नई दिल्ली/नोएडा: नीट यूजी पेपर लीक विवाद को लेकर देशभर में विरोध-प्रदर्शन हो रहा है. इस बीच अब पेपर लीक मामले में ग्रेटर नोएडा के नीमका गांव निवासी रवि अत्री का नाम सामने आ रहा है. हालांकि रवि कई महीनों से मेरठ जेल में बंद है. लेकिन आरोप लगाया जा रहा है कि उसने जेल के अंदर से ही पेपर लीक कराया है. इस मामले की अभी जांच की जा रही है. वहीं उसके परिजनों ने बताया कि रवि निर्दोष है.
परिजनों ने रवि अत्री को बताया निर्दोष: इस मामले में रवि अत्री के परिजनों ने बताया कि रवि निर्दोष है. रवि के भाई मुकेश अत्री का कहना है कि उसके भाई को गलत तरीके से फंसाया जा रहा है. रवि जेल में बंद है. जेल से वह कैसे पेपर लीक करा सकता है. उसने इस मामले में सरकार से निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग की है. वहीं, यूपी पुलिस कांस्टेबल पेपर लीक मामले पर मुकेश अत्री ने कहा कि उसमें भी कुछ जानने वाले लोगों ने खुद को बचाने के लिए रवि का नाम लिया था. जिस वजह से उसे यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया.
जेल में बंद रवि अत्रि ने कैसे कराए पेपर लीक:नीट पेपर लीक मामले में सबसे बड़ा सवाल यह है, की जेल में बंद होने के बाद भी रवि अत्रि ने नीट पेपर को कैसे लीक कराया. वहीं, इस मामले में रवि अत्री का नाम आने के बाद पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. हालांकि, इस मामले की अभी जांच की जा रही है.
बता दें, उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल पेपर लीक मामले में रवि यात्री को गिरफ्तार किया गया था. रवि के पिता गोरख सिंह किसान हैं. उनके तीन बेटे हैं, जिनमें रवि का बड़ा भाई आर्मी में है. रवि का छोटा भाई पिता के साथ खेती का काम करता है. जबकि रवि अत्री ने 2007 में कोटा से एमबीबीएस की तैयारी की थी. एंट्रेंस एग्जाम ना निकल पाने के बाद रवि दिल्ली आ गया था. जिसके बाद उसने एमबीबीएस में एडमिशन लिया.
हालांकि, अभी तक रवि ने एमबीबीएस के पेपर नहीं दिए हैं. तीन महीने पहले ही रवि अत्री को यूपी एसटीएफ अपने उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया था. फिलहाल वो मेरठ जेल में बंद है. बताया जा रहा है कि मेरठ जेल से ही रवि अत्री ने नीट पेपर को लीक करवाया है. फिलहाल, इस मामले में जांच बिहार पुलिस की आर्थिक इकाई के द्वारा की जा रही है. वहीं, बिहार पुलिस ने इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार भी किया है.