नई दिल्ली:दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित कॉलेज सेंट स्टीफंस में खाली सहायक प्रोफेसर के पदों पर अभी तक भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है, जबकि दिल्ली विश्वविद्यालय के 50 से ज्यादा कॉलेजों में पिछले दो साल से भर्ती प्रक्रिया चल रही है. अभी तक डीयू द्वारा वित्त पोषित कॉलेजों में साढ़े चार हजार से ज्यादा सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति हो चुकी है. ऐसे में सेंट स्टीफेंस कॉलेज में करीब 40 सहायक प्रोफेसर के पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू न होने से यहां के एडहॉक टीचर्स परेशान हैं. उन्हें भर्ती प्रक्रिया शुरू होने और खुद को स्थाई नौकरी मिलने का इंतजार है.
टीचर्स का कहना है कि, प्रबंध समिति और प्राचार्य अपनी शर्तों के साथ भर्ती करना चाहते हैं. जबकि दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन डीयू की भर्ती प्रक्रिया के नियमों व शर्तों को ही लागू करके भर्ती करना चाहता है. इसको लेकर विद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर जॉन वर्गीज और दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच में पेच फंसा हुआ है. प्रोफेसर भागी ने बताया कि, इसके अलावा प्रोफेसर जॉन वर्गीज ने प्राचार्य पद पर एक और कार्यकाल लेने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रक्रिया का पालन नहीं किया है. उन्होंने खुद ही बिना प्रक्रिया पूरी करे प्राचार्य के तौर पर खुद की एक नए कार्यकाल के लिए नियुक्ति कर ली है.
जबकि प्राचार्य की नियुक्ति या दूसरे कार्यकाल के लिए यूजीसी और डीयू एक्सपर्ट की एक समिति ही नियुक्ति और दूसरे कार्यकाल को मंजूरी देती है. उन्होंने इसका पालन नहीं किया है. इसलिए उनके नए कार्यकाल को दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन ने अभी तक मान्यता नहीं दी है. उनके इस कार्यकाल को डीयू ने अवैध करार दिया है. इसलिए अगर भर्ती अभी शुरू होती है तो बतौर प्राचार्य डॉक्टर वर्गीज इंटरव्यू पैनल में नहीं बैठ सकते. अपने दूसरे कार्यकाल को डीयू द्वारा मंजूरी न मिलने पर जॉन वर्गीज दिल्ली हाई कोर्ट चले गए हैं. यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है.