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सब्जियां बनीं खलनायक! दाम आसमान पर, फिर भी फेंकने को क्यों मजबूर हैं रतलाम के किसान - mp Vegetable Price hike - MP VEGETABLE PRICE HIKE

पिछले कुछ दिनों से सब्जियों के दामों में लगातार तेजी देखने को मिल रही है. बात करें सब्जी उत्पादन में अग्रणी रतलाम जिले की तो यहां सब्जियों के दामों में आग लगी हुई है. वहीं दूसरी तरफ किसानों को लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा है. जो सब्जी थोक मंडी में 7 से 12 रुपये किलो बिक रही है. वही रिटेल में 40 से 80 रुपये तक कारोबार कर रही हैं.

farmers facing loss vegetable price
किसानों को नहीं मिल रहे सब्जियों के दाम (Etv Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 25, 2024, 12:07 PM IST

Updated : May 25, 2024, 12:59 PM IST

रतलाम।उद्यानिकी और सब्जी उत्पादन में अग्रणी रतलाम जिले में अब मिर्ची के बाद ग्वार, गिलकी, खीरा ककड़ी और भिंडी जैसी मौसमी हरी सब्जियों के भी दाम किसान को नहीं मिल पा रहे हैं. एक तरफ रिटेल बाजार में इन सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं लेकिन दूसरी तरफ किसान सही कीमत नहीं मिलने पर इन्हें फेंकने पर मजबूर हैं. किसानों को इन फसलों का दाम ₹8 प्रति किलो से लेकर ₹12 प्रतिकिलो तक ही मिल पा रहा है. जिससे किसानों का ट्रांसपोर्टेशन खर्च और फसल की लागत भी नहीं निकल पा रही है. सब्जियों की किसानों को मिल रही कीमत और रिटेल बाजार की कीमत में इतने बड़े अंतर की क्या है वजह इस पर ईटीवी भारत की टीम ने रिटेल और थोक मंडी में जाकर पड़ताल की है.

दाम नहीं मिलने पर सब्जियां फेंकने को मजबूर किसान (ETV BHARAT)

थोक मंडी में कम दामों पर बिक रही सब्जियां

दरअसल किसानों को उनकी सब्जियों के दाम नहीं मिलने का मामला तब सुर्खियों में आया जब रतलाम से मिर्ची उत्पादक किसान ने अपनी फसल उचित दाम नहीं मिलने पर सड़क पर फेंक दी थी. जिसके बाद अब ग्वार, गिलकी, भिंडी और खीरा ककड़ी जैसी मौसमी सब्जियां भी थोक मंडी में कम दामों पर बिक रही हैं. इन सब्जियों के दाम किसानों को ₹7 प्रति किलो रुपए से ₹12 प्रतिकिलो तक ही मिल रहे हैं. जबकि रिटेल में सब्जियों के दाम ₹40 प्रतिकिलो से ₹80 प्रतिकिलो तक है. थोक मंडी और रिटेल में सब्जियों के दामों में लगभग चार गुना का अंतर हैं. जिससे सब्जी उत्पादक किसान नाराज हैं.

रिटेल में महंगी बिक रही सब्जियां (ETV BHARAT)

भाड़ा निकालना हो रहा मुश्किल

रतलाम के तितरी, मथुरी, रूपाखेड़ा, मुंदड़ी, करमदी, सरवड़, बिरमावल और झाबुआ जिले के पेटलावद, सारंगी क्षेत्र में हरी सब्जियों एवं मिर्ची की बड़ी मात्रा में खेती की जाती है. रतलाम की सब्जी मंडी में गुजरात और राजस्थान से भी किसान अपनी फसल लेकर पहुंचते हैं. लेकिन इन दिनों सब्जियों के दामों में भारी उतार चढ़ाव के चलते कई बार किसानों को मंडी तक फसल लाने का भाड़ा भी नहीं निकल पाता है.

रिटेल दुकानों पर महंगी बिक रही सब्जियां

झाबुआ जिले के करवड़ से ग्वार और भिंडी की फसल लेकर पहुंचे किसान ने बताया कि ''ग्वार की फसल का उसे ₹7 प्रति किलो एवं भिंडी की फसल का उसे ₹8 प्रति किलो दाम मिला है. करीब एक क्विंटल माल के उसे कुल 750 रुपए प्राप्त हुए. जबकि मोटरसाइकिल में पेट्रोल और फसल तुड़वाने की मजदूरी का ही उसे इतना खर्च लग गया है. मंडी में आने वाले अधिकांश छोटे किसानों की यही स्थिति है. जबकि मंडी के गेट से बाहर निकलते ही रिटेल की दुकान पर उनकी फसल की कीमत ₹40 प्रति किलो से ₹80 प्रति किलो हो जाती है.

रतलाम में सब्जियों के दाम आसमान पर (ETV BHARAT)

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किसानों ने व्यापारियों पर लगाए आरोप

कुछ किसानों का आरोप है कि व्यापारी सब्जियों के दाम में कृत्रिम तेजी और मंदी ला रहे हैं. दूर क्षेत्र के किसान अच्छे दाम मिलने की उम्मीद में रतलाम मंडी में माल लेकर आते हैं, लेकिन यहां आवक अधिक हो जाने की स्थिति में व्यापारी दाम कम लगाते हैं. जिसका नुकसान किसानों को उठाना पड़ रहा है. वही व्यापारी लोग इसे मांग और आपूर्ति का परिणाम बता रहे है. व्यापारियों को कहना है कि मंडी में यदि सब्जियों के आवक अधिक होगी तो दाम कम होना स्वाभाविक है. बहरहाल फल और सब्जियों के कम दाम मिलने पर किसान निराश हैं और अपनी फसल की लागत और ट्रांसपोर्टेशन भी नहीं निकल पानी की स्थिति में अपनी फसल को सड़क पर फेंकने को मजबूर हैं.

Last Updated : May 25, 2024, 12:59 PM IST

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