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आर्मी डॉग्स की शौर्यगाथा; लादेन और बगदादी के खात्मे में निभाई थी अहम भूमिका, रिटायर्ड मेजर जनरल ने लिखी किताब - MOOK K9 YODDHA BOOK - MOOK K9 YODDHA BOOK

यूपी के मेरठ में रह रहे 79 वर्षीय रिटायर्ड सैन्य अधिकारी बीएस पंवार ने नेपोलियन वार से लेकर वर्ल्ड वार समेत अब तक देशी विदेशी ऑपरेशन में सेना में शामिल रहे कुत्तों की शौर्यगाथा को लेकर एक किताब लिखा है. सेना में अतिरिक्त महानिदेशक रह चुके मेजर जनरल बी एस पंवार ने दो सौ साल में साहसी कुत्तों की कहानी से अपनी किताब में रूबरू कराया है.

मूक k9 योद्धा किताब.
मूक k9 योद्धा किताब. (Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 7, 2024, 6:36 PM IST

Updated : Aug 7, 2024, 11:03 PM IST

मूक k9 योद्धा के लेखक मेजर जनरल (रिटायर्ड) बीएस पंवार से खास बातचीत. (Video Credit; ETV Bharat)

मेरठःआमतौर पर ऐसे साहित्य और पत्र-पत्रिकाएं पढ़ने को खूब मिल जाते हैं, जिनमें वीर योद्धाओं की शौर्यगाथा होती है. लेकिन जाबांज कुत्तों की कहानी और शौर्यगाथा नहीं पढ़ने को मिलती है. ऐसे में सेना में अतिरिक्त महानिदेशक रह चुके मेजर जनरल बीएस पंवार ने दो सौ साल में साहसी कुत्तों की कहानी पर किताब 'मूक k9 योद्धा' लिखी है.

हिंदी में जाबांज कुत्तों की पहली किताबःईटीवी भारत ने खास बातचीत में मेजर जनरल बीएस पंवार बताते हैं कि यह उनकी चौथी किताब है. हिंदी में सेना के जांबाज कुत्तों को लेकर लिखी गई पहली किताब है. देश दुनिया में भिन्न भिन्न लड़ाइयों में योगदान देने वाले कुत्तों के बार में इस किताब में पूरी जानाकरी है. उन्होंने बताया कि कई बार तो सेना के जवानों के कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़े हैं, और दुश्मनों पर हाबी रहे हैं. स्पेशल डॉग्स के वीरता के तमाम किस्से उन्होने इस खास किताब में लिखे हैं.

बहादुरी और वीरता की है कहानीःबीएस पंवार ने कहा कि जब से इंसान बना है तभी से मैत्रपूर्ण सम्बन्धों के लिए इंसानों के संग कुत्तों का भी अहम रोल रहा है. एक कहावत रही है कि जब हम लड़ाई पर जाते हैं तो कुत्ते भी लड़ाई पर जाते हैं. पहले भी जब कबीले कोई लड़ाई लड़ते थे तो वहां भी उनके साथ में कुत्ते रहते थे. उन्होंने इस किताब में खासतौर पर नेपोलियन वार के समय से अब तक के ऐसे कुत्तों की बहादुरी के किस्से लिखे हैं, जिन्होंने सेनाओं का साथ दिया और जंग या ऑपरेशन को आसान बनाने में मदद की. बीएस पंवार ने बताया कि प्राचीन काल से आज तक दुनिया भर में विभिन्न युद्धों के मुख्य संघर्षों और प्राकृतिक आपदाओं में सैन्य कार्य करने वाले श्वानों की बहादुरी और वीरता पर आधारित इस किताब में उनके मनोविज्ञान का जिक्र है. आर्मी डॉग्स की विशेष इंद्रियों के बारे में चर्चा है.

विश्व के सबसे बड़े आतंकवादी के खात्मे में निभाई भूमिकाःउन्होंने बताया कि कोरियन वार, वियतनाम वार और अफगानिस्तान वार सैन्य कुत्ते हमेशा सैनिकों के साथ रहे हैं. उन्होंने बताया कि दुनिया का सबसे बड़ा आतंकवादी ओसामा बिन लादेन और अल बगदादी पर जब कार्रवाई हुई तो कुत्तों की भूमिका बेहद ही महत्वपूर्ण रही. सैन्य कुत्ते और उनके हैंडलर दोनों एक दूसरे के लिए मददगार होते हैं. ये एक टीम होती है. जब भी कोई ऑपरेशन सफल होता है तो उसमें सफलता का श्रेय दोनों को जाता है. उन्होंने बताया कि इस किताब में हर उस साहसी श्वान की स्टोरी है, जिसने कभी न कभी एक सैनिक की भांति अपने कर्तव्य का निर्वहन किया. किताब मूक k9 योद्धा में जिन कुत्तों का जिक्र है, उन्हें विभिन्न अवसरों पर सम्मानित भी किया गया है. वहीं, तमाम मेडल भी जंग में सेवा देने वाले कुत्तों को मिले हैं, उनका भी जिक्र है. बीएस पंवार बताते हैं कि श्वानों में गजब की शक्ति होती है. इनमें इतनी क्षमताएं हैं, जिसका हम खुद भी कई बार अंदाजा नहीं लगा सकते. किसी भी मिशन के लिए डॉग्स को अगर ट्रेंड करना चाहें तो उसके अंदर इतनी काबिलियत है कि उसे ट्रेंड कर सकते हैं. जितनी हमारी सोच है उससे भी ज्यादा कुत्ते में क्षमताएं हैं.

कौन हैं बीएस पंवावरःमेजर जनरल बी एस पंवार ने सेना में 37 साल तक सेवाएं दी हैं. उन्होंने अपने सेवा काल में RTSM सहारनपुर को कमांड किया है. हिसार में सेवाएं दी हैं. एडिशनल डीजी आर्मी हेडक्वार्टर RVC (रिमाउंस वेटनरी कोर) रहे हैं. हिसार के आर वी सी कॉलेज में इंस्ट्रक्टर भी रहे हैं, फील्ड एरिया में लेह लद्दाख समेत देश के अधिकतर कोनों में अपनी सेवा दी है. दिल्ली में 2002 से 2005 तक आरवीसी कोर के अतिरिक्त महानिदेशक के तौर पर सेवाएं देते हुए रिटायर हुए थे.

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Last Updated : Aug 7, 2024, 11:03 PM IST

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