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रींगस-खाटूश्यामजी नई रेल लाइन से धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा, उत्तर पश्चिम रेलवे का 98% विद्युतीकरण कार्य पूर्ण - Ringas Khatushyamji Railway Line

Ringas Khatushyamji Railway Line, रींगस-खाटूश्यामजी नई रेल लाइन पहुंचने से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. रिंगस-खाटूश्यामजी के लिए 17.49 किलोमीटर नई रेल लाइन के काम को मंजूरी दी गई है.

Ringas Khatushyamji Railway Line
धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा (ETV BHARAT JAIPUR)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 24, 2024, 9:47 PM IST

जयपुर :रींगस-खाटूश्यामजी नई रेल लाइन पहुंचने से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. रिंगस-खाटूश्यामजी के लिए 17.49 किलोमीटर नई रेल लाइन के काम को मंजूरी दी गई है. नई रेल लाइन को 254.06 करोड़ की मंजूरी मिली थी. नई रेल लाइन का कार्य जल्द शुरू होने वाला है. रेलवे की ओर से रेल लाइन के कार्य को लेकर योजना बनाई जा रही है. खाटूश्यामजी तक नई रेल लाइन बनने से दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा काफी सुविधाजनक होगी.

उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशिकिरण के मुताबिक रिंगस खाटूश्यामजी के लिए 17.49 किलोमीटर नई रेल लाइन बिछाने के लिए 254.06 करोड़ रुपए की मंजूरी मिली है. नई रेल लाइन से श्रद्धालुओं को यात्रा करने में काफी राहत मिलेगी. रेल लाइन कार्य को लेकर योजना बनाई जा रही है. खाटूश्यामजी मंदिर आने वाले भक्तों की यात्रा को सुगम बनाने के लिए नई रेल लाइन बिछाने की तैयारी की जा रही है. खाटूश्यामजी, सालासर और सुजानगढ़ के बीच भी करीब 45 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन प्रोजेक्ट की तैयारी की जा रही है.

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खाटूश्यामजी में अत्याधुनिक रेलवे स्टेशन बनाया जाएगा. स्टेशन के निर्माण में भी खाटू श्यामजी मंदिर के सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व का ध्यान रखा जाएगा. खाटूश्यामजी मंदिर में देशभर से काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. दिल्ली मुंबई हैदराबाद चेन्नई हरियाणा कोलकाता समेत अन्य जगहों से श्रद्धालु पहुंचते हैं. खाटूश्यामजी रिंगस के बीच रेलवे ट्रैक बनने से खाटूश्यामजी की सीधी रेल कनेक्टिविटी हो जाएगी. फिलहाल बड़े शहरों के श्रद्धालुओं को रींगस और जयपुर स्टेशन पर उतरना पड़ता है. इसके बाद दूसरे वाहनों से खाटूश्यामजी पहुंचना पड़ता है. रेलवे की ओर से जमीन अधिग्रहण करके रेल लाइन बिछाने का कार्य शुरू किया जाएगा.

वहीं, उत्तर पश्चिम रेलवे पर 98% विद्युतीकरण कार्य पूर्ण हो चुका है. 320 ट्रेनों का संचालन इलेक्ट्रिक ट्रेक्शन पर किया जा रहा है. कुल 5312 रूट किलोमीटर का विद्युतीकरण कार्य पूर्ण हो गया है. यात्रियों की सुविधाओं को लेकर रेलवे की ओर से बेहतर प्रयास किया जा रहे हैं. उत्तर पश्चिम रेलवे पर सभी रेलमार्गों की विद्युतीकरण होने से ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी, जिससे यात्रा समय में बचत होगी. इसके साथ ही डीजल की जगह बिजली के प्रयोग से पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा और राजस्व में भी बचत होगी.

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इस मामले में तीसरे स्थान पर उत्तर पश्चिम रेलवे :उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशिकिरण के मुताबिक यात्रियों की सुरक्षित यात्रा के साथ ही सफर के दौरान हर मुश्किल और शिकायत का निदान करने के लिए रेलवे तीसरे स्थान पर है. रेलवे की ओर से रेल 'मदद एप' पर रेल यात्रियों की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की जा रही है. उत्तर पश्चिम रेलवे 'मदद एप' पर प्राप्त शिकायतों को समाधान 30 मिनट में करके सभी रेलवे में तीसरे स्थान पर है. रेलवे ने हेल्पलाइन नंबर 139 की तरह शिकायत और सुझाव के लिए सभी माध्यमों को रेल मदद पोर्टल व एप में समायोजित कर दिया है. भारतीय रेलवे रेल मदद एप पोर्टल से यात्रियों की शीघ्र मदद कर रहा है.

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