था. पिछले दो लोकसभा चुनाव में मीसा भारती को भाजपा के रामकृपाल यादव से हार का सामना करना पड़ रहा है. रामकृपाल यादव की छवि ऐसी है कि उनको सभी वर्ग का वोट मिलता है. इसके अलावा जैसे ही राजद का परंपरागत वोट बैंक गोलबंद होता है तो अन्य सभी जातियां बीजेपी के प्रति गोलबंद हो जाती है."- संजय कुमार,राजनीतिक विश्लेषण

हॉट केक बने सारण और पाटलिपुत्र: 2024 का लोकसभा चुनाव बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि बीजेपी का दावा है कि इस बार वह 400 पार सीट जीतकर फिर से सरकार बनाएगी. सबसे ज्यादा नजर बिहार के चुनाव परिणाम पर रहेगा. उसमें भी सारण और पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र इस बार हॉट केक बना रहेगा. क्योंकि दोनों सीटों पर लालू प्रसाद यादव की दो लड़की चुनाव मैदान में होगी. अब देखना होगा कि इन दोनों लोकसभा क्षेत्र की जनता जीत की माला किसको पहनती है.

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