Ram Navami 2024।9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है. 17 अप्रैल को इस बार रामनवमी का शुभ दिन आ रहा है. जिसकी तैयारी में लोग लगे हुए हैं. राम मंदिरों में साफ सफाई का काम भी शुरू हो चुका है. ऐसे में राम नवमी के दिन अगर कोई जातक भगवान राम की विधि विधान से पूजा करना चाहता है, तो शुभ मुहूर्त कब है, इसके अलावा किस तरह से विधि विधान से भगवान राम की पूजा करें, रामलला का दुग्धाभिषेक कैसे कराएं, जानिए ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से.
रामनवमी कब ?
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि इस बार रामनवमी 17 अप्रैल को पड़ रही है. 17 अप्रैल को रामनवमी के दिन ही भगवान राम का जन्मोत्सव मनाया जाएगा. रामनवमी के दिन जो भी जातक राम भगवान को प्रसन्न करना चाहते हैं. वो पहले सुबह-सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें. इसके बाद साफ स्वच्छ शुद्ध मन के साथ आपके घर के आप पास जो भी राम मंदिर हो, वहां जाकर भगवान राम-सीता-लक्ष्मण और हनुमान जी के दर्शन करें. अगर मंदिर में दर्शन नहीं कर पा रहे हैं, तो कोई तस्वीर ही हो ऐसी तो वहां दर्शन करें.
ऐसे करें पूजा, रामलला का कराएं दुग्धाभिषेक
भगवान राम के दर्शन के बाद घर में आकर भगवान राम के जन्मोत्सव की तैयारी शुरू कर दें. पहले शुरुआत में झांकी सजाएं. झांकी सजाने के बाद एक कलश स्थापित करें, वहां पर गणेश जी की स्थापना करें. गणेश जी की पूजा करें, फिर भगवान राम की पूजा करें और राम जी का आवाहन करते हुए, रामलला का दुग्धाभिषेक करें. दूध, दही मिलाकर उनका अभिषेक कराएं. अभिषेक कराने के बाद उन्हें कई तरह के फूलों से सुसज्जित करें, वस्त्र धारण करें, मस्तक पर तिलक लगाएं. भगवान रामलला को तिलक लगाने के बाद 108 बार राम-राम का एक माला जाप करें. फिर इसके बाद आरती करें, इस तरह करने से विधि विधान से पूजा संपन्न मानी जाएगी.