रीवा: शासकीय कन्या पीजी यूनिवर्सिटी (गर्ल्स डिग्री कॉलेज) की छात्राओं ने देश के विभिन्न सर्वोच्च पदों पर कमान संभाली है. दरअसल, समाज में महिलाओं का दर्जा बढ़ाया जा सके, इसके लिए हमेशा से भारत में प्रयास किए गए हैं. देश की आजादी के बाद महिलाओं और बेटियों को सशक्त बनाने के लिए कई कदम उठाए गए, जिसका उदाहरण रीवा में स्थापित शासकीय कन्या पीजी यूनिवर्सिटी है.
इंदिरा गांधी ने रखी थी कॉलेज की नींव
आयरन लेडी कही जाने वाली देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी सन 1961 में रीवा प्रवास आईं थीं. इसी दौरान उन्होंने शासकीय गर्ल्स डिग्री कॉलेज की स्थापना की थी. धीरे-धीरे कॉलेज में छात्राओं की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई और 1969 में इस महाविद्यालय को नई इमारत दे दी गई. जहां से रीवा गर्ल्स डिग्री कॉलेज के नाम से कन्या महाविद्यालय की छात्राओं को नया भवन मिल गया. इसके साथ ही कॉलेज में प्रत्येक विषय की छात्राओं के लिए अलग-अलग व्यवस्थाओं से पढ़ाई का संचालन होने लगा.
कई छात्राओं ने रोशन किया रीवा का नाम
1961 के बाद से इस शासकीय कन्या पीजी यूनिवर्सिटी में अध्ययनरत बेटियों ने कभी भी महाविद्यालय की नींव को डगमगाने नहीं दिया. समाज में अपना नाम रोशन करते हुए होनहार छात्राएं नित नई-नई ऊंचाइयां गढ़ती रहीं. यहां अध्ययन करने वाली कई छात्राएं देश के उच्च पदों पर विराजमान हैं. वे राजनीति, न्यायपालिका से लेकर देश के रक्षा क्षेत्र तक में अपनी अहम भूमिका निभा रही हैं.
प्रिंसिपल खुद इस कॉलेज की छात्र
गर्ल्स डिग्री कालेज की प्राचार्य डॉ. विभा श्रीवास्तव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि वह खुद इस कन्या महाविद्यालय की छात्रा रह चुकी हैं. उन्होंने बताया, '' इस महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्राएं एनसीसी, स्पोर्ट्स, रेडक्रॉस सहित अन्य गतिविधियां में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परचम लहरा चुकी हैं. इसके साथ ही यहां की छात्राएं शैक्षणिक गतिविधियों में भी अव्वल स्थान पाती हैं और महाविद्यालय के गौरव को लगातार बढ़ाती रही हैं."