संभल: लोकसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है. सभी राजनीतिक दल चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं. तमाम विपक्षी नेता पार्टी छोड़कर दूसरे दलों में शामिल हो रहे हैं. वहीं हाल ही में INDIA गठबंधन से नाता तोड़कर एनडीए में शामिल हुए राष्ट्रीय लोकदल अध्यक्ष जयंत चौधरी को शनिवार को तगड़ा झटका लगा. उनकी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अकीलुर्रहमान खां अब साइकिल पर सवार हो गए हैं. उन्होंने समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर ली है.
16 मार्च 2024 को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से लखनऊ में मुलाकात के बाद अकीलुर्रहमान खां ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया. रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी अब एनडीए में शामिल हो गए हैं. उनके एनडीए में जाने के बाद अटकलें लगाई जा रही थीं कि अकीलुर्रहमान खां पार्टी छोड़ सकते हैं. 16 मार्च को उन्होंने लखनऊ में समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली.
अकीलुर्रहमान खां ने कहा कि अब उन्होंने नल का साथ छोड़ दिया है और अब वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं. संभल लोकसभा सीट के लिए सपा मुखिया अखिलेश यादव से अपनी दावेदारी की है. अगर पार्टी हाई कमान ने संभल से टिकट दिया, तो वह मजबूती के साथ चुनाव लड़ेंगे. सांसद डॉ. बर्क के निधन के बाद संभल की सीट पर समाजवादी पार्टी के कई नेताओं ने दावा किया है. हालांकि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पहले डॉ. बर्क को संभल सीट से अपना उम्मीदवार बनाया था, लेकिन उनके निधन के बाद इस सीट को लेकर राजनीतिक रस्साकशी जारी है.
अकीलुर्रहमान खां दो साल पहले आरएलडी में शामिल हुए थे. इसके पहले वह बहुजन समाज पार्टी से वर्ष 2002 और 2007 में लगातार दो बार चुनाव जीतकर संभल जिले की बहजोई विधानसभा सीट से विधायक बने थे. परिसीमन के बाद बहजोई सीट असमोली के रूप में सामने आई, तो 2012 के चुनाव में वह सपा विधायक पिंकी यादव से हार गए थे. 2014 के लोकसभा चुनाव में बसपा से संभल लोकसभा सीट पर चुनाव लड़े थे, लेकिन मोदी लहर के कारण वह चुनाव हार गए. उनकी पत्नी तरन्नुम अकील भी नगरपालिका सम्भल की अध्यक्ष के अलावा यूपी उर्दू अकादमी उप्र की अध्यक्ष भी रह चुकी है. बसपा सरकार में मंत्री रहे अकीलुर्रहमान खां ने बताया कि वह समाजवादी पार्टी में रहकर पूरी ईमानदारी के साथ काम करेंगे.
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