नई दिल्ली: दिल्ली में पीएम 10 (पर्टिकुलेट मैटर) यानी हवा में प्रदूषण के बड़े कण की मात्रा कम हुई है. वहीं पीएम 2.5 (प्रदूषण के हल्के कण) से की मात्रा बढ़ी है. धुएं से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए दिल्ली सरकार की ओर से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) लागू होने के बाद से अब तक खूब कार्रवाई की गई, लेकिन अभी तक कोई विशेष राहत नहीं मिली है. एक अक्टूबर को ग्रैप लागू किया गया था. इसके बाद से दिल्ली में पीएम 2.5 को कम करने के लिए. 23,826 स्थानों पर कूड़ा जलाने का निरीक्षण किया गया. खुले में कूड़ा जलाने की निगरानी के लिए 611 टीमें बनाई गई हैं, जिन्होंने 545 स्थानों पर खुले में कूड़ा जलाते हुए पाया. इस दौरान 6.85 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया.
सिक्योरिटी गार्ड खुद को गर्म रखने के लिए लकड़ी जलाने की जगह हीटर चलाएं, इसके लिए 1290 आरडब्ल्यूए के साथ टीम ने संपर्क किया. 749 आरडब्ल्यूए ने सिक्योरिटी गार्ड को हीटर दिया. वहीं इंडस्ट्रियल एरिया में 164 हॉटस्पाट चिह्नित किए गए, जहां पर कूड़ा जलाया जाता था. इसके अलावा वाहनों से निकलने वाले धुएं को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. 31 दिसंबर 2023 तक 2,62,012 इलेक्ट्रिक वाहन रजिस्टर किए गए थे. साथ ही 3100 चार्जिंग स्टेशन बनाए गए हैं, जहां 4793 चार्जिंग प्वाइंट हैं. और तो और 311 स्वाइपिंग स्टेशन भी बनाए गए हैं, जहां से इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी बदल सकते हैं. फिलहाल 2025 तक 18,000 पब्लिक और 30 हजार प्राइवेट सेमी प्राइवेट चार्जिंग प्वाइंट्स लगाने का लक्ष्य रखा गया है. वहीं प्रदूषण कम करने के लिए रोजाना सड़कों पर पानी का छिड़काव भी किया गया.
वहीं, अन्य प्रयासों की बात करें तो दिल्ली में विभिन्न विभागों की ओर से वॉटर स्प्रिंकलर से नियमित करीब 4,328 किलोमीटर सड़कों पर पानी का छिड़काव किया गया, जिससे प्रदूषण को रोका जा सके. एमसीडी के 200 वॉटर स्प्रिंकलर, एनएचएआई के 77, पीडब्ल्यूडी के 41, दिल्ली जल बोर्ड के 30, एनसीआरटीसी के 34, आईएमसीडी के 22, डीएसआईडीसी के 9, डीडीए के 7 और डीसीबी के 2 वॉटर स्प्रिंकलर नियमित सड़कों पर पानी का छिड़काव करते हैं. इसके अलावा एमसीडी, सीपीडब्ल्यूडी, एनडीएमसी, डीएमआरसी व डीडीए की की ओर से करीब 60 एंडी स्मॉग गन जगह जगह लगाई गई हैं.