हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

हिमाचल में शुरू होगी 'अविशान' भेड़ की ब्रीडिंग, सींग होते नहीं, 3 से 4 मेमनों को देती है जन्म, देश के 10 राज्यों में डिमांड - Avishan sheep breed

Rajasthan Sheep Breed Avishan, Rajasthan Sheep Breed Avishan Demand In 10 States: ये भेड़ है कुछ खास. आप भी भेड़ की इस नस्ल के बारे में जानेंगे तो आप भी कहेंगे कि अगर भेड़ पालनी है तो इसी नस्ल की. भेड़ की इस नस्ल की देश के 10 राज्यों में डिमांड है. आखिर क्या इसकी खासियतें जानिए डिटेल में...

Rajasthan Sheep Breed Avishan
'अविशान' भेड़

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Feb 26, 2024, 6:40 PM IST

कुल्लू:भारत में कृषि के साथ-साथ पशुपालन के माध्यम से भी ग्रामीण क्षेत्रों में लोग अपनी आर्थिकी को मजबूत कर रहे हैं और गाय, भैंस के साथ भेड़, बकरी का पालन भी कर रहे हैं. ऐसे में भारत सरकार के द्वारा भी पशुपालन के माध्यम से लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है और पशुओं की नई-नई उन्नत किस्म के माध्यम से भी पशुपालकों को इसका लाभ हो रहा है. अब भारत सरकार के केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान के द्वारा भेड़ की नई किस्म भी तैयार की जा रही है, ताकि उसके माध्यम से पशुपालकों को फायदा मिल सके. ऐसे में केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान के द्वारा एक उत्तम किस्म की भेड़ की नस्ल को तैयार किया गया है. जिससे देश भर के भेड़ पालकों को काफी फायदा होगा.

भारत के राजस्थान के अविकानगर में स्थापित केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान के द्वारा पंजाब (लुधियाना) के बाद अब हिमाचल प्रदेश में ''अविशान'' नाम की उत्तम किस्म की शीप का फार्म शुरू करेगा. प्रदेश के कुल्लू स्तिथ गड़सा अनुसंधान संस्थान में फार्म खोलने के बाद यहां अविशान शीप की ब्रीडिंग शुरू होगी. जिसके चलते प्रदेश के किसानों और पशुपालकों को यह शीप इस संस्थान में उपलब्ध होगी. अविशान नाम की यह शीप साल 2016 में ही 16 साल के शोध के बाद तैयार की है और उसके बाद राजस्थान के अविकानगर से ही किसानों और पशुपालकों को उपलब्ध करवाई जा रही है, लेकिन अब हिमाचल के पशुपालकों और किसानों को यह शीप प्रदेश में ही उपलब्ध होगी.

'अविशान' भेड़

ये भी पढ़ें-सीएम सुक्खू ने शेयर किया बर्फ से लदे पहाड़ का वीडियो, पर्यटकों को किया आमंत्रित, देखें अद्भुत नजारा

भेड़ की इस नस्ल के नहीं होते सींग

संस्थान के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार संस्कृत भाषा में अवि का मतलब भेड़ होता है और शान को जोड़कर इस नई नस्ल की भेड़ को भेड़ों की शान मतलब 'अविशान' नाम दिया गया है. अविशान नस्ल की यह भेड़ उच्च दर्जे की लंबे पैरों वाली बड़ी आकार की होती है. इसका चेहरा हल्का गहरे भूरे रंग का होता है और जो गर्दन तक फैला होता है. इसकी ऊन सफेद रंग की होती है और पूंछ पतली और मध्यम आकार की होती है. वहीं, यह भेड़ नर और मादा दोनों किस्म में बिना सींग के होती है.

3 से 4 मेमनों को देती है जन्म

इसमें खास बात यह है कि इस प्रजाति कि यह शीप एक साथ 3-4 मेमनों को जन्म देती है और एक साल में दो बार इस शीप से ब्रीडिंग होती है. ऐसे में पशुपालकों को एक साल में 6 से 8 मेमने इस शीप से पैदा हो सकते हैं जिसके चलते कम इन्वेस्टमेंट में किसानों को अधिक लाभ होगा. संस्थान के अधिकारियों की मानें तो इस शीप से बच्चों की वृद्धि दर 30 प्रतिशत अधिक है.

'अविशान' भेड़

अन्य भेड़ों के मुकाबले 40 प्रतिशत ऊन और मांस, दूध भी ज्यादा

अविशान शीप की एक साथ 3 से 4 बच्चे पैदा करने के साथ साथ दूसरी खासियत यह भी है कि इससे 40 प्रतिशत अधिक ऊन और मांस भी उपलब्ध होता है, जबकि यह दूसरी शीप से 200 ग्राम अधिक दूध देती है. ऐसे में इसको पालने से किसान और पशुपालकों की 2 से तीन गुणा अधिक आय हो होगी. संस्थान के अधिकारियों की मानें तो इस किस्म की शीप से होने बाले बच्चे यानि मेमने जन्म के समय 3 किलो 30 ग्राम के होते हैं, जबकि 3 महीने में 16 किलोग्राम, 6 महीने में 25 किलोग्राम और एक साल में 34 किलो 70 ग्राम वजन के होते हैं. जिसका सीधा फायदा किसानों को उन्हें बेचकर होता है. इसके अलावा ऊन उत्तम क्वालिटी की होती है इससे भी किसानों को फायदा होगा.

देश के दस राज्यों में डिमांड

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर राजस्थान में तैयार की गई इस उत्तम गुणवत्ता वाली शीप की देश के दस राज्यों में डिमांड चल रही है. जिसमें हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, झारखंड और हिमाचल प्रदेश शामिल हैं.

'अविशान' भेड़

केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर राजस्थान के निदेशक डॉ. अरुण तोमर ने बताया कि ''केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर ने अविशान नाम की शीप तैयार की है. अविशान को शीप यानि भेड़ों की शान कहा जाता है. इसको हिमाचल के किसानों को उपलब्ध करवाने के लिए प्रदेश के कुल्लू के गड़सा में फार्म खोला जाएगा, ताकि किसानों के लिए यहीं ब्रीडिंग शुरू की जा सके''.

ये भी पढ़ें-विदेशी सेब ने घटाए हिमाचली Apple के दाम, बागवानों को नुकसान

ABOUT THE AUTHOR

...view details