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रैपिड ट्रेन से क्या तनाव में आ सकते हैं दिल्ली जू के जानवर, वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कर रही रिसर्च - research on delhi zoo animals - RESEARCH ON DELHI ZOO ANIMALS

Research on delhi zoo animals: दिल्ली जू के जानवरों पर रिसर्च की जा रही है. इसके तहत यह पता लगाया जा रहा है कि रैपिड ट्रेन संचालन से दिल्ली जू के जानवर तनाव में तो नहीं आ जाएंगे.

दिल्ली जू के जानवरों पर की जा रही रिसर्च
दिल्ली जू के जानवरों पर की जा रही रिसर्च (ETV Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 3, 2024, 4:34 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर में विकास को रफ्तार देने के लिए परिवहन की दिशा में लगातार विकास कार्य हो रहे हैं. दिल्ली से मेरठ के बीच रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के कॉरिडोर के बाद अब सराय काले खां से रेवाड़ी तक नया कॉरिडोर बनना है. यह कॉरिडोर दिल्ली के नेशनल जूलॉजिकल पार्क (दिल्ली जू) के नीचे अंडरग्राउंड से होकर गुजरेगा. कहा जा रहा है कि दिल्ली जू के नीचे रैपिड रेल चलने से जानवरों व पक्षियों का तनाव बढ़ सकता है. इसको लेकर रिसर्च की जा रही है.

इसलिए जू के नीचे से जाएगी रैपिड रेल: दरअसल, दिल्ली जू के एक तरफ पुराना किला है और दूसरी ओर हुमायूं का मकबरा है. दोनों ही प्राचीन स्मारक हैं. ऐसे में इन ऐतिहासिक इमारतों के नीचे से रैपिड रेल चलाने की अनुमति नहीं मिल सकती है. इसलिए जू के नीचे से ही रैपिड रेल का संचालन करना मजबूरी है. लेकिन रैपिड रेल के चलने से दिल्ली जू में रह रहे जानवरों व पक्षियों के व्यवहार पर असर पड़ सकता है, जिससे वह तनाव में आ सकते हैं.

रेल व पर्यावरण मंत्रालय करा रहा रिसर्च:दिल्ली जू के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक, रेल व पर्यावरण मंत्रालय की ओर से सर्वे कराया जा रहा है कि जू के नीचे से रैपिड रेल के संचालन से जानवरों पर क्या असर पड़ेगा. यह रिसर्च वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की ओर से की जा रही है. सर्दी, गर्मी, बारिश के मौसम में तापमान अलग-अलग होता है. ऐसे में अलग मौसम और तापमान के आधार पर भी रिसर्च हो रही है. रिसर्च नवंबर 2023 से चल रही है, जिसमें जानवरों व पक्षियों की हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है.

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11 जानवरों व पक्षियों पर चल रही रिसर्च:अधिकारियों के मुताबिक शेर, तेंदुआ, भालू, गीदड़, पहाड़ी बकरी, सुअर, बारहसिंघा, हिरण, मोर, काला मुर्गा समेत कुल 11 जानवरों व पक्षियों पर रिसर्च चल रही है. सर्दी और गर्मी के मौसम की रिसर्च पूरी हो गई है. अब मानसून के समय की रिसर्च की जा रही है. वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की टीम, जानवरों व पक्षियों के स्टूल को देहरादून स्थित लैब में भेजते हैं, जहां पर यह जांच होती है कि जानवर या पक्षी कोर्टिसोल हार्मोन कितना रिलीज कर रहे हैं. इससे उनके तनाव का स्तर नापा जाता है. साथ ही जानवरों के खानपान, रहन सहन, व्यवहार आदि पर भी ध्यान दिया जाता है.

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