रेवाड़ी/जींद/चरखी दादरी/कुरुक्षेत्र: हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों पर 5 अक्टूबर को मतदान होगा. इसके लिए राजनीतिक पार्टियों में खींचतान जारी है. बुधवार को बीजेपी ने 67 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी. जिसके बाद से पार्टी को टिकट कटने वाले नेताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है. कई नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है. कई नेताओं ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. इसके अलावा कई नेताओं ने बीजेपी को अल्टीमेटम दिया है. बाहरी उम्मीदवार का आरोप लगाकर खुद बीजेपी कार्यकर्ता ही प्रदर्शन कर रहे हैं.
किन नेताओं ने दिया इस्तीफा? बीजेपी ने हरियाणा की 90 में से 67 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की है. जिसमें 29 सीटों पर बगावती सुर दिखने शुरु हो गए हैं. हिसार से पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया. इसके अलावा हिसार से भाजपा के उपाध्यक्ष तरुण जैन ने पार्टी छोड़ कर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया. बरवाला से बीजेपी जिला पार्षद बाबा दर्शन ने डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा के सामने चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. बाबा दर्शन गिरी ने बीजेपी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.
लक्ष्मण नापा, कर्णदेव कंबोज का इस्तीफा: रतिया विधानसभा सीट से टिकट नहीं मिलने के कारण लक्ष्मण नापा ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया. बीजेपी ने इस सीट से पूर्व सिरसा सांसद सुनीता दुग्गल को टिकट दिया है. हरियाणा बीजेपी ओबीसी मोर्चा के राज्य अध्यक्ष और पूर्व मंत्री कर्णदेव कंबोज ने इंद्री विधानसभा सीट के लिए टिकट ना मिलने के कारण सभी पार्टी पदों से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने पार्टी पर अनदेखी का आरोप लगाया.
कविता जैन ने दिया अल्टीमेटम: दादरी किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष विकास उर्फ बल्ले ने टिकट नहीं मिलने की वजह से बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है. बीजेपी युवा राज्य कार्यकारिणी सदस्य और सोनीपत विधानसभा चुनाव के प्रभारी अमित जैन ने पार्टी से इस्तीफा दिया. इसके अलावा पूर्व मंत्री कविता जैन टिकट नहीं मिलने की वजह से रो पड़ी. वो कार्यकर्ताओं से मुलाकात के दौरान भावुक नजर आई. उकलाना सीट से बीजेपी ने जेजेपी से शामिल हुए पूर्व मंत्री अनूप धानक को टिकट दिया. जिससे नाराज होकर शमशेर गिल ने पार्टी से इस्तीफा दिया.
बीजेपी में बगावत! इसके अलावा हरियाणा बीजेपी किसान मोर्चा के राज्य अध्यक्ष सुखविंदर मंडी ने टिकट नहीं मिलने की वजह से पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. हिसार से बीजेपी नेता दर्शन गिरी महाराज ने भी इस्तीफा दे दिया है. वरिष्ठ बीजेपी नेता सीमा गैबीपुर ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. आदित्य चौटाला ने एचएसएएम बोर्ड के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. टिकट कटने से नाराज पानीपत में बीजेपी महिला विंग की जिलाध्यक्ष आशु शेरा ने इस्तीफा दिया.
हिसार में बढ़ी बीजेपी की मुश्किलें: तरुण जैन ने हिसार से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने की इच्छा जताई. है. बीजेपी नेता नवीन गोयल ने गुरुग्राम में बीजेपी से इस्तीफा दिया. डॉक्टर सतीश खोला ने रेवाड़ी से टिकट की मांग की थी. टिकट नहीं मिलने के बाद उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया. बीजेपी जिला उपाध्यक्ष और पूर्व काउंसलर संजीव वैलेचा की पत्नी इंदु वैलेचा ने अपने पति के साथ इस्तीफा दिया. पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य ने टिकट नहीं मिलने की वजह से बीजेपी से इस्तीफा दिया. इसके अलावा रणजीत चौटाला ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का निर्णय लिया. टिकट नहीं मिलने से नाराज पूर्व मंत्री विशंभर वाल्मीकि ने भी बीजेपी से इस्तीफा दे दिया.
पंडित जीएल शर्मा ने भी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को इस्तीफा सौंपा. संभावना है कि वो 8 सितंबर को कांग्रेस में शामिल होंगे. लोकसभा चुनाव से पहले प्रशांत सनी यादव बीजेपी में शामिल हुए थे. वो रेवाड़ी से टिकट की मांग कर रहे थे. अब उन्होंने टिकट नहीं मिलने पर इस्तीफा दे दिया. प्रशांत सनी यादव ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है.
रेवाड़ी में बाहरी उम्मीदवार उतारने का आरोप: रेवाड़ी से टिकट नहीं मिलने पर भाजपा नेता सतीश खोला, प्रशांत सन्नी और सतीश यादव ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया. इस समय रेवाड़ी से पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव के पुत्र चिरंजीव राव विधायक हैं. पिछली बार उन्होंने बीजेपी के मजबूत प्रत्याशी और केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत के कट्टर समर्थक सुनील यादव मूसेपुर को कड़े मुकाबले में मात्र 1300 वोटों के अंतर से हराया था. चिरंजीव की जीत का श्रेय बीजेपी से बागी होकर चुनाव मैदान में उतरे पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास को दिया गया था. इस बार सुनील मूसेपुर मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे थे.
रणधीर सिंह कापड़ीवास, सतीश खोला, सतीश यादव, अरविंद यादव, भाजपा के जिला उपाध्यक्ष अजय पाटौदा, जिला परिषद की उप चेयरमैन नीलम के पति अनिल रायपुर, प्रशांत सन्नी भी दौड़ में शामिल थे. सुनील मूसेपुर, अजय पाटौदा और अनिल रायपुर को राव इंद्रजीत सिंह समर्थक माना जाता है. इन्हें उम्मीद थी कि वो उनके सिर पर हाथ रखेंगे, लेकिन ऐसा हो नहीं सका.