नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर में विकास को रफ्तार देने के लिए परिवहन की दिशा में लगातार विकास कार्य हो रहे हैं. दिल्ली से मेरठ के बीच रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के कॉरिडोर के बाद अब सराय काले खां से रेवाड़ी तक नया कॉरिडोर बनना है. यह कॉरिडोर दिल्ली के नेशनल जूलॉजिकल पार्क (दिल्ली जू) के नीचे अंडरग्राउंड से होकर गुजरेगा. कहा जा रहा है कि दिल्ली जू के नीचे रैपिड रेल चलने से जानवरों व पक्षियों का तनाव बढ़ सकता है. इसको लेकर रिसर्च की जा रही है.
इसलिए जू के नीचे से जाएगी रैपिड रेल: दरअसल, दिल्ली जू के एक तरफ पुराना किला है और दूसरी ओर हुमायूं का मकबरा है. दोनों ही प्राचीन स्मारक हैं. ऐसे में इन ऐतिहासिक इमारतों के नीचे से रैपिड रेल चलाने की अनुमति नहीं मिल सकती है. इसलिए जू के नीचे से ही रैपिड रेल का संचालन करना मजबूरी है. लेकिन रैपिड रेल के चलने से दिल्ली जू में रह रहे जानवरों व पक्षियों के व्यवहार पर असर पड़ सकता है, जिससे वह तनाव में आ सकते हैं.
रेल व पर्यावरण मंत्रालय करा रहा रिसर्च:दिल्ली जू के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक, रेल व पर्यावरण मंत्रालय की ओर से सर्वे कराया जा रहा है कि जू के नीचे से रैपिड रेल के संचालन से जानवरों पर क्या असर पड़ेगा. यह रिसर्च वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की ओर से की जा रही है. सर्दी, गर्मी, बारिश के मौसम में तापमान अलग-अलग होता है. ऐसे में अलग मौसम और तापमान के आधार पर भी रिसर्च हो रही है. रिसर्च नवंबर 2023 से चल रही है, जिसमें जानवरों व पक्षियों की हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है.