भोपाल।मध्यप्रदेश की सबसे हाईप्रोफाइल राजगढ लोकसभा सीट पर प्रदेश की 9 लोकसभा सीटों के मुकाबले अब तक सबसे ज्यादा मतदान हुआ है. शाम 5 बजे तक मतदान का प्रतिशत 72 के पार पहुंचा है. दिग्विजय सिंह कह चुके हैं कि ये उनके राजनीतिक जीवन का आखिरी चुनाव है. राजगढ में बढ़ा वोटिंग प्रतिशत किस तरफ इशारा कर रहा है. क्या ये मतदान दिग्विजय की भावुक अपील का असर है या मोदी मैजिक. इसी सीट पर जनाजे और अर्थी को लेकर सियासी बवाल भी उठा था. सवाल ये कि इस वोटिंग के साथ सियासी मायनों में दिग्विजय सिंह की चुनावी राजनीति का जनाजा निकलेगा या जीत के जुलूस की है तैयारी.
राजगढ़ में शाम 5 बजे तक 72 परसेंट से ज्यादा वोटिंग
एमपी में 9 लोकसभा सीटों पर मंगलवार को मतदान हुआ. इनमें राजगढ लोकसभा सीट इकलौती है जहां मतदान का प्रतिशत बाकी सीटों के मुकाबले कहीं ज्यादा है. 5 बजे तक मतदान यहां 72 फीसदी को पार कर गया. राजगढ़ में 5 बजे तक का मतदान प्रतिशत 72.3 प्रतिशत है. अब सवाल ये कि ये बढ़ा हुआ मतदान प्रतिशत किस तरफ इशारा कर रहा है. वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक प्रकाश भटनागर कहते हैं "2019 के मतदान प्रतिशत से अगर हम देखें तो राजगढ़ लोकसभा सीट का मत प्रतिशत 74 फीसदी से ज्यादा गया था. इस लिहाज से इस सीट का वोटिंग ट्रेंड इसी तरह का रहा है. लोग वोट देने बाहर निकलते हैं."
2019 में 74 फीसदी हुआ था मतदान
प्रकाश भटनागर कहते हैं "राजगढ़ में 2014 में जरूर 64 फीसदी मतदान हुआ है. लेकिन 2014 से 2019 में 10 फीसदी बढ़े वोटिंग प्रतिशत के बावजूद यहां की जनता ने अपनी पसंद और जनादेश नहीं बदला. इस लिहाज से ये कह पाना थोड़ी जल्दबाजी होगी कि ये वोट दिग्विजय सिंह की भावुक अपील का असर है या बीते दो चुनाव की तरह मोदी मैजिक है. ये जरूर है कि राजगढ लोकसभा सीट दिग्विजय सिंह के प्रभाव वाली सीट है. यहां राघौगढ़ से लेकर चाचौड़ा तक नेतृत्व दिग्विजय परिवार के हाथो में ही रहा है. जनाजा और अर्थी तक पहुंच चुके राजगढ़ में चुनावी बयान एमपी की इस हाईप्रोफाइल सीट पर बयानों के बवंडर भी उठे थे."