नई दिल्ली: अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे 104 भारतीयों को लेकर अमेरिकी सेना का सी-17 विमान 5 फरवरी को अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा. विमान को पैसेंजर टर्मिनल की बजाय वायुसेना के एयरबेस पर उतारा गया. कथित रूप से हथकड़ी और जंजीरों में जकड़े हुए अमेरिका से वापस भेजे जाने की घटना ने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है. जांच में यह बात सामने आयी कि बड़ी संख्या में लोग डंकी रूट से अमेरिका में प्रवेश कर रहे हैं.
बेहतर माइग्रेशन पॉलिसी की आवश्यकताः अमेरिका से 104 भारतीयों को वापस भेजे जाने से स्तब्ध वैश्विक राजनीति के जानकारों ने शनिवार को भारत सरकार से उन अवैध एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की है, जो भारतीयों को डंकी रूट से अमेरिका भेजते हैं. हालांकि, विशेषज्ञों ने बेहतर माइग्रेशन पॉलिसी की आवश्यकता पर बल दिया है, साथ ही उन एजेंटों की मौजूदगी की उचित जांच की भी आवश्यकता बताई जो भारतीयों को विदेश भेजने के लिए धोखाधड़ी के तरीके अपनाते हैं.
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भू-राजनीतिक विशेषज्ञ चंदन नंदी ने ईटीवी भारत से कहा, "भारत सरकार को यह (कार्रवाई) बहुत पहले ही कर देनी चाहिए थी. वैध एजेंट भी हैं. लेकिन, जो एजेंट धोखाधड़ी के माध्यम से लोगों को विदेश भेजते हैं, उनके राजनेताओं से संबंध होते हैं. इसलिए, हमें इस तरह की धोखाधड़ी गतिविधियों की जांच करने के लिए एक मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति के साथ केंद्र और राज्य के बीच उचित समन्वय की आवश्यकता है."
क्या है डोंकी रुटः
- 'डंकी रूट' एक खतरनाक यात्रा है जिसे लोग अवैध रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम जैसे देशों में प्रवेश करने के लिए अपनाते हैं.
- पंजाबी मुहावरे "डुंकी" से उत्पन्न हुआ है जिसका अर्थ है "एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना"
- ट्रैवल एजेंट भारी भुगतान के बदले में वीजा का वादा करके विदेश यात्रा के लिए लोगों की आकांक्षाओं का शोषण करते हैं.
- डंकी मार्ग हमेशा से खतरनाक रहा है. यह लंबे समय से इस्तेमाल में था, लेकिन हाल ही में अमेरिका से भारतीयों के निर्वासन के बाद यह मुद्दा सुर्खियों में आया
- एजेंटों ने इस प्रक्रिया के माध्यम से बहुत सारा पैसा कमाया जब उन्होंने लोगों को अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य जगहों पर भेजा
खतरनाक होता है डोंकी रुटः नंदी के अनुसार डंकी मार्ग अपनाने से जान को खतरा रहता है. जहां तक डोंकी रूट से अमेरिका में प्रवेश करने की बात है, दक्षिणी सीमा से दो मुख्य अवैध प्रवेश मार्ग हैं. एक मेक्सिको से होकर और दूसरा जिसे "डंकी मार्ग" के रूप में जाना जाता है, जिसमें कई देशों को पार करना और घने जंगलों और उच्च समुद्रों सहित खतरनाक इलाकों को पार करना शामिल है. इस मार्ग पर प्रवासियों को अमेरिका पहुंचने से पहले कई उड़ानों, टैक्सियों, कंटेनर ट्रकों, बसों और नावों के माध्यम से ले जाया जाता है.
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लोगों का शोषण करते हैंः नंदी ने कहा "ऐसा नहीं है कि बेईमान एजेंट केवल भारत में ही सक्रिय हैं. अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य देशों में भी ऐसे बेईमान एजेंट सक्रिय हैं. भारत सरकार को इस मुद्दे को अन्य देशों के साथ उठाना चाहिए.ये एजेंट भोले-भाले लोगों को लुभाने के लिए निवास परमिट और ड्राइविंग लाइसेंस सहित जाली दस्तावेज़ प्रदान करते हैं. धोखेबाज कंटेनर और जहाज जैसे तरीकों का उपयोग करके अवैध सीमा पार करने की सुविधा देकर प्रवासियों का शोषण करते हैं."
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भारत में एजेंटों के खिलाफ कार्रवाईः सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2023 तक ई-माइग्रेट पोर्टल के माध्यम से 2925 अवैध एजेंटों को अधिसूचित किया गया है. सूची के अनुसार, आंध्र प्रदेश में 471, उत्तर प्रदेश में 400 और तमिलनाडु में 360 एजेंट हैं. नंदी ने कहा कि ऐसे धोखेबाज एजेंटों का पता लगाने के लिए केंद्र और राज्य के बीच उचित समन्वय होना चाहिए. तभी अवैध एजेंटों पर लगाम लगायी जा सकेगी.
अमेरिकी सरकार द्वारा भारतीयों के निर्वासन से नाराज, कॉमनवेल्थ फेलो और स्तंभकार प्रोफेसर देबाशीष चक्रवर्ती ने निर्वासन को राष्ट्रीय त्रासदी और गंभीर अपमान बताया. उन्होंने भारतीय नागरिकों के निर्वासन की पृष्ठभूमि में अमेरिकी राष्ट्रपति से मिलने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की उत्सुकता पर भी सवाल उठाया. चक्रवर्ती कहा, "यदि भारत में बिना वैध दस्तावेजों वाले अमेरिकियों के साथ इस तरह का व्यवहार किया जाता, तो क्या अमेरिकी नेता भारतीय प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति से मिलने की जहमत उठाते?"
प्रोफ़ेसर चक्रवर्ती ने इस अमानवीय व्यवहार के खिलाफ संसद से माफी और कड़े विरोध की मांग की. विदेश मंत्री एस जयशंकर की आलोचना करते हुए कहा कि वे "चुपचाप इस तरह के अपमान को सहन कर रहे हैं. मैं सभी राजनीतिक दलों से संसद में इस "निरंकुश अमेरिकी कदम" की एकमत से निंदा करने का आग्रह करता हूं. मैं अमेरिकी राजनेताओं की अंतरात्मा से भी अपील करता हूं कि वे अब्राहम लिंकन की लोकतांत्रिक भावना को बनाए रखें."
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भारत में अवैध रुप से रहने वाले विदेशीः सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2020 में अपने वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद 40 हजार से अधिक विदेशी भारत में रुके. केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 2019 में अपने वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद देश में रहने वाले विदेशी नागरिकों की संख्या 54 हजार 576, 2020 में 40 हजार 239 और 2021 में 25,143 थी. 2019, 2020 और 2021 में क्रमशः कुल 4 लाख 10 हजार 677, 1 लाख 42 हजार 928 और 2 लाख 72 हजार 190 विदेशी मेडिकल वीजा पर आए. 2022 तक मेडिकल वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी भारत में रहने वाले विदेशियों की संख्या 26 हजार 599 थी.
क्या कहते हैं मंत्रीः गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद में बताया, "वास्तविक मामलों में, जहां अनजाने में या अज्ञानता के कारण या मजबूरी के कारण ओवरस्टे करना होता है, वहां जुर्माना शुल्क वसूलने के बाद ओवरस्टे की अवधि को नियमित कर दिया जाता है और आवश्यकता पड़ने पर वीजा बढ़ा दिया जाता है. जहां ओवरस्टे जानबूझकर या अनुचित पाया जाता है, वहां विदेशी अधिनियम 1946 के अनुसार उचित कार्रवाई की जाती है."
ई-माइग्रेट पोर्टल क्या हैः विदेश मंत्रालय (एमईए) के विदेशी रोजगार प्रभाग द्वारा 2014 में लॉन्च किया गया, ई-माइग्रेट पोर्टल विदेश में रोजगार की तलाश कर रहे भारतीय श्रमिकों के प्रवास को सुविधाजनक बनाने और प्रबंधित करने के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म है. इसका उद्देश्य सूचना पहुंच, दस्तावेज़ीकरण, हेल्पलाइन सहायता, सेवाओं के साथ एकीकरण और जागरूकता अभियान सहित विभिन्न सेवाएं प्रदान करके प्रवासी श्रमिकों के लिए एक सुरक्षित और पारदर्शी ढांचा प्रदान करना है.
पोर्टल का नया संस्करणः पिछले साल अक्टूबर में, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पोर्टल को संस्करण 2.0 के रूप में फिर से लॉन्च किया, जिसमें श्रमिकों के मुद्दों को संबोधित करने के लिए 24/7 बहुभाषी हेल्पलाइन सहायता और निवारण के लिए प्रतिक्रिया का त्वरित पंजीकरण सहित अधिक कार्यक्षमताएं शामिल हैं. डिजिलॉकर जैसे अन्य डिजिटल समाधानों को भी पोर्टल में एकीकृत किया गया, जिससे प्रवासियों को विभिन्न दस्तावेज़ बिना कागज के जमा करने और तेजी से मंजूरी प्राप्त करने में मदद मिली.
ट्रैवल एजेंट की जांच होः जिम्बाब्वे में भारत के पूर्व राजदूत जेके त्रिपाठी ने कहा कि भोले-भाले भारतीय बहुत आसानी से बेईमान ट्रैवल एजेंटों के झांसे में आ जाते हैं. त्रिपाठी के अनुसार, सभी ट्रैवल एजेंटों की जांच और संतुलन होना चाहिए. सभी ट्रैवल एजेंटों को पंजीकृत होना चाहिए और विदेश में प्रवास करने वाले लोगों के पास अच्छी तरह से बनाए गए दस्तावेज होने चाहिए. ब्राजील में भारत के महाधिवक्ता रहे त्रिपाठी ने कहा, "इससे भारतीय अधिकारियों को अपने लोगों और जिस देश में वे जा रहे हैं, उन पर नजर रखने में भी मदद मिलेगी."
त्रिपाठी ने हथकड़ी और पैरों में जंजीर बांधकर भारतीयों को वापस भेजने के तरीके की भी निंदा की. उन्होंने कहा, "भारत सरकार पहले ही अमेरिका की इस तरह की कार्रवाई का विरोध कर चुकी है. भारत सरकार ने अमेरिकी अधिकारियों से बाकी भारतीयों (अवैध रूप से रह रहे) को वापस भेजने में संवेदनशीलता बरतने को कहा है. ब्राजील और कोलंबिया जैसे देशों ने अपने नागरिकों को हथकड़ी और पैरों में जंजीरें बांधे पाए जाने के बाद अमेरिकी विमान को वापस लौटा दिया."
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