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तालों में रामगढ़ ताल... अब शिकारा-पैराग्लाडिंग का भी लुत्फ लीजिए, गोरखपुर में कश्मीर की डल झील का नजारा - ramgarh tal gorkhpur

Ramgarh Tal Gorkhpur: गोरखपुर के रामगढ़ ताल में दो नई बड़ी सुविधाएं शुरू होने जा रही हैं. यह सुविधाएं पर्यटकों के लुत्फ को कई गुना बढ़ा देंगी. चलिए जानते हैं इसके बारे में.

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रामगढ़ ताल गोरखपुर. (photo credit: etv bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 17, 2024, 1:43 PM IST

Updated : Jun 18, 2024, 11:35 AM IST

रामगढ़ ताल में पैराग्लाइडिंग का नजारा. (photo credit: etv bharat)

Ramgarh Tal Gorkhpur: गोरखपुरः गोरखपुर के सबसे बड़े पिकनिक स्पॉट रामगढ़ ताल में दो नई बड़ी सुविधाएं शुरू होने जा रही है. इनमें से एक सुविधा है शिकारा की और दूसरी सुविधा है पैराग्लाइडिंग की. इन दोनों की बदौलत गोरखपुर का यह खूबसूरत ताल अब कश्मीर की डल झील जैसा लगेगा.

रामगढ़ ताल. (photo credit: etv bharat)
रामगढ़ ताल में बोटिंग. (photo credit: etv bharat)
दरअसल, गोरखपुर विकास प्राधिकरण इस ताल की सुविधाओं में लगातार इजाफा कर रहा है. इसी कड़ी में इस ताल में केरल और कश्मीर की डल झील में चलने वाली 'शिकारा वोट" को भी उतारने का प्लान तैयार कर लिया है जिसमें इन्वेस्टर्स के लिए ऑफर उपलब्ध कराया गया तो करीब आठ कंपनियों ने, जीडीए की इस योजना के साथ कुछ अन्य योजनाओं में इन्वेस्ट करने के लिए अपनी रुचि दिखाई है.
रामगढ़ ताल में चल रहे बोट. (photo credit: etv bharat)
रामगढ़ ताल में चलने लगे शिकारा. (photo credit: etv bharat)
गोरखपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष आनंद वर्धन सिंह की इन इन्वेस्टर के साथ सकारात्मक बैठक भी संपन्न हुई है. माना जा रहा है की शिकारा बोट को रामगढ़ ताल में उतारने के अलावा कुछ अन्य प्रोजेक्ट भी ऐसे होंगे, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने में कामयाब होंगे. इस सबसे चर्चित स्थान रामगढ़ ताल में मौजूदा समय में वॉटर स्पोर्ट्स की गतिविधियों को संचालित किया जा रहा है. इसमें क्रूज भी चल रहा है। पैरासेलिंग का लोग आनंद उठा रहे हैं.
रामगढ़ ताल में जुटे सैलानी. (photo credit: etv bharat)
रामगढ़ ताल में रात में जुटी भीड़. (photo credit: etv bharat)
रामगढ़ ताल के रंगीन फुव्वारे. (photo credit: etv bharat)
मोटर बोट से लेकर लेजर शो भी शामिलयहां मोटर बोट, छोटी बोट के अलावा रात के समय लेजर लाइट शो का प्रदर्शन भी उपलब्ध है. गोरखपुर ही नहीं आसपास के जिलों के पर्यटकों को बरबस ही अपनी ओर खींच लाता है. एक विशेष जोन में केरल और कश्मीर में चलने वाली शिकारा वोट को भी चलाने का GDA ने प्लान तैयार किया है. इसके लिए उसे इन्वेस्टर की तलाश है जो रामगढ़ ताल में शिकारा वोट को उतारकर ताल की खूबसूरती में तो रंग भरेगा ही, पर्यटकों को भी आकर्षित करेगा. खुद भी कमाई करेगा और GDA को भी लाभ पहुंचाएगा. यह सभी प्रोजेक्ट पीपीपी मॉडल पर संचालित होंगे.
रामगढ़ ताल का रात का सुंदर नजारा. (photo credit: etv bharat)
इसके अलावा शहर की खूबसूरती बढ़ाने और पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए, गोरखपुर विकास प्राधिकरण यानी कि जीडीए एक विशेष इन्वेस्टर प्लान पर कार्य कर रहा है, जिसमें शहर के कुछ चुनिंदा स्थल और प्रेक्षागृह भी शामिल हैं। इन स्थानों में रामगढ़ ताल के अलावा मुक्ताकाशी मंच, बाबा गंभीर नाथ प्रेक्षागृह, शहर का इंदिरा बाल बिहार चौक भी शामिल है.प्राधिकरण के यह तैयार प्रोजेक्ट और बेहतर ढंग के दिखे और जिस उद्देश्य से बनाए गए हैं, उसमें इन्वेस्टर्स को शामिल करते हुए इसे संचालित करते हुए लोगों के लिये उपयोगी बनाने की योजना है. प्रोजेक्ट में इन्वेस्टर्स को आमंत्रित करने के लिए वेबसाइट पर टेंडर जारी कर दिया गया है. गोरखपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष आनंदवर्धन सिंह ने इस कार्य के लिये नोडल अफसर, विभाग के अधिशासी अभियंता किशन सिंह को बनाया है. इस प्रोजेक्ट के तहत मुक्ता काशी मंच को गोरखपुर विकास प्राधिकरण किसी इन्वेस्टर्स को देकर, यहां पर विभिन्न तरह के संस्कृतिक आयोजन करने का प्लान तैयार किया है. इस आयोजन से जहां स्थानीय कलाकारों के अलावा, चर्चित कलाकारों को बुलाकर इन्वेस्टर्स कार्यक्रमों के माध्यम से, गोरखपुर के लोगों के साथ शहर में अन्य जगह से पर्यटन के लिए आने वाले पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित करेगा. वहीं डांस, ड्रामा और अन्य तरह के प्रोग्राम में जुटने वाली भीड़ का टिकट और उनके लिए फूड कोर्ट का इंतजाम कर, वह अपनी आमदनी भी बढ़ा सकेगा. मुक्ता काशी मंच तारामंडल और रामगढ़ ताल एरिया में स्थापित है.इसी प्रकार शहर के इंदिरा बाल विहार तिराहे को भी गोरखपुर विकास प्राधिकरण एक विशेष जोन में विकसित करते हुए, यहां की सारी व्यवस्था एक इन्वेस्टर्स को सौंपने का प्लान तैयार किया है. यह शहर का ऐसा चौक है जहां दोपहर बाद से लेकर देर रात तक लोगों के जुटने का सिलसिला शुरू होता है.ऐसे पड़ा रामगढ़ ताल का नाम गोरखपुर का कभी प्राचीन नाम रामग्राम भी था. उसी नाम पर इसका नाम रामगढ़ ताल पड़ा है. यह ताल लगभग 1800 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है. इसका क्षेत्रफल करीब 18 किलोमीटर का है.
Last Updated : Jun 18, 2024, 11:35 AM IST

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