पटना: 2024 लोकसभा चुनाव लालू यादव परिवार के लिए बहुत खास होने वाला है. 2024 के चुनावी समर में इस बार लालू प्रसाद की 2 पुत्री चुनाव मैदान में नजर आ सकती हैं. सारण लोकसभा से उनकी दूसरी बेटी रोहिणी आचार्यचुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं. वहीं लालू प्रसाद की बड़ी बेटी मीसा भारती पाटलिपुत्र सीट से चुनावी अखाड़े में उतरने की तैयारी कर रही हैं.
लालू की कर्मभूमि है सारण: छपरा की पहचान जयप्रकाश नारायण की जन्म भूमि की जाती है, लेकिन 1977 के बाद इसकी दूसरी भी पहचान बनी. पहले छपरा लेकिन अब के सारण की राजनीतिक पहचान लालू प्रसाद यादव से भी जुड़ी है. सारण लालू प्रसाद यादव की कर्मभूमि रही है. यूं कहें तो सारण ने लालू प्रसाद यादव को राजनीतिक पहचान दी.
लालू को सारण ने 4 बार पहुंचाया संसद: पहली बार 1977 में लालू, जनता पार्टी से लोकसभा का चुनाव जीते. सारण सीट से लालू प्रसाद 4 बार जीत कर संसद पहुंचे थे.वहीं नए परिसीमन के बाद बने पाटलिपुत्र सीट से 2009 में खुद लालू प्रसाद यादव चुनाव लड़े. इसके बाद 2014 एवं 2019 में इस सीट से मीसा भारती चुनाव लड़ चुकी हैं. हांलाकि इन तीनों चुनाव में राजद की हार हुई थी.
सारण से रोहिणी को मिलेगा मौका!:लालू प्रसाद यादव की दूसरी बेटी पिछले कुछ दिनों से सुर्खियों में हैं. रोहिणी आचार्य अपने परिवार के साथ सिंगापुर में रहती हैं. लालू प्रसाद यादव की तबीयत खराब होने पर रोहिणी आचार्य ने अपनी एक किडनी पिता को दी थी. जिस कारण लालू प्रसाद की जान बची है. कई सार्वजनिक मंचों पर रोहिणी के किडनी दान की चर्चा लालू कर चुके हैं.
बीजेपी का रोहिणी और लालू पर तंज: पटना के गांधी मैदान में हुए जनविश्वास महारैली में पहली बार रोहिणी आचार्य किसी राजनीतिक मंच पर दिखी. उस दिन लालू प्रसाद ने जिस तरह से रोहिणी की तारीफ की उसी दिन लग गया था कि 2024 चुनाव में वह चुनावी मैदान में दिखेंगी. कल सम्राट चौधरी ने रोहिणी से किडनी लेने पर लालू प्रसाद पर तंज कसा था. इस मसले पर रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर सम्राट को जवाब दिया उससे साफ हो गया कि वह 2024 में चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुकी है.
क्या लिखा था रोहिणी ने: रोहणी ने लिखा था 'लालू जी की बेटी हूं, ओछी सोच और ओछी चरित्र वाले की हर ओछी बात का जवाब जनता के बीच जनता जनार्दन की अदालत में दूंगी, सही ग़लत का फैसला जनता देगी.
रोहिणी के लिए क्या है मजबूत और कमजोर पक्ष: सारण लोकसभा में 6 विधानसभा क्षेत्र आता है. मढ़ौरा, गरखा, छपरा, अमनौर , परसा और सोनपुर. इन 6 सीट में 4 सीट मढ़ौरा गरखा, परसा और सोनपुर पर राजद का कब्जा है. अमनौर और छपरा विधानसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा है. जातीय समीकरण की बात करें तो यादव 25%, राजपूत और ब्राह्मण 23%, वैश्य और अन्य पिछड़ी जाति 20% मुस्लिम 13% एवं दलित 12% मतदाता है. जतीय समीकरण 4 विधानसभा में राजद के विधायक और रोहिणी आचार्य की किसान बूटी उनके मजबूत पक्ष है. वहीं पिछले दो लोकसभा चुनाव में जिस तरीके से माय समीकरण के खिलाफ सभी जाट गोलबंद होकर भाजपा को वोट दिए हैं,वह रोहिणी आचार्य का कमजोर पक्ष हो सकता है. इसके अलावे राजीव प्रताप रूडी की सहज उपलब्धता उनको लोगों के साथ जोड़े रखती है.
सारण में कैसा रहा है चुनाव परिणाम :सारण लोकसभा चुनाव के परिणाम में बीजेपी का पलड़ा भारी दिखता है.
2009 लोकसभा चुनाव परिणाम में आरजेडी के लालू प्रसाद को 274209 वोट और बीजेपी प्रत्याशी राजीव प्रताप रूडी को 222294 वोट पड़े थे. लालू यादव की 51815 वोट से जीत हुई थी.
2014 में परिणाम: आरजेडी प्रत्याशीराबड़ी देवी को 314172 वोट मिले तो वहीं बीजेपी के प्रत्याशी के रूप में राजीव प्रताप रूडी को 355720 वोट मिले. राजीव प्रताप रूडी की 40948 वोटों से जीत हुई.
2019 परिणाम:2019 में सारण लोकसभा सीट से आरजेडी प्रत्याशी चंद्रिका प्रसाद राय को 360913 वोट मिले. वहीं बीजेपी के राजीव प्रताप रूडी को 499342 वोट मिले. राजीव प्रताप रूडी की 136531 वोटों से जीत हुई.
क्या कहते हैं एक्सपार्ट:वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय का कहना है कि 2024 लोकसभा चुनाव में यदि सारण से रोहिणी आचार्य चुनाव लड़ती है तो मुकाबले बहुत ही दिलचस्प होगा. उन्होंने कहा की रोहिणी आचार्य के लिए सबसे मजबूत पक्ष वहां का जातीय समीकरण है. इसके अलावे 6 में से चार सीटों पर राजद के विधायक है. इससे भी ज्यादा लालू प्रसाद यादव को किडनी देने के बाद जो सिंपैथी रोहिणी आचार्य को मिला है इसका लाभ उन्हें 2024 चुनाव में मिल सकता है.