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रीवा गोलीकांड में यू-टर्न, आरोपी नाबालिग कैसे बन गया नगर निगम का सफाई कर्मचारी - Rewa firing case

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 31, 2024, 1:51 PM IST

रीवा में फायरिंग केस में एक आरोपी बाल अपराधी बताया गया है. इस बाल अपराधी ने गोलीकांड के आरोपी का साथ दिया. लेकिन पुलिस के खुलासे के 2 दिन बाद बाद इस बाल अपचारी को लेकर नया खुलासा हुआ है. दरअसल, ये बाल अपचारी नगर निगम का सफाई कर्मचारी निकला है. अब पुलिस के साथ ही नगर निगम उसके दस्तावेजों की जांच में जुटा है.

Rewa firing case
रीवा गोलीकांड का खुलासा करते एसपी विवेक सिंह (ETV BHARAT)

रीवा।सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र निवासी कादिर हुसैन अपनी दुकान को बंद करके घर वापस लौट रहा था कि इसी दौरान बाइक सवार दो लोगों ने उस पर पिस्टल से फायरिंग करके घायल कर दिया. इस मामले में पुलिस ने खुलासा किया और घटनाक्रम में मास्टरमाइंड उसकी पत्नी सकीना बेगम को बताया. जिसने अपने आशिक के साथ मिलकर पति पर जानलेवा हमला करवाया. पति कादिर हुसैन रिश्ते की चचेरी बहन से निकाह करने की तैयारी में है. इससे खफा पत्नी ने अपने प्रेमी से शर्त रखते हुए पति को जान से मारने की सुपारी दी.

आरोपी नाबालिग निकला नगर निगम का सफाई कर्मचारी (ETV BHARAT)

कार का पीछा करके मारी गोली

इसके बाद रेहान खान ने बाल अपराधी के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया. कादिर को जान से मारने के लिए 23 जुलाई की रात कार का पीछा किया और फिर कनपटी पर पिस्टल तानकर फायरिंग कर दी. पुलिस ने कादिर हुसैन की पत्नि सकीना बेगम और उसके प्रेमी रेहान खान को आरोपी बनाया. वारदात में शामिल बाल अपचारी पर भी कार्रवाई की गई. लेकिन इस मामले में तब नया मोड़ ले लिया, जब वारदात में शामिल बाल अपचारी नगर निगम में सफाई कर्मचारी निकला.

किस आधार पर नगर निगम ने रखा नौकरी पर

सवाल ये उठता है कि गोलीकांड में शामिल अपराधी अगर नाबालिग था तो उसने नगर निगम में नौकरी कैसे हासिल कर ली. अगर बालिग होते हुए उसने नगर निगम में नौकरी पाई तो फिर पुलिस ने उसे गोलीकांड में बाल अपचारी क्यों बनाया. इस मामले में नगर निगम के स्वास्थ अधिकारी बालगोविंद चतुर्वेदी का कहना है"ये कर्मचारी नगर निगम में सफाई कर्मचारी है. वह पिछ्ले दो साल से पदस्थ है. सफाई कर्मी के पद के लिए आयु निर्धारित है, जिसमें आवेदक की आयु कम से कम 21 से 23 साल होनी चाहिए. नियुक्ति के दौरान आवेदक का बैंक खाता नंबर और आधार कार्ड जैसे दस्तवेजों के जांच की जाती है और उसकी प्रति नगर निगम के स्वास्थय विभाग में जमा कराई जाती है."

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नाबालिग के बारे में पुलिस ने नए सिरे से शुरू की जांच

वहीं इस मामले में एसपी विवेक सिंह का कहना है "10वीं अंकसूची के आधार पर उसे बाल अपचारी होना पाया गया. अब पचा चला है कि वह रीवा नगर निगम में सफाई कर्मचारी है. दोनों बातें एक साथ नहीं हो सकती. अगर अपने बचाव में अपचारी ने पुलिस के समक्ष गलत दस्तावेज प्रस्तुत किए है तो धाराएं बढ़ाकर आगे की कार्रवाई की जाएगी." वहीं, नगर निगम प्रभारी कमिश्नर व जिला पंचायत सीईओ संजय सौरभ सोनवाणे का कहना है "कोई भी नाबालिग नौकरी नहीं पा सकता. सभी दस्तावेजों की जांच की जाएगी."

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