पंचमहल। मूल रूप से मध्य प्रदेश के रहने वाले एक युवक की गुजरात के गोधरा में अपहरण के बाद हत्या कर दी गई. गुनाह छुपाने के लिए आरोपियों ने युवक के शरीर पर पेट्रोल छिड़क कर जला दिया. हालांकि पंचमहल पुलिस ने इस मामले में कुल 6 आरोपियों को हिरासत में लिया और आगे की जांच की. इस घटना से पूरे सूबे में हड़कंप मच गया है. बता दें कि मोहनीश नाम के युवक का जला हुआ शव झाबुआ जिले के कल्याणपुरा में मिला था. उसके परिजनों ने थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी.
यह है पूरा मामला
मध्य प्रदेश के राजगढ़ का रहने वाला मोहनीश नाम का युवक अपने गांव में रहने वाली एक लड़की से प्यार करता था. इस लड़की की सगाई गुजरात के गोधरा में एक अन्य युवक राजकुमार शाह उर्फ लाडू से तय हुई थी. जब मोहनीश को सगाई के बारे में पता चला तो वह बाइक से गोधरा पहुंचा और उसके प्रेम प्रसंग के बारे में राजकुमार को सारी बात बता दी. तभी राजकुमार और उसके चाचा का लड़का मोहनीश को गोधरा के सासुमा होटल के सामने ले गये. मोहनीश का अपहरण कर लिया गया और उसे चंचेलाव के उदय होटल में ले जाया गया.
होटल में बनाया बंंधक
इस अपहरण में राजकुमार और उसके चाचा के बेटे का साथ 3 अन्य युवकों ने साथ दिया था. उदय होटल में राजकुमार ने अपने ससुराल वालों को बुलाया. तो मोहनीश की प्रेमिका के चाचा और अन्य परिजन उदय होटल आये. यहां शाम साढ़े सात बजे से रात 11 बजे तक काफी गरमागरम चर्चाएं हुईं. रात में प्रेमिका के चाचा ने मोहनीश को कार से उसके घर मध्य प्रदेश छोड़ने के लिए कहा. फिर सभी लोग कार में बैठ कर चले गये.
शव पर पेट्रोल से लगाई आग
उदय होटल से कार में मोहनीश के साथ पूरा काफिला रवाना हुआ. रास्ते में पूर्व योजना के अनुसार मोहनीश को टवेरा कार में बैठा लिया गया. इसी कार में मोहनेश की मफलर से गला घोंटकर हत्या की गई थी. फिर शव को मध्य प्रदेश के कल्याणपुरा में चोरा चोरी पहाड़ी के पास एक स्थान पर कार से बाहर निकाला गया. शव पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी गयी. मोहनीश के चाचा ने गोधरा सिटी ए डिवीजन पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई. ए डिवीजन पुलिस ने आईपीसी की धारा 365 और 120 (बी) के तहत मामला दर्ज किया था.
6 आरोपी गिरफ्तार
अगले दिन मृतक मोहनीश का अधजला शव मध्य प्रदेश में मिला था. इसलिए घटना की गंभीरता को देखते हुए पंचमहल रेंज आईजी आरवी असारी और पंचमहल एसपी हिमांशु सोलंकी ने एक टीम गठित कर आरोपियों को पकड़ने का प्रयास किया. पुलिस ने आरोपी को पकड़ने के लिए तकनीकी निगरानी का इस्तेमाल किया. पुलिस ने इस मामले में 6 लोगों को हिरासत में लिया है. इस अपराध की गंभीरता को देखते हुए मामले में धारा 302 और 201 जोड़कर गिरफ्तार किए गए लोगों का रिमांड हासिल किया गया है. पुलिस को शक है कि इस अपराध में और भी लोग शामिल हो सकते हैं.