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लोक प्रशासन विभाग का मुद्दा हुआ हल, प्रो. महला की जगह प्रो. कुमुद को मिली जिम्मेदारी - Rajasthan University

Professor Alleged of Misbehaving, महिला प्रोफेसर से अशोभनीय भाषा और दुर्व्यवहार करने के आरोप में प्रोफेसर को लोक प्रशासन विभाग के डीन और एचओडी पद से हटाया गया है. उनकी जगह ये जिम्मेदारी प्रो. कुमुद शर्मा को सौंपी गई है.

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 22, 2024, 8:37 PM IST

जयपुर.राजस्थान विश्वविद्यालय में बीते एक साल से चल रहे विवाद का सोमवार को अंत हुआ. महिला प्रोफेसर से अशोभनीय भाषा के आरोप में घिरे प्रोफेसर ओम महला को लोक प्रशासन विभाग के डीन और एचओडी पद से हटाते हुए उनकी जगह प्रो. कुमुद शर्मा को जिम्मेदारी सौंपी है. रिटायर्ड जज उमाशंकर शर्मा की जांच कमेटी रिपोर्ट के आधार पर ये फैसला लिया गया.

दो महीने की जांच के बाद रिपोर्ट पेश :मार्च 2023 में राजस्थान विश्वविद्यालय के लोक प्रशासन विभाग की तीन शिक्षिकाओं ने प्रोफेसर ओम प्रकाश महला के खिलाफ महिलाओं के प्रति अशोभनीय भाषा और दुर्व्यवहार के आरोप लगाए थे. इस पर अखिल भारतीय परिषद विद्यार्थी परिषद के आंदोलनरत होने पर न्यायाधीश उमाशंकर शर्मा की अध्यक्षता में एक जांच समिति गठित की गई थी. साथ ही प्रोफेसर महला को डीन के पद से निलंबित कर दिया गया था. वहीं, समिति ने न्यायिक प्रक्रिया का पालन करते हुए दोनों पक्षों के बयान लेकर जिरह का अवसर भी दिया. अब समिति ने दो महीने की जांच के बाद अपनी रिपोर्ट पेश की है.

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जांच समिति की रिपोर्ट पर कुलपति अल्पना कटेजा ने महिला मुद्दों के प्रति संवेदनशीलता दर्शाते हुए, तत्काल प्रभाव से प्रो. ओम महला की जगह प्रो. कुमुद शर्मा को डीन बनाया है. साथ ही प्रो. महला को विभागाध्यक्ष के पद से भी हटाते हुए डीन प्रो. कुमुद शर्मा को ही विभागाध्यक्ष का अतिरिक्त दायित्व भी दिया है. इस संबंध में यूनिवर्सिटी कुलपति प्रो. अल्पना कटेजा ने तर्क दिया कि लोक प्रशासन विभाग में ये पद अनावश्यक विवादों के कारण अन्य किसी को नहीं दिया जा सकता था.

अव्यावहारिक और अतार्किक फैसला : कुलपति के इस आदेश पर प्रो. कुमुद शर्मा ने सोमवार को दायित्व भी ग्रहण किया. इस संबंध में प्रो. ओम महला ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि एक सामान्य शिक्षक के इनाम और कर्तव्य निष्ठा के आगे व्यवस्थावादी सिस्टम की जड़े हिल गई हैं. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एक सीधी नियोजित तरीके से नियमों से दूर जाकर सत्ता को खुश करने के लिए पूरी तरह अव्यावहारिक और अतार्किक फैसला लिया है. महला के खिलाफ लगातार प्रोटेस्ट कर रहे एबीवीपी संगठन ने आज के दिन को महिला सम्मान की दिशा में राजस्थान विश्वविद्यालय में ऐतिहासिक दिन बताया.

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