राजगढ़।राजगढ़ लोकसभा सीट को पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह का गढ़ माना जाता रहा है, लेकिन धीरे-धीरे वक्त से साथ बहुत कुछ बदल गया है. क्योंकि राजगढ़ जिले के दिग्गज नेता कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा में जा चुके हैं. पूर्व विधायक प्रताप मंडलोई को वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने प्रत्याशी नहीं बनाया तो वे निर्दलीय के रूप में कांग्रेस प्रत्याशी के विरुद्ध खड़े हो गए. अंततः उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में दिग्विजय सिंह की अनुशंसा पर कांग्रेस ने मोना सुस्तानी को अपना प्रत्याशी बनाया. दिग्विजय सिंह स्वयं उनका नामांकन दाखिल कराने के लिए राजगढ़ आए, लेकिन वे लगभग 4 लाख मतों से चुनाव हार गईं.
बीजेपी के पक्ष में प्रचार करेंगी मोना सुस्तानी
कुछ वर्ष बीतने के बाद मोना सुस्तानी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात कर भाजपा का दामन थाम लिया. अब दिग्विजय सिंह स्वयं राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनने वाले हैं. वर्ष 2019 की कांग्रेस की तत्कालीन कांग्रेस प्रत्याशी और वर्तमान भाजपा कार्यसमिति की सदस्य मोना सुस्तानी अब दिग्विजय सिंह के खिलाफ प्रचार करते हुए रोडमल नागर के पक्ष में वोट मांगते हुए नजर आएंगी. बता दे दिग्विजय सिंह शुक्रवार को राजगढ़ जिले में पहुंचे, जहां उन्होंने छापीहेड़ा में आयोजित कांग्रेस के कार्यक्रम में मंच से ही अपना नाम का राजगढ़ लोकसभा के प्रत्याशी के रूप में होने घोषणा की है.
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