रीवा: देश और प्रदेश में बेसहारा गोवंशों को लेकर राजनीति हमेशा तेज रही है. मध्य प्रदेश में नेताओं ने लंबे समय से गोवंशों को लेकर मुद्दा उठाते रहे हैं, लेकिन अब यह मुद्दा समाप्त होता दिख रहा है. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह है कि मध्य प्रदेश सरकार ने बेसहारा गोवंशों को सरकारी सहारा दिया है. डॉ. मोहन यादव गोवंशों को लेकर हमेशा सजग दिख रहे हैं. इसका ताजा उदाहरण जन्माष्टमी में देखने को मिला जहां प्रदेश में गौ पूजन के साथ धूमधाम से इस श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाया गया. इसके बाद अब सरकारी अफसरों ने भी इस पर पहल कर दिया है.
गोवंश की निगरानी के लिए विशेष दलों की स्थापना
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देशों पर रीवा में सरकारी अफसरों ने गोवंशों की सुरक्षा के लिए पहल शुरू कर दी है. रीवा के नगर निगम कमिश्नर और प्रभारी जिला पंचायत सीईओ सौरभ संजय सोनवाणे ने बताया कि "जिले में गायों की निगरानी के लिए हर 5-5 किलोमीटर में अलग अलग विशेष दलों की स्थापना की गई है.
शहरी इलाकों में जोन स्तर पर अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है, जो दिन में 3 बार वाहन को लेकर सड़क पर घूमते हैं. जिन जगहों पर भी गोवंशों का जमावड़ा रहता है, उन गोवंशों को वहां से उठाकर गौशाला में छोड़ने का कार्य किया जा रहा है." उन्होंने कहा कि "इस कार्य के लिए जोनल आधिकारी, इंजीनियर और वह खुद जिले के भ्रमण पर जाते हैं.
गौशाला में गोवंशों के लिए समुचित व्यवस्था
हाल ही में डॉ. मोहन यादव ने गौ पालकों को दी जाने वाली राशि में बढ़ोतरी करके 20 रुपए की जगह 40 रुपए करने की बात मंच से कही थी. वहीं, गौवंशों पर अत्याचार करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की भी बात कही है. सीएम ने यह भी कहा है कि "हमारी सरकार गायों को असहाय नहीं मरने देगी. उन्हें सड़कों से हटाकर गौशालाओं में रखा जाएगा और वहां पर उनके लिए समुचित व्यवस्था भी कराई जाएगी. इसके बाद अब इसका असर भी होता दिखाई दे रहा है.