रांचीःचुनावी वर्ष में राज्य की चंपाई सोरेन सरकार ने राज्य के किसानों को अब तक का सबसे बड़ा तोहफा देने का मन बना लिया है. चुनावी घोषणा पत्र को लागू करने के लिए अब सरकार राज्य के सभी किसानों का दो लाख रुपये तक का कर्ज माफ करने जा रही है. कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख ने राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक के बाद कहा कि किसानों के दो लाख रुपये तक के लोन माफ किए जाएंगे. इसके लिए सभी बैंकों से प्रस्ताव जल्द से जल्द देने का निर्देश दिया गया है.
राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक के बाद जानकारी देते कृषि मंत्री बादल पत्रलेख. (वीडियो-ईटीवी भारत) 50 हजार से दो लाख रुपये तक के ऋण माफ किए जाएंगे
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि 31 मार्च 2020 तक किसानों द्वारा लिया गया 50 हजार से लेकर दो लाख रुपये तक के ऋण को वन टाइम सेंटलमेंट के माध्यम से माफ कर दिया जाएगा.
राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में लिया गया निर्णय
नेपाल हाउस स्थित सभागार में राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति के पदाधिकारियों के साथ केसीसी लोन सहित कृषि कार्य के लिए राज्य के किसानों द्वारा लिए गए कर्ज की माफ करने की योजना को लेकर बैठक के बाद कृषि मंत्री ने यह जानकारी दी.
राज्य की महागठबंधन की सरकार ने पूरा किया वादाः बादल पत्रलेख
झारखंड के कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य की महागठबंधन की सरकार ने अपने वादे को पूरा करते हुए राज्य के ऐसे किसानों को राहत दी है, जो बैंक से लिए गए कर्ज की वजह से चिंतित थे. राज्य के अबतक करीब 4 लाख 73 हजार से ज्यादा किसानों के 50 हजार रुपये तक के ऋण माफ किए जाने की जानकारी देते हुए कहा कि इस मद में सरकार द्वारा 1900 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि बैंकों को दी गई है.
वर्ष 2021-22 में सरकार ने किसानों को राहत देने के मकसद से 50 हजार रुपये तक कर्ज को माफ करने की घोषणा की गई थी.अपने वादे के मुताबिक सरकार ने वैसे सभी आवेदनों का निष्पादन कर लिया है, जिनकी केवाईसी हो चुकी है. उन्होंने बताया कि आज की बैठक में बहुराज्यीय भूमि सहकारी विकास बैंक समिति पटना के 10 हजार ऋणी किसानों के कर्ज माफ करने पर विचार किया गया. लोन लेने वाले एससी/एसटी और कमजोर वर्ग के किसानों के ऋण माफ किये जाने का निर्णय भी बैठक में लिया गया है.
एनपीए खातों को बंद करने का निर्देश
देवघर को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड द्वारा 14 हजार 346 ऋणी किसानों के कर्ज को भी माफ करने पर विचार किया गया. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने सभी बैंकों के पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वैसे किसानों के खाते, जो एनपीए हो चुके हैं उन खातों को बंद करने के लिए राज्य सरकार के पास प्रस्ताव भेजें, ताकि किसानों को ऋणमुक्त किया जा सके.
कृषि मंत्री ने कहा कि ऐसे ऋणी किसान, जिनकी मौत हो चुकी है और जिनके खाते एनपीए हो गए हैं वैसे किसानों के लिए सक्षम साक्ष्य प्रस्तुत करने के उपरांत उन्हें भी बिना केवाईसी के लाभुकों की श्रेणी में शामिल किया जाएगा.
बैठक में ये भी थे मौजूद
आज की बैठक में राज्य के विकास आयुक्त अविनाश कुमार, योजना एवं विकास विभाग के प्रधान सचिव मस्तराम मीणा, कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के सचिव अबू बकर सिद्दिकी सहित राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति के पदाधिकारी उपस्थित रहे.