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श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के मुखिया बने राम नौमी दास, महंत का विधि-विधान से पट्टाभिषेक - SHRI PANCHAYATI AKHARA NEW MAHANT

सभी अखाड़ों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी चादरविधि के साथ किया गया पट्टाभिषेक.

श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के मुखिया बने राम नौमी दास.
श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के मुखिया बने राम नौमी दास. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 16, 2024, 6:15 PM IST

प्रयागराज:श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण में सोमवार को पट्टाभिषेक कार्यक्रम किया गया. इस आयोजन में अखाड़े के महंत राम नौमी दास महाराज को मुखिया महंत के पद पर चादरपोशी करके विधि विधान के साथ पदवी दी गई. इस दौरान अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष समेत सभी अखाड़ों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी चादरविधि कर उनका पट्टाभिषेक कर मुखिया महंत की जिम्मेदारी दी गई.

श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के मुखिया बने राम नौमी दास. (Video Credit; ETV Bharat)

महाकुम्भ मेले की शुरुआत के साथ ही अखाड़ों में महंत, श्री महंत, महामंडलेश्वर बनाए जा रहे हैं. सोमवार को उदासीन अखाड़े में मुखिया महंत की पदवी पर दिल्ली के संत रामनौमी दास का विधि विधान के साथ पट्टाभिषेक किया गया. इस दौरान बड़ा उदासीन अखाड़े में तीन अन्य मुखिया महंत के साथ दूसरे महामंडलेश्वर और महंतों ने उन्हें माला पहनाकर पद पर आसीन करवाया गया.

अखाड़े के ईष्टदेव के सामने की गई चादरविधि :श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के कीडगंज स्थित कार्यालय में सोमवार को संत महंत रामनौमी दास को अखाड़े का मुखिया महंत बनाया गया. इस दौरान बड़ा उदासीन अखाड़ा के संतों-महंतों ने उनके माथे पर तिलक लगाने के साथ ही उन्हें चादर ओढ़ाई. जिसके बाद कार्यक्रम में मौजूद तेरह अखाड़ों के प्रतिनिधियों ने भी नए मुखिया महंत की चादरविधि करते हुए माला पहनाकर तिलक लगाया. इसी के साथ अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने भी बताया कि अखाड़े के चादरपोशी कार्यक्रम में शामिल हुए और नए मुखिया महंत का स्वागत सम्मान किया.

पट्टाभिषेक की विधि और परंपराएं पूरी की गईं :समारोह की शुरुआत रविवार को अखाड़े से जुड़े संतों ने विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना की. अगहन मास की पूर्णिमा के दिन विशेष पूजा अर्चना की गई. इसके साथ ही रामनौमी दास की जटाओं को दूसरे श्रीमहंतों द्वारा पारंपरिक तरीके से बांधा गया. जिसमें उत्तर पंगत के श्रीमहंत महेश्वर दास, दक्षिण पंगत के श्री महंत दुर्गा दास और पूर्व पंगत के महंत अद्वैतानंद शामिल रहे. पट्टाभिषेक से पहले रामनौमी दास को संगम ले जाया गया, जहां पर उन्होंने त्रिवेणी में स्नान किया. इसके बाद अखाड़े में पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया.

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