मंत्रिमंडलीय कमेटी ने जताई नाराजगी जयपुर.पूर्ववर्ती सरकार के अंतिम 6 माह के निर्णयों की समीक्षा को लेकर अहम बैठक हुई. बैठक में कमेटी ने प्रकरणों की स्क्रूटनी नहीं होने पर नाराजगी जताई और अधिकारियों को प्रकरणों की स्क्रूटनी का होमवर्क पहले करने के निर्देश दिए गए हैं. कमेटी ने साफ़ किया कि बैठक में सिर्फ वही मामले लाए जाएं जिन पर विचार करके निर्णय करने की स्थिति हो.
कमेटी के संयोजक कैबिनेट मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर की अध्यक्षता में दो घंटे तक हुई इस बैठक में अधिकारियों को मामलों की स्क्रूटनी को लेकर दिशा निर्देश दिए गए. संयोजक गजेंद्र सिंह बताया बताया कि बैठक में WCD,PWD, कला संस्कृति और खेल सहित 16 विभागों के प्रकरणों को लेकर विचार किया गया , हालांकि प्रकरणों की स्क्रूटनी नहीं होने से काफी ज्यादा पेचीदगी देखने को मिली.
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16 विभागों के प्रकरणों पर हुई चर्चा :बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वो अगली बार बैठक में आने से पहले प्रकरणों का पूरा होमवर्क करें और स्क्रूटनी करके ही कमेटी के समक्ष रखे ताकि निर्णय लेने में देरी नहीं हो. राठौड़ ने कहा कि अगर इस तरह से प्रकरण उलझे हुए आएंगे तो 3 महीने में रिपोर्ट कैसे बनेगी ? समय पर रिपोर्ट तैयार करनी है तो उसके लिए कमेटी के समक्ष उन्हीं प्रकरणों को लाया जाए जिनकी स्क्रूटनी हो जाए. मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर,मंत्री जोगाराम पटेल, मंत्री रोहित गोदारा,मंजू बाघमार बैठक में शामिल हुए, साथ ही समीक्षा बैठक में कई विभागों के अधिकारी भी शामिल हुए .
200 प्रकरण हुए चिन्हित : बता दें कि प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ प्रदेश की भजन लाल सरकार ने पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के कार्यकाल के अंतिम 6 महीने में लिए गए निर्णयों की समीक्षा को लेकर मंत्री मंडलीय कमेटी बनाई थी. कमेटी ने पिछले सप्ताह पहली बैठक में 200 प्रकरण चिन्हित कर लिए थे, जिन पर विभागवार समीक्षा होनी है, सभी विभागों के प्रकरणों की सूची तैयार की जा रही है. कमेटी साप्ताहिक समीक्षा करके माह डेढ़ माह में रिपोर्ट तैयार करेगी, जो मुख्यमंत्री को देनी है. अगली बैठक 20 फरवरी को होगी.