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कृषक कल्याण फीस के विरोध में आए मंडी कारोबारी, मंडियों में हड़ताल की दी चेतावनी - protest of farmer welfare fee

मंडी कारोबारियों ने राज्य सरकार की ओर से लगाई गई कृषक कल्याण फीस का विरोध शुरू कर दिया है. मंडी कारोबारियों की प्रतिनिधि संस्था राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ ने इस फीस को हटाने का आग्रह किया है. संघ के पदाधिकारियों ने कहा है कि कृषक कल्याण फीस नहीं हटाई गई तो 2 से 5 जुलाई तक मंडियां बंद रखी जाएंगी.

protest of farmer welfare fee
कृषक कल्याण फीस के विरोध में आए मंडी कारोबारी (photo etv bharat jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 1, 2024, 7:42 PM IST

जयपुर. मंडी कारोबारी कृषक कल्याण फीस के विरोध में उतर आए हैं. राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ ने चेतावनी दी है कि यदि कृषि विपणन विभाग ने ये फीस नहीं हटाई तो 2 से 5 जुलाई तक राजस्थान की सभी 247 मण्डियों में व्यापार बंद रखा जाएगा.

राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि संघ की सरकार से चार प्रमुख मांगे हैं. इनमें कृषक कल्याण फीस को समाप्त करने, मण्डियों के बाहर और भीतर एक कर वसूलने, राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के भवन के लिए आवंटित भूखण्ड पर 1 प्रतिशत वार्षिक लीज मनी की मांग को समाप्त करने की प्रमुख मांगे हैं. साथ ही सरकार मण्डी सेस 1 प्रतिशत करे और नाम परिवर्तन पर 2.5 प्रतिशत से घटाकर 0.50 प्रतिशत करे. नाम परिवर्तन राशि मण्डी समिति द्वारा दुकान मालिक से ली जानी चाहिए. किराए की दुकानों में बैठे व्यापारियों को मालिकाना हक डीएलसी की 25 प्रतिशत राशि पर दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जहां डीएलसी की दर अंकन में विसंगति है, उसका समाधान मण्डी स्तर पर किया जाना चाहिए.

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बजट पूर्व परिचर्चा का आयोजन: इससे पहले राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ ने राज्य के आगामी बजट को लेकर बजट पूर्व परिचर्चा का आयोजन भी किया. इसमें खाद्य पदार्थ संघ से जुड़े पदाधिकारी मौजूद रहे. इस परिचर्चा में पदाधिकारियों और व्यापारियों ने कुछ मांगें सरकार के समक्ष रखी. इस परिचर्चा में कहा गया कि नई औद्योगिक इकाइयों की तरह ही पुरानी औद्योगिक इकाइयों को भी रिप्स में मिलने वाली छूट दी जानी चाहिए. जयपुर शहर के चारों ओर हाईटेक एरिया विकसित करवाकर औद्योगिक पार्क बनाए जाने चाहिए. परिचर्चा में वक्ताओं ने कहा कि उद्योगों को बिजली समय पर मिले. कुछ मण्डियों को वहां की पैदावार के अनुरूप छोटी-छोटी इकाइयों के साथ औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाना चाहिए. कोरिडोर एरिया में शीघ्रता से औद्योगिक क्षेत्र नियोजित किये जाए और हाईवे से जुड़ने वाले औद्योगिक क्षेत्र को सुगम परिवहन व्यवस्था से जोड़ा जाना चाहिए.

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