पटना : बिहार में किसी को ऑपरेशन लोटस का डर सता रहा है तो किसी को टूट का खतरा नजर आ रहा है. हर पार्टी अपने विधायक को संभालकर अपनी पहुंच में रखना चाह रही है. ताकि विश्वासमत के दिन कोई गच्चा न दे. बीजेपी के विधायक गया में जमें हैं तो वहीं जेडीयू भी डिनर पॉलिटिक्स के जरिए विधायकों को एकजुट रहने की बात कह रही है. इधर महागठबंधन में भी विधायकों को तेजस्वी आवास में ही बैठक के बाद रोक लिया गया. जेडीयू ने इसे राजनीतिक रूप से नजरबंदी करार दिया है.
आरजेडी विधायकों के मनोरंजन का पहुंचा सामान : आरजेडी के 79 विधायकों में से 3 विधायक मिसिंग हैं जबकि एक विधायक को तेजस्वी आवास से बाहर भेजा गया है. उनको लापता दूसरे विधायक की खोज खबर के लिए भेजा गया है. बता दें कि तेजस्वी आवास में ही विधायकों को ठहरने का पूरा इंतजाम किया गया है.तेजस्वी आवास में विधायकों के लिए नया चप्पल, मच्छर भगाने के लिए स्प्रे, फोल्डिंग चारपाई, हीट पैदा करने के लिए ब्लोअर, गर्म पानी के लिए गीजर इत्यादि गाड़ी से पहुंच रहे हैं. खबर मिली है कि मोबाइल जब्त होने की वजह से आवास के अंदर विधायकों के मनोरंजन का भी इंतजाम किया गया है.
आरजेडी के तीन विधायक लापता? इधर विधान पार्षद कार्तिकेय सिंह को विधायक नीलम देवी की लोकेशन लेने के लिए भेजा गया है. राजद के विधायक कुमार सर्वजीत भी बैठक में नहीं पहुंचे थे. आरजेडी सूत्रों से पता चला है कि वो बीमार चल रहे हैं. ओबरा के विधायक ऋषि कुमार भी नहीं आए हैं. इस तरह कुल तीन विधायक आरजेडी खेमे से नदारद हैं. आरजेडी को टूट का डर सता रहा है इस सवाल पर आरजेडी की ओर से कहा जा रहा है कि उनके गठबंधन के विधायक एक साथ रहना चाह रहे हैं.
ये राजनीतिक रूप से नजरबंदी है': वहीं जेडीयू ने विधायकों को इस तरह से रोके जाने को लेकर निशाना साधा है. आरजेडी ने कहा है कि ये राजनीतिक नजरबंदी है. फ्लोर टेस्ट से पहले ही आरजेडी ने अपनी हार मान ली है. जो डर गया समझो वह मर गया. इससे ये साफ है कि बिहार में एनडीए गठबंधन की फ्लोर टेस्ट में जीत होगी.