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उत्तराखंड में रिटायर्ड मेजर ने पुराने घर को पहाड़ी शैली में बनाया होम स्टे, खुद सीएम धामी भी बिता चुके रात - PAURI GARHWAL HOME STAY

उत्तराखंड में होम स्टे के नए आयाम, सैलानियों को पसंद आ रहे पहाड़ी शैली में बने होम स्टे,रावत गांव में पठाल होम स्टे बना पसंदीदा

Rawat Village Pathaal Homestay
पठाल होम स्टे (फोटो सोर्स- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 10, 2024, 4:11 PM IST

Updated : Dec 10, 2024, 11:02 PM IST

पौड़ी:अगर आप भी उत्तराखंड की खूबसूरत वादियों में घूमने और कुदरती नजारों का दीदार करना चाहते हैं तो आपको ठहरने एवं रुकने की चिंता करने की जरूरत नहीं है. आप अपने बजट और लोकेशन के हिसाब से खूबसूरत होमस्टे में रात बिता सकते हैं. जहां न केवल आपको पहाड़ी व्यंजनों का स्वाद चखने को मिलेगा, बल्कि पहाड़ी शैली में बने होम स्टे में आराम करने का मौका भी मिलेगा. ऐसा ही एक होम स्टे पौड़ी से महज 6 किमी की दूरी पर रावत गांव में मौजूद है. यहां आपको सब कुछ मिलेगा. खास बात ये है कि इस होम स्टे में खुद सीएम धामी भी रात्रि विश्राम कर चुके हैं.

होम स्टे में उत्तराखंड गढ़ रहा नए आयाम: दरअसल, उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों से लगातार पलायन हो रहा है. जिसे रोकने के लिए सरकार कई तरह के प्रयोग कर रही है. सरकार स्वरोजगार के माध्यम से लोगों को गांवों में रोकने का प्रयास कर रही है. साथ ही जो लोग जा चुके हैं, उन्हें वापस बुलाने (रिवर्स पलायन) की कोशिश कर रही है. इसी को देखते हुए सरकार होम स्टे योजना को बढ़ावा दे रही है. इसके तहत दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास (होम स्टे) योजना चला रही है.

रिटायर्ड मेजर का पहाड़ी शैली में बना पठाल होम स्टे (वीडियो सोर्स- ETV Bharat)

दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास (होम स्टे) योजना में दी जाती है सब्सिडी:खास बात ये है कि इस योजना के तहत राज्य सरकार होम स्टे बनाने के लिए सब्सिडी भी देती है. दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास (होम स्टे) योजना के जरिए पर्यटकों को उत्तराखंड की संस्कृति और स्वादिष्ट व्यंजनों का अनुभव कराया जाता है. इस योजना का मकसद स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ना और उनकी आय बढ़ाना है.

रिटायर्ड मेजर गोरखी चंदोला का होम स्टे (फोटो सोर्स- Retired Major Gorkhi Chandola)

12 साल देश सेवा की, अब युवाओं के लिए बने नजीर:पौड़ी जिले के रावत गांव के रिटायर्ड मेजर गोरखी चंदोला भी युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन रहे हैं. देश सेवा करने के बाद अब गोरखी चंदोला अपने गांव में स्वरोजगार को बढ़ावा दे रहे हैं. 12 सालों तक आर्मी में अपनी सेवाएं देने के बाद गोरखी चंदोला अपने पैतृक गांव पहुंचे. उन्होंने अपने पूर्वजों के पुराने घर को रेनोवेट कर पहाड़ी शैली में तैयार कर होम स्टे में तब्दील कर दिया.

होम स्टे में मिलेगी हर सुविधा (फोटो सोर्स- ETV Bharat)

पौड़ी और देहरादून में पठाल नाम से चला रहे होम स्टे: वर्तमान में चंदोला पौड़ी और देहरादून में पठाल नाम से होम स्टे संचालित करते हैं. उन्होंने अपने होम स्टे को पहाड़ी शैली में बनाया है. अपने होम स्टे में पर्यटकों को पहाड़ी खान-पान के साथ पहाड़ी जीवन शैली से भी रूबरू करवाते हैं. उनके पठाल होम स्टे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक रात बिता चुके हैं और उन्होंने पठाल होम स्टे की जमकर तारीफ भी की थी.

पठाल होम स्टे का नजारा (फोटो सोर्स- Retired Major Gorkhi Chandola)

पत्नी के साथ मिलकर पैतृक घर को संवारा:पूर्व मेजर गोरखी चंदोला ने बताया कि पहले गांव में होम स्टे बनाने का कोई प्लान नहीं था. चंदोला अपने पैतृक घर यानी दादा-दादी के घर और गांव को आबाद करना चाहते थे. पूर्व मेजर बताते हैं कि जिस घर में वे बचपन में रहे, वो घर टूटने लगा था. उसके बाद अपनी पत्नी के साथ मिलकर उन्होंने घर और गांव को ठीक करने का जिम्मा लिया.

इसके बाद पूर्व मेजर चंदोला ने धीरे-धीरे अपने पुश्तैनी घर को ठीक करना शुरू किया. पुराने घर के ही मिट्टी, पत्थर और लकड़ी का इस्तेमाल कर नए सिरे से पहाड़ी शैली में घर बनाया. इसे उन्होंने होम स्टे में तब्दील कर दिया. लगातार खाली हो रहे गांव को आबाद करने के लिए उन्होंने गांव में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन भी किया. जैसे रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम, बच्चों, महिलाओं पुरुषों के लिए दौड़ का आयोजन किया. जिससे गांव में रहने वाले लोग अन्य गतिविधियों से जुड़कर आपसी भाईचारे को बरकरार रख सकें.

पठाल होम स्टे का कमरा (फोटो सोर्स- Retired Major Gorkhi Chandola)

होम स्टे में रुकने के लिए देना होगा इतना चार्ज:पहाड़ी क्षेत्रों में बने होम स्टे पर्यटकों की पहली पसंद है. क्योंकि, यहां से प्राकृतिक सौंदर्य का पर्यटक आसानी से दीदार कर पाते हैं. पौड़ी में स्थित पठाल होम स्टे की बात की जाए तो यहां पर रात्रि विश्राम के लिए प्रति व्यक्ति के हिसाब से 1800 रुपए चार्ज किया जाता है. जिसमें तीनों समय का खाने से लेकर अन्य चीजें भी शामिल होती है. खाने में कोदे की रोटी, झंगोरे की खीर समेत अन्य पहाड़ी व्यंजन परोसे जाते हैं.

होम स्टे के कमरे (फोटो सोर्स- ETV Bharat)

इस तरह से पहुंच सकते हैं पठाल होम स्टे:चूल्हे में बनने वाला पहाड़ी खाना पर्यटकों के लिए नया अनुभव होता है. इस पहाड़ी होम स्टे में 4 लोगों को भी रोजगार दिया गया है. इस होम स्टे तक आने के लिए पर्यटकों को देहरादून से पहले देवप्रयाग फिर पौड़ी आना होगा. इसके बाद पौड़ी से महज 6 किलोमीटर की दूरी पर रावत गांव पहुंचना होगा. अगर आप भी होम स्टे में बुकिंग कराना चाहते हैं तो इस फोन नंबर 8859888816 पर संपर्क कर सकते हैं.

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Last Updated : Dec 10, 2024, 11:02 PM IST

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