लखनऊ :यूपी की योगी सरकार ने सोमवार को विधानसभा में आम बजट पेश किया है. बजट वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने पेश किया. इस बजट का आकार 7 लाख 36 हजार 437 करोड़ 71 लाख रुपए है. इसमें 24 हजार करोड़ रुपए की नई योजनाएं लाई गईं हैं. योगी सरकार ने अपने बजट में स्टेट हाईवे को आपस में जोड़कर आम लोगों के साथ ही व्यापारियों को सहूलियत दी है तो छोटे व्यापारियों के लिए मुख्यमंत्री उद्यमी योजना की शुरुआत करने की घोषणा की है. इसके अलावा एक नया मेडिकल कॉलेज खोले जाने, खिलाड़ियों और अधिवक्ताओं के लिए भी बजट में ध्यान रखा गया है. ऐसे में आइए जानते हैं कि, हर वर्ग के लोग योगी सरकार के इस बजट को किस रूप में देखते हैं.
व्यापार भी बढ़ेगा और व्यापारी भी : राजधानी के व्यापारी नेता संजय गुप्ता ने कहा कि, उनके व्यापारी समाज ने आशा लगा रखी थी कि व्यापारियों के लिए स्वास्थ्य बीमा की बात बजट में होगी. ई कॉमर्स की व्यवस्था भी दिखेगी, लेकिन सीधे तौर पर व्यापारियों को कुछ नहीं मिला. सरकार ने बजट में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे व आगरा एक्सप्रेस वे को जोड़ने के लिए लिंक एक्सप्रेस वे बनाने के लिए 500 करोड़ रुपए देने के लिए बजट में कहा है. इससे इस रूट पर ट्रैफिक बढ़ेगा तो व्यापार भी अच्छे से हो सकेगा. इसके अलावा अयोध्या को सबसे बड़ी धार्मिक पर्यटन नगरी बनाने के लिए बजट रखा गया है, इससे व्यापार भी बढ़ेगा और व्यापारी भी.
पांच लाख का ब्याज मुक्त लोन नाकाफी : योगी सरकार ने अपने इस बजट में कई नई योजनाओं का भी ऐलान किया है. इसमें छोटे व्यापारियों को ध्यान रखते हुए मुख्यमंत्री उद्यमी योजना की शुरुआत की जाएगी, जिसके तहत उद्यमी को पांच लाख रुपए ब्याज मुक्त लोन दिया जायेगा. इससे छोटे व्यापारियों को अपना नया बिजनेस शुरू करने में मदद मिलेगी, हालांकि लखनऊ के व्यापारी हरजिंदर का कहना है कि, सरकार के इस फैसले से किसी भी व्यापारी को लाभ नहीं मिल सकेगा. एक व्यापारी अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए लोन लेता है और इन पांच लाख रुपए के लोन से उद्यमी को उतना सफल लाभ नहीं मिल सकेगा, वहीं लखनऊ के पान की रेहड़ी चलाने वाले सुरेश मोदी का कहते हैं, यदि मुख्यमंत्री उद्यमी योजना शुरू होती है तो वो अपना धंधा बढ़ा सकते हैं.
कुछ अधिवक्ता बजट से खुश तो कुछ ने कहा चुनावी बजट है :योगी सरकार ने बजट में अधिवक्ताओं का भी खास ध्यान दिया है. अधिवक्ता की मौत होने पर मिलने वाला मुआवजा 1.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख कर दिया गया है, वहीं अधिवक्ता कल्याण निधि 200 करोड़ से बढ़ाकर 500 करोड़ की गई है. इसको लेकर अधिवक्ताओं ने तारीफ की है. वकील सुशील रावत ने कहा कि, अधिवक्ताओं के प्रति सरकार का जो निर्णय है वह तारीफ के काबिल है. अधिवक्ता श्रवण यादव ने कहा कि, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी किया गया जो बजट है यह आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए किया गया है. मोदी सरकार को लगभग दस साल होने वाले हैं. अधिवक्ताओं के लिए कुछ नहीं किया गया. उत्तर प्रदेश सरकार के भी सात साल होने को हैं. अधिवक्ताओं के निधन पर दिए जाने मुआवजा का जो दावा किया जा रहा है कि उसे पांच लाख कर दिया गया है, वह पहले से ही अखिलेश सरकार से ही दिया जा रहा है, जबकि इसे 20 किए जाने की आवश्यकता थी.