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बलौदाबाजार में तेज रफ्तार ट्रक ने साइकिल सवार को रौंदा, एक की मौत - ROAD ACCIDENT

छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में रिसदा गांव के पास एक तेज रफ्तार ट्रक ने साइकिल सवार युवक को कुचल दिया है.

Road Accident in Balodabazar
बलौदाबाजार में सड़क हादसा (ETV Bharat)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 3, 2025, 9:34 AM IST

बलौदाबाजार : जिले में लगातार हो रहे सड़क हादसे चिंता का सबब बने हुए हैं. एक बार फिर जिले के ग्राम रिसदा में एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ है. एक तेज रफ्तार मालवाहक वाहन ने साइकिल सवार को टक्कर मार दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई.

तेज रफ्तार ट्रक का कहर :यह हादसा ग्राम रिसदा के मुख्य सड़क पर हुआ है, जहां तेज रफ्तार मालवाहक वाहन ने एक साइकिल सवार को टक्कर मार दी. हादसे में साइकिल सवार का सिर वाहन के चक्के के नीचे आ गया, जिससे उसकी मौत हो गई. हादसे के बाद गुस्साए स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए और विरोध स्वरूप चक्का जाम कर दिया. इससे पूरे इलाके की यातायात व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गई. सूचना मिलते ही पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया, लेकिन स्थानीय लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ.

लगातार रिसदा में हो रहे सड़क हादसे : बलौदाबाजार जिले के ग्राम रिसदा में यह पहला हादसा नहीं है. इससे पहले 9 मार्च 2024 को इसी गांव में एक और सड़क दुर्घटना हुई थी, जिसमें 16 साल की युवती ओजस्वी अवस्थी की जान चली गई थी. इसके बाद से ग्रामीणों ने प्रशासन से सड़क सुरक्षा को लेकर कई बार आवाज उठाई थी, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.

संयंत्रों के चलते बढ़ा यातायात का दबाव : बलौदाबाजार जिले में स्थित पांच बड़े सीमेंट संयंत्रों के कारण इलाके में भारी यातायात का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है. ट्रक, मालवाहन और अन्य भारी वाहन अक्सर गांवों के अंदर से गुजरते हैं, जिससे सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में इजाफा हो रहा है. स्थानीय लोग बार-बार इस बात की मांग कर रहे हैं कि यहां बायपास सड़क का निर्माण किया जाए, ताकि इन भारी वाहनों की आवाजाही को गांव के अंदर जाने से रोका जा सके.

पूर्व मुख्यमंत्री का वादा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं :छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ग्राम रिसदा में बायपास सड़क बनाने की घोषणा की थी, ताकि तेज रफ्तार वाहनों से हो रहे हादसों को रोका जा सके. लेकिन यह घोषणा अभी तक कागजों पर ही सीमित है. इसकी कोई प्रगति नहीं हुई है, जिससे स्थानीय लोगों में नाराजगी बढ़ गई है. उनका मानना है कि प्रशासन और नेताओं की उदासीनता के कारण उनकी जान जोखिम में है और उनके लिए सुरक्षा का कोई ठोस इंतजाम नहीं किया गया है.

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