धमतरी में कैदी भाईयों के हाथों पर सजी बहनों की राखी, नेकी के रास्ते पर चलने की खाई कसम - tied Rakhi to prisoners in Dhamtari - TIED RAKHI TO PRISONERS IN DHAMTARI
धमतरी जिला जेल में बंद कैदी भाइयों को उनकी बहनों ने राखी बांधी. इस दौरान बहनों में अपने भाई से सही राह पर चलने का वादा लिया. राखी पर्व को लेकर जेल में सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए.
जेल में बंद कैदी भाइयों की कलाई पर बहनों ने बांधी राखी (ETV Bharat)
धमतरी: जिला जेल में बन्द कैदियों को उनकी बहनें सोमवार को राखी बांधने आई. जेल प्रशासन ने भी अपनी तरफ से इस पर्व के लिए पूरी व्यवस्था की थी. रक्षा बंधन पर बहनों ने अपने भाइयों से वचन मांगा कि वो भविष्य में अपराध से दूर रहेंगे. कोरोनाकाल के कारण पिछले 4 साल से ये बहनें अपने भाईयों को राखी नहीं बांध पा रही थी. 4 साल बाद जेल में यह परंपरा फिर से शुरू की गई है.
"मेरा भाई जेल में बंद है. मैं उसे राखी बांधने आई हूं. जेल में पर्व को लेकर व्यवस्था अच्छी है. हमने भाई से सही राह पर चलने का वादा लिया है." -कैदी की बहन
बहनों ने कैदी भाइयों से लिया वचन:रक्षाबंधन का पर्व 19 अगस्त को धूमधाम से मनाया जा रहा है. छत्तीसगढ़ में कोरोना के समय से यह पर्व जेल में सार्वजनिक तौर पर मनाने पर प्रतिबंध लग चुका था. लेकिन इस बार धमतरी जिला जेल में कैदियों की कलाई सुनी नहीं रही. सोमवार को कैदी भाइयों की बहनों ने अपने भाइयों की सुनी कलाई पर राखी बांधते हुए सही राह पर चलने का वादा लिया. इस दौरान रक्षाबंधन के गानों भी बजाए गए.
"सुबह से ही बहनें अपने भाई को राखी बांधने आ रही है. आधार कार्ड दिखाकर पंजीयन करवाया गया. बारी-बारी से जेल के अंदर उन्हें मौका दिया गया. प्रत्येक बहन को 10 मिनट का समय दिया गया. 100 ग्राम मिठाई की अनुमति दी गई थी. बाहर जिला पुलिस बल के जवान तैनात थे. अंदर में महिला आरक्षक की तैनाती की गई थी. रक्षाबंधन के पर्व पर बंदियों को विशेष रूप से हलवा, चना, पुड़ी का भोजन कराया गया."-नरेंद्र कुमार, सहायक जेल अधीक्षक
राखी को लेकर की गई खास व्यवस्था: इस बार कैदी भाइयों में असमंजस था कि इस त्यौहार में उनकी कलाईयां सुनी रह जाएंगी. हालांकि इस बार शासन की ओर से रक्षाबंधन पर्व मनाने का आदेश जारी किया गया. धमतरी जेल में भी रक्षाबंधन का पर्व काफी धूमधाम से मनाया गया. राखी के लिए सुबह 8 बजे से दोपहर 3 तक के लिए खास व्यवस्था की गई. सुबह से ही अंदर में बंद कैदियों की बहनें जाकर अपने भाइयों को राखी बांधी.नम आंखों से बहनों ने अपने भाइयों से वादा लिया कि जेल से बाहर निकालने के बाद अच्छे राह पर चलना है.