मेरठ : पश्चिमी यूपी के खिलाड़ियों के लिए बड़ी खबर है. अब-तक मेरठ में एथलीट खिलाडियों को घास के मैदान पर ही दौड़ भाग करते देखा जा सकता था, लेकिन वर्षो से चली आ रही सिंथेटिक ट्रैक की मांग अब पूरी होने वाली है. यहां के प्रसिद्ध कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम में भी अब सैफई, गोरखपुर और लखनऊ की तरह सिंथेटिक ट्रैक बनने वाला है.
पश्चिमी यूपी के मेरठ को स्पोर्ट्स सिटी के तौर पर जाना जाता है, इतना ही नहीं यहां की माटी से तमाम खिलाड़ी भी लगातार निकल रहे हैं, जो न सिर्फ बुलंदियां छू रहे हैं, बल्कि भारत का मान भी बढ़ा रहे हैं. लेकिन काफी समय से मेरठ के खिलाड़ी जहां अपनी मेहनत और अथक प्रयत्न के बल पर पदक ला रहे हैं.
वहीं, एक कमी हमेशा बनी रहती थी कि इंटरनेशनल लेवल पर जब उन्हें अपनी तैयारी करनी होती थी, तो उन्हें मेरठ से कहीं और प्रैक्टिस करने के लिए जाना पड़ता था. अब ऐसे एथलीट खिलाड़ियों के लिए बेहद ही काम की खबर है.
दरअसल, लखनऊ सैफई की तर्ज पर ही अब क्रांतिधरा मेरठ में भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं से लैस सिंथेटिक फिल्ड तैयार होने जा रहा है. जिसके लिए आठ करोड़ रुपये की धनराशि का वजह भी सेंसन हो चुका है. वहीं, कार्यदायी संस्था का भी चयन हो चुका है.
इस बारे में क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी अनिमेष कुमार सक्सेना ने बताया कि मेरठ के एथलेटिक्स खिलाड़ियों के लिए यह बहुत ही खुशी की बात है कि अब कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम में लगभग 400 मीटर का सिंथेटिक ट्रैक बनाया जाना है. यहां गौर करने वाली बात यह है कि अब से पहले सिर्फ लखनऊ, गोरखपुर, सैफई और सहारणपुर में ही सिंथेटिक ट्रैक है. अब मेरठ में प्रशिक्षण पाने वाले खिलाड़ियों को भी ये सौगात मिल जाएगी.
उन्होंने कहा कि अब तक यहां घास के मैदान पर ही खिलाड़ी प्रशिक्षण पा रहे थे. अब जब सिंथेटिक ट्रैक पर खिलाड़ी प्रेक्टिस करेंगे तो उनकी परफॉर्मेंस और भी बेहतर होगी और भी ज्यादा मेडल खिलाड़ी लाएंगे.
अनिमेष कुमार सक्सेना ने बताया कि 23 नवंबर को सांसद अरुण गोविल स्टेडियम में इसका भूमिपूजन करके शुरुआत करने वाले हैं. आठ लाइनों का ट्रैक रहेगा. जिस पर एथलीट अपनी प्रतिभा निखार सकेंगे. अभी तक जो खिलाड़ी इंटरनेशनल लेवल पर तैयारी करते थे, तो उन्हें बाहर जाना पड़ता था. कार्यदायी संस्था ने इस प्रोजेक्ट को पूर्ण करने के लिए 6 माह का समय निर्धारित किया है. अगले साल में निश्चित ही कार्य पूरा हो जाएगा और खिलाड़ी प्रशिक्षण पा सकेंगे.
वहीं, नेशनल प्लेयर दीया ने बताया कि सभी जो खिलाड़ी आगे बढ़ना चाहते हैं उनके लिए यह बहुत ही अच्छा कदम है. दीया ने बताया कि ऐसे खिलाड़ी अब अपने शहर में और अपने नजदीक में ही प्रशिक्षण पा सकेंगे. बस अब तो सभी यही उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द से जल्द काम पूर्ण हो.
अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी पारुल चौधरी के कोच गौरव त्यागी ने कहा कि सैकड़ों खिलाड़ी कैलाश प्रकाश स्टेडियम से प्रशिक्षण पाकर निकले हैं और मेडल जीते हैं. वहीं, उन खिलाडियों को बड़ी राहत मिलेगी, जिन्हें कहीं न कहीं उनकी पॉकेट बाहर जाने से उनके सपने को पूरा करने से रोकती थी, क्योंकि अब खिलाड़ियों का पलायन भी रुकेगा और मेडल की संख्या भी निश्चित ही बढ़ जाएगी.
मेरठ के कैलाश प्रकाश स्टेडियम से यूं तो सैकड़ों खिलाड़ी अब तक देश को दिए हैं. जिनमें देश का मान बढ़ाने वाले खिलाडियों में पारुल चौधरी, प्रियंका गोस्वामी, किरण वालियान, जैनब खातून, प्रीतिपाल, अंतर्राष्ट्रीय लेवल के ऐसे खिलाड़ी हैं.
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