लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लगभग दो लाख कर्मचारियों और अधिकारियों ने निर्धारित समय पूरा होने तक मानव संपदा पोर्टल पर चल अचल संपत्ति का विवरण नहीं भरा है. इसकी निर्धारित सीमा 31 जनवरी तक थी.
लाखों की संख्या में कर्मचारियों ने अपना विवरण नहीं भरा. इसके बाद में 6 फरवरी यानी गुरुवार को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की ओर से संबंध में सख्त आदेश किया गया था. राज्य के कर्मचारियों और अधिकारियों को आखिरी मौका देते हुए 15 फरवरी तक का समय दिया गया था. दावा किया गया था कि ऐसे कर्मचारी अधिकारी जो 15 फरवरी के बाद भी अपना विवरण नहीं भरेंगे, उनका एक साल तक प्रमोशन नहीं होगा. इसके बावजूद बड़ी संख्या में कार्मिकों ने सम्पत्ति का ब्यौरा नहीं दिया था. आखिरकार एक बार से संपत्ति विवरण के लिए 28 फरवरी तक की तारीख तय की गई है.
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की ओर से जारी शासनादेश के मुताबिक 1 फ़रवरी की समीक्षा में यह संज्ञान में आया है कि पोर्टल पर कुल पंजीकृत 831844 अधिकारियों कर्मचारियों के सापेक्ष कुल 689826 कर्मचारियों (83 प्रतिशत) ने ब्यौरा दिया है. पिछली बार यह संख्या 593873 अधिकारियों कर्मचारियों (71 प्रतिशत) थी. उन्होंने बताया कि शासन के स्पष्ट निर्देशों के बाद भी निर्धारित समयावधि में कार्मिकों द्वारा चल-अचल सम्पत्ति का विवरण पोर्टल पर दर्ज न किया नहीं किया गया है.
उन्होंने कहा कि अब आखरी मौका दिया जा रहा है. राज्य के समस्त सरकारी अधिकारी कर्मचारी तथा मानव सम्पदा पोर्टल पर पंजीकृत राज्याधीन स्वायत्तशासी संस्थाओं, निगमों, उपक्रमों के अधिकारियों कर्मचारियों के 28 फरवरी तक हर हाल में अपनी चल अचल संपत्ति का विवरण मानव संपदा पोर्टल पर देना ही होगा. 28 फरवरी तक विवरण पोर्टल पर प्रस्तुत नहीं करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों के प्रोन्नति पर अगले एक वर्ष के लिए विचार नहीं किया जाएगा.