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रांची के डॉक्टर को 24 घंटे डिजिटल अरेस्ट कर 30 लाख की ठगी, एक महीने में हो चुकी है 62 लाख की ठगी - Digital arrest

Fraud of Rs 30 lakh in Ranchi. साइबर क्राइम ब्रांच के द्वारा तमाम तरह के जागरूकता अभियान चलाने के बावजूद डिजिटल अरेस्ट के मामले थम नहीं रहे हैं. ताजा मामला रांची के एक डॉक्टर का है, डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर साइबर अपराधियों ने 30 लाख की ठगी को अंजाम दिया है.

Fraud of Rs 30 lakh in Ranchi
कॉन्सेप्ट इमेज (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 1, 2024, 12:53 PM IST

रांची: झारखंड की राजधानी रांची सहित अन्य जिलों में डिजिटल अरेस्ट के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. लोगों को जब तक सच्चाई का पता चल रहा है तब तक वह ठगी के शिकार हो जा रहे हैं. इस बार साइबर अपराधियों ने रांची के दीपा टोली में रहने वाले एक डॉक्टर को अपना निशाना बनाया है. सीबीआई अधिकारी बन डॉक्टर को 24 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट किया गया और फिर 30 लाख ठगे गए.

सीबीआई अधिकारी बन ठगी

सीआईडी के साइबर क्राइम ब्रांच में दर्ज एफआईआर के अनुसार डॉ गोपाल को साइबर जालसाजों ने दिल्ली सीबीआई के अधिकारी बनकर फोन किया था. मनी लॉन्ड्रिंग केस में नाम आने की बात कहकर उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर लिया. कहा कि मामले की जांच होने तक उन्हें घर पर ही अरेस्ट किया जा रहा है.

इस दौरान जालसाजों ने उनके बैंक का पूरा डिटेल ले लिया और 24 घंटे के भीतर उनके खाते से 30 लाख रुपए की निकासी कर ली. अगले दिन जब डॉक्टर को राशि निकासी की जानकारी मिली तब उन्हें समझ आया कि वे साइबर ठगी के शिकार हुए हैं, जिसके बाद वे सीधे साइबर क्राइम ब्रांच पहुंचे और मामला दर्ज कराया. साइबर क्राइम ब्रांच की टीम मामले की तफ्तीश में जुटी हुई है.

लगातार बढ़ रहे है मामले

राजधानी रांची में डिजिटल अरेस्ट की वारदातें लगातार बढ़ रही हैं. राजधानी रांची में चार माह के भीतर आधा दर्जन से अधिक डिजिटल अरेस्ट के मामले सामने आए हैं. इन लोगों से साइबर जालसाजों ने तीन करोड़ से ज्यादा की ठगी की है. साइबर क्राइम ब्रांच से मिले आंकड़ों के अनुसार पिछले चार महीने में ही केवल रांची से ही आठ लोगों से ठगी की गई है. एक महीने के भीतर रांची के अभिजीत चटर्जी और प्रमोद कुमार नामक व्यक्ति को भी डिजिटल अरेस्ट कर ठगी का शिकार बनाया है. दोनों से जालसाजों ने 62 लाख की ठगी की है.

क्या है डिजिटल अरेस्ट

डिजिटल अरेस्ट ब्लैकमेल करने का एक एडवांस तरीका है. डिजिटल अरेस्ट स्कैम के शिकार वही लोग होते हैं जो अधिक पढ़े लिखे और अधिक होशियार होते हैं. डिजिटल अरेस्ट का सीधा मतलब ऐसा है कि कोई आपको ऑनलाइन धमकी देकर वीडियो कॉलिंग के जरिए आप पर नजर रख रहा है. डिजिटल अरेस्ट के दौरान साइबर ठग नकली पुलिस अधिकारी बनकर लोगों को धमकाते हैं और अपना शिकार बनाते हैं.

कई बार डिजिटल अरेस्ट वाले ठग लोगों को फोन करके कहते हैं कि वे पुलिस डिपार्टमेंट या इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से बात कर रहे हैं, ये कहते हैं कि आपके पैन और आधार का इस्तेमाल करते हुए तमाम चीजें खरीदी गई हैं या फिर मनी लॉन्ड्रिंग की गई है. इसके बाद वे वीडियो कॉल करते हैं और सामने बैठे रहने के लिए कहते हैं. इस दौरान किसी से बात करने, मैसेज करने और मिलने की इजाजत नहीं होती है. इस दौरान जमानत के नाम पर लोगों से पैसे भी मांगे जाते हैं. इस तरह लोग अपने ही घर में ऑनलाइन कैद होकर रह जाते हैं.

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