कोरबा : धान खरीदी अभियान को अभी एक माह ही बीता है. इस बीच राइस मिलर्स अपनी लंबित प्रोत्साहन राशि ,भुगतान दर में बढ़ोतरी की मांग को लेकर 20 दिसंबर तक प्रदेशव्यापी हड़ताल में चले गए हैं. जिसका असर धान खरीदी पर पड़ रहा है. मिलर्स ने किसी भी खरीदी केंद्र से धान का उठाव नहीं किया. जिले के 41 समितियों के 65 उपार्जन केंद्रों में खरीदे गए 5 लाख 43 लाख 255 क्विंटल धान, जिसका समर्थन मूल्य पर 124 करोड़ 94 लाख 86 हजार 960 रुपए है, वह जाम पड़ा हुआ है.
धान उठाव नहीं होने से जाम की स्थिति :जिले के 10 उपार्जन केंद्रों में बफर लिमिट (7200 क्विंटल) से दोगुना धान जाम है. वहीं धान का उठाव नहीं होने से तुमान और कोथारी जैसे 2 बड़े उपार्जन केंद्रों में भी व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है. जल्द ही धान का उठाव नहीं होने और समस्याओं का समाधान न होने की स्थिति में किसानों को भारी तकलीफ से जूझना पड़ेगा, समितियों में खरीदी बंद करने की स्थिति निर्मित हो सकती है.
राइस मिलर्स ने नहीं किया उठाव (ETV BHARAT CHHATTISGARH)
राइस मिलर्स ने नहीं किया उठाव (ETV BHARAT CHHATTISGARH)
राइस मिलर्स दूसरी बार गए हड़ताल पर : चुनावी वर्ष में इस बार नवंबर माह के दूसरे पखवाड़े से धान खरीदी अभियान की शुरुआत हुई है. धान खरीदी शुरुआत होते ही राइस मिलर्स हड़ताल में चले गए थे. आश्वासन के बाद लौटे राइस मिलरों ने पंजीयन अनुबंध कराने के बाद कस्टम मिलिंग शुरू ही किया था कि कैबिनेट में लंबित प्रोत्साहन राशि का भुगतान,प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी समेत पेनाल्टी जैसी अपनी मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ प्रदेश राइस मिलर्स एसोसिएशन के आव्हान पर प्रदेश के 2500 से अधिक राइस मिलर्स 12 से 20 दिसंबर तक विरोध स्वरूप हड़ताल में चले गए हैं. जिसकी वजह से कस्टम मिलिंग का कार्य शनिवार से ही पूर्ण रूप से बंद है.अब तक 14.54 फीसदी धान का ही उठाव :जिले में इस वर्ष 31 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य दिया गया है. 55 हजार से अधिक पंजीकृत किसानों के जरिए 41 सहकारी समितियों के 65 धान उपार्जन केंद्रों के माध्यम से इस लक्ष्य को हासिल करना है. सहकारिता बैंक के डाटा के अनुसार अब तक की स्थिति में जिले में 6 लाख 35 हजार 665.20 क्विंटल 2300 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य की दर से 146 करोड़ 20 लाख 29 हजार 960 रुपए के धान की आवक हो चुकी है. जिसमें से 120 (118 अरवा 2 उसना ) पंजीकृत राइस मिलरों के माध्यम से 92 हजार 410 क्विंटल समर्थन मूल्य पर 21 करोड़ 25 लाख 43 हजार रुपए के धान का उठाव हुआ है. अभी भी 5 लाख 43 हजार 255 .20 क्विंटल समर्थन मूल्य पर 124 करोड़ 94 लाख 86 हजार 960 रुपए का धान जाम है. महज 14.54 फीसदी धान का ही उठाव हो सका है. राइस मिलरों की हड़ताल की वजह से जारी डीओ के विरुद्ध में यह धान कब उठेगा? इसका जवाब फिलहाल किसी के पास भी नहीं है.
प्रभावित होगी धान की खरीदी : जिला सहकारी नोडल बैंक के पर्यवेक्षक जमाल खान का कहना है कि समितियों में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर और राइस मिलर्स हड़ताल पर चले गए हैं. कंप्यूटर ऑपरेटर अनुभवी कर्मचारी होते हैं, जिनके नहीं होने से कई काम रूक जाते हैं.
मिलर्स के हड़ताल पर होने से समितियों में जो धान आ रहा है, उसका उठाव पूरी तरह से ठप हो गया है.धान रखने के लिए जो चबूतरे बने हैं और समितियां की जो लिमिट होती है. वह पूरी तरह से फुल हो चुकी है. यदि जल्द ही धान का उठाव ना हुआ तो धान खरीदी प्रभावित होने की पूरी आशंका है- जमाल खान,पर्यवेक्षक जिला सहकारी नोडल बैंक
किन उपार्जन केंद्रों में स्थिति है बिगड़ी
उपार्जन केंद्र
आवक (क्विंटल में)
उठाव
शेष
उठाव प्रतिशत
तुमान
20050.80
3840
16210
19.15 प्रतिशत
निरधि
19839
5720
14119
28.83 प्रतिशत
कोथारी
18714
4730
14062.40
25.17 प्रतिशत
नवापारा
18774
4000
18774
40.00 प्रतिशत
भैसमा
18086.40
3040
15046.40
16.81 प्रतिशत
करतला
18404.40
1340
17064.40
7.28 प्रतिशत
सिरमिना
18204 .80
280
17924.80
1.54 प्रतिशत
केरवाद्वारी
16739.60
00
16739
00 प्रतिशत
सोहागपुर
15778
3400
12378
21.55 प्रतिशत
चिकनीपाली
15607.60
2120
13487.60
13.58 प्रतिशत
बड़े केन्द्रों में भी अब धान रखने की जगह नहीं :राइस मिलर्स के हड़ताल से वर्तमान परिवेश में समिति से लेकर किसान दोनों परेशान हैं. शासन किसानों का एक–एक दाना धान बिना किसी पक्षपात परेशानी के खरीदने का दावा करती है, लेकिन फिलहाल अन्नदाता किसान शासन को धान बेचने के लिए अव्यवस्थाओं से जूझ रहे हैं. जिले में अब तक तय लक्ष्य की तुलना में 21 फीसदी धान की ही आवक हुई है. जो धान समितिययों में जमा हो चुका है, उसका उठाव नहीं हो रहा है.