लखनऊ: संविदा चालक परिचालक कर्मचारी संघर्ष यूनियन ने समस्याओं की लगातार अनदेखी को लेकर मंगलवार को हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर सत्याग्रह शुरू कर दिया. बड़ी संख्या में रोडवेजकर्मी यहां पर सत्याग्रह करने पहुंचे और उन्होंने रोडवेज के अधिकारियों पर संविदा कर्मियों के मांगों की अनदेखी करने का आरोप लगाया. छह सूत्री मांगें पूरी न होने पर अल्टीमेटम दिया कि 22 अक्टूबर को ईको गार्डन में प्रदेश भर से बड़ी संख्या में रोडवेज कर्मी आंदोलन करने पहुंचेंगे. यूनियन की चेतावनी के बाद परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने यूनियन के पदाधिकारियों को वार्ता के लिए बुलाया. जिसमें कुछ मांगें मानी जाने की जानकारी है.
यूनियन के प्रांतीय महामंत्री कन्हैया लाल पांडेय का कहना है कि परिवहन मंत्री से मांगों को लेकर सकारात्मक वार्ता हुई है. उन्होंने सभी मांगों पर अमल करने का आश्वासन दिया है. इसमें संविदा कर्मचारियों का न्यूनतम वेतनमान 24,600 रुपए करने के लिए परिवहन मंत्री राजी हैं.
संविदा चालकों-परिचालकों और आउटसोर्स कार्मिकों को मिले न्यूनतम वेतनमान:यूनियन के पदाधिकारी कौशलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि भर्ती प्रक्रिया में निगम में कार्यरत संविदा चालकों/परिचालकों का समायोजन के लिए मुख्यालय ने 35% कोटा निर्धारित किया है. उनका शत प्रतिशत कोटा करते हुए वरिष्ठता के आधार पर समायोजन किया जाए. शेष बच रहे संविदा चालकों-परिचालकों और आउटसोर्स कार्मिकों को न्यूनतम 35000 वेतनमान निर्धारित किया जाए. उन्होंने कहा कि संविदा श्रम नियमावली का पालन परिवहन निगम में नहीं हो रहा है, इसे लागू किया जाए. लंबी दूरी की सेवाओं में नियमित चालकों की तरह संविदा चालकों को भी पूरा किलोमीटर दिया जाए. यह किलोमीटर डबल क्रू को मिलना चाहिए. सेवाकाल के दौरान दुर्घटना सामान्य मृत्यु और सेवाकाल पूरी होने पर ₹5 लाख ग्रेच्युटी दी जाए, साथ ही कर्मचारियों के लिए ईएसआई की व्यवस्था लागू की जाए.