भोपाल.लोकसभा चुनाव के दौरान छह बार के विधायक रामनिवास रावत ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी और बीजेपी में शामिल हो गए थे. बीजेपी सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री पद से नवाजा गया. हालांकि, अभी उनके सामने उपचुनाव की अग्निपरीक्षा है. इसे पार करने के बाद ही वे अगले 4 सालों तक मंत्री पद पर बने रह सकेंगे. उनके इस्तीफे के बाद विजयपुर विधानसभा सीट पर जल्द ही उपचुनाव होने जा रहा हैं. हालांकि, इस उपचुनाव से पहले ही विजयपुर विधानसभा सीट पर सियासी जंग शुरू होते दिख रही है.
सीताराम ने दे डाली चेतावनी
दरअसल, पूर्व विधायक सीताराम आदिवासी और बाबूलाल मेवारा ने उपचुनाव में बीजेपी से टिकट की मांग कर दी है. पूर्व विधायक सीताराम आदिवासी ने पार्टी से उपचुनाव में टिकट की मांग करते हुए यह भी कहा दिया है कि टिकट न मिलने पर पार्टी को इसका अंजाम भुगतना होगा. सीताराम आदिवासी के विधानसभा क्षेत्र में उनके समाज के 60 हजार से ज्यादा वोट हैं जबकि रावत के महज 15 हजार वोट. सीताराम आदिवासी पहले रामनिवास रावत को चुनाव में धूल चटा चुके हैं.
सीताराम को नजरअंदाज कर रही बेजीपी?
पूर्व विधायक पहले भी रामनिवास रावत को लेकर पार्टी पर निशाना साध चुके हैं. रावत के बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्होंने मुरैना श्योपुर लोकसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के लिए जी तोड़ मेहनत की, उन्हें अनदेखा कर पार्टी रामनिवास रावत को साधने में जुटी है. सीताराम आदिवासी ने 2018 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी. उधर विजयपुर विधानसभा से दो बार के विधायक बाबूलाल मेवरा ने भी टिकट की मांग की है. बाबूलाल मेवरा 1985 और 1998 में इस सीट से रामनिवास रावत को हराकर चुनाव जीत चुके हैं. उन्होंने पार्टी से इस सीट से टिकट दिए जाने की मांग की है.