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रीवा में अब कचरे से बनेगी 6 मेगावॉट बिजली, वेस्ट टू एनर्जी प्लांट का डिप्टी सीएम ने किया लोकर्पण - 6 megawatt electricity generated

Waste to Energy Plant Inaugurated: रीवा में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट का लोकार्पण डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला ने किया. 28 नगरीय निकायों से निकलने वाले 350 मीट्रिक टन कचरे से इस प्लांट में 6 मेगावॉट बिजली का उत्पादन किया जाएगा.

rewa waste to energy plant
रीवा में अब कचरे से बनेगी 6 मेगावॉट बिजली

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 16, 2024, 10:20 PM IST

वेस्ट टू एनर्जी प्लांट का डिप्टी सीएम ने किया लोकर्पण

रीवा।रीवा में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट का लोकार्पण शुक्रवार को डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला ने किया. इसे रायपुर कर्चुलियान तहसील के पहाड़िया गांव में 158.67 करोड़ की लागत से तैयार किया गया है. नवनिर्मित वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के कमिशनिंग एवं ग्रिड सिंक्रोनाइजेशन का लोकार्पण किया गया. नवनिर्मित वेस्ट टू एनर्जी प्लांट में रीवा संभाग के 28 नगरीय निकायों से 350 मीट्रिक टन कचरा एकत्रित किया जाएगा. जिसके बाद इसी कचरे से 6 मेगावॉट बिजली का उत्पादन किया जाएगा. इसके साथ ही कचरे से जलकर उत्सर्जित होने वाली हानिकारक गैसों को उपचारित करने के बाद उसे वायुमंडल में छोड़ा जाएगा.

वेस्ट टू एनर्जी प्लांट का लोकार्पण

शुक्रवार को मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने पहाड़िया गांव में नवनिर्मित वेस्ट टू एनर्जी प्लांट का लोकार्पण किया. इस प्लांट को रीवा के क्षेत्रीय एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन योजना यानि पीपीपी माडल के तहत तैयार किया गया है. इस प्लांट में नगर निगम रीवा एवं सतना सहित, रीवा, सीधी, सतना, मैहर एवं मऊगंज जिले के 28 नगरीय निकायों से उत्पन्न होने वाले कचरे को एकत्रित कर 6 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा. प्लांट की लागत 158.67 करोड़ रूपये है जिसमें 55 प्रतिशत राशि शासन द्वारा एवं 45 प्रतिशत राशि एमएसडब्ल्यू मैनेजमेन्ट सॉल्यूशन लिमिटेड रीवा देगा.जिसका पूर्ण स्वामित्व रामकी इन्वायरो इंजीनियर लिमिटेड हैदराबाद का है.

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350 मीट्रिक टन कचरे से उत्पन्न होगी 6 मेगावॉट बिजली

इस प्लांट से बनने वाली बिजली को बेचने के लिए ऊर्जा विभाग से अनुबंध किया गया है. क्लस्टर में सम्मिलित सभी 28 नगरीय निकायों से प्रतिदिन निकलने वाले 350 मीट्रिक टन कचरे का परिवहन कर वैज्ञानिक तरीके से कचरे का प्रसंस्करण करते हुये 6 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जायेगा. प्लांट के निर्मित हो जाने से वैज्ञानिक पद्धति से कचरे का निष्पादन किया जाएगा. कचरा जलने के उपरांत निकलने वाली राख का पुर्नउपयोग हो सकेगा. कचरे के जलने से उत्सर्जित होने वाली हानिकारक गैसों को उपचारित कर वायुमंडल में छोड़ा जाएगा.

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