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सुहाना रहा है झारखंड में बीजेपी का सफर, राज्य गठन के बाद और मजबूत हुई पार्टी - BJP in Jharkhand

Organizational situation of BJP. झारखंड में बीजेपी शुरुआत से ही मजूबत पार्टी रही है. साल दर साल यह और मजबूत होती चली गई. सात अध्यक्षों ने पार्टी की कमान संभाली है. आइए एक नजर डालते हैं झारखंड में सफरनामे पर.

Report on organizational situation of BJP in Jharkhand
Report on organizational situation of BJP in Jharkhand

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Apr 7, 2024, 9:46 AM IST

Updated : Apr 7, 2024, 10:00 AM IST

पार्टी के सफर पर बात करते बीजेपी नेता प्रदीप सिन्हा

रांचीः झारखंड में बीजेपी अपने शुरुआती समय से मजबूत रही है. संयुक्त बिहार के समय से ही झारखंड में बीजेपी अपनी संगठनात्मक मजबूती बनाती रही. यूं कहें तो जनसंघ के समय संगठनात्मक मजबूती की नींव यहां पड़ी, जो समय के साथ मजबूत होती चली गई.

बीजेपी नेता प्रदीप सिन्हा कहते हैं कि 6 अप्रैल 1980 को राजनीतिक दल के रूप में अस्तित्व में आने के बाद बीजेपी ने चुनाव में सीधे तौर पर उतरना शुरू किया. राष्ट्रवाद का मूलमंत्र पार्टी के अंदर शुरू से रहा, जिस वजह से जनता के बीच एक अलग छवि बनाने में समय के साथ बीजेपी सफल होती चली गई. यही वजह थी कि संयुक्त बिहार के समय वर्तमान झारखंड के हिस्से में 1984 के लोकसभा चुनाव में करीब 6.9% वोट मिले. 1989 के लोकसभा चुनाव में 11.7% वोट लाकर पार्टी कोडरमा, हजारीबाग, खूंटी, गिरीडीह और गोड्डा सीट जीतने में सफल रही. इसके बाद के लोकसभा चुनावों में जीत का सिलसिला जारी रहा.

झारखंड में बीजेपी

विधानसभा चुनाव में बीजेपी

विधानसभा चुनाव में बीजेपी
झारखंड बीजेपी की बागडोर इनके जिम्मे रही
झारखंड बीजेपी की बागडोर इनके जिम्मे रही
झारखंड बनने के बाद संगठनात्मक रुप से मजबूत हुई बीजेपी

साल 2000 में झारखंड बनने के बाद बीजेपी का प्रदेशस्तरीय संगठन बना. इसी दौरान प्रथम मुख्यमंत्री के रुप में बाबूलाल मरांडी ने भी 15 नवंबर 2000 को बीजेपी की सरकार झारखंड में पहली बार बनाई. पार्टी की अंदरूनी कलह और सरकार के कामकाज पर उठ रहे सवाल की वजह से बाबूलाल को 18 मार्च 2023 को कुर्सी छोड़नी पड़ी और अर्जुन मुंडा पहली बार मुख्यमंत्री बने. अर्जुन मुंडा के नेतृत्व में झारखंड में तीन बार बीजेपी की सरकार बनी है.

बीजेपी के तीसरे मुख्यमंत्री के रूप में रघुवर दास रहे, जो झारखंड के पहले गैर आदिवासी मुख्यमंत्री के रूप में 28 दिसंबर 2014 से 29 दिसंबर 2019 तक बने रहे. हालांकि 2019 के विधानसभा चुनाव में वे खुद हार गए. बात यदि बीजेपी संगठन की करें तो झारखंड बीजेपी के पहले प्रदेश अध्यक्ष यदुनाथ पांडे 13 मई 2005 को बने. आंकड़ों के मुताबिक अब तक सात प्रदेश अध्यक्ष का कार्यकाल पार्टी के कार्यकर्ताओं ने देखा है, जिसमें तीन वैसे प्रदेश अध्यक्ष बने जो दूसरे दल में जाने के बाद पार्टी में वापस लौटे थे. जिसमें रवींद्र राय,दीपक प्रकाश और वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी शामिल हैं.

सबसे कम समय का कार्यकाल ताला मरांडी का रहा, जो महज सात दिन ही बागडोर संभाल पाये. आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो लोकसभा चुनाव के अलावे विधानसभा चुनाव में भी पार्टी अपना परफॉर्मेंस बनाकर रखने में कामयाब रही है. उतार चढ़ाव के बीच बीजेपी ने 43 साल पूरे कर लिए है और 24 वां साल झारखंड बीजेपी के लिए काफी महत्वपूर्ण है. प्रदीप सिन्हा कहते हैं कि लोकसभा की सभी 14 सीट के साथ विधानसभा चुनाव में सत्ता पर काबिज होने का लक्ष्य लेकर हम बीजेपी के कार्यकर्ता और नेता जी जान से जुटे हैं, जिससे राज्य को भ्रष्टाचारियों से मुक्ति दिला सके.

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Last Updated : Apr 7, 2024, 10:00 AM IST

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