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अटल भूजल योजना से राजस्थान जल के क्षेत्र में बनेगा आत्मनिर्भर, सातवें से तीसरे स्थान पर आया प्रदेश-कन्हैया लाल चौधरी - Groundwater planning

भूजल मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने कहा कि सरकार की भूजल को लेकर नई नीतियों और कार्यों का ही परिणाम है कि अटल भूजल योजना में अब हमारा प्रदेश सातवें स्थान से तीसरे स्थान पर आ गया है.

अटल भूजल योजना
राजस्थान जल के क्षेत्र में बनेगा आत्मनिर्भर (ETV Bharat Jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 21, 2024, 9:49 PM IST

जयपुर :भूजल मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने कहा कि विषम भौगोलिक परिस्थिति और भूजल की अत्यधिक कमी से जूझ रहा प्रदेश अटल भूजल योजना से जल के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है. किसी भी राज्य की अर्थव्यवस्था और विकास जल की उपलब्धता पर निर्भर करता है. नवीन उद्योगों की स्थापना भी जल की उपलब्धता वाले राज्यों में अधिक होती है. ‌उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की भूजल को लेकर नई नीतियों और कार्यों का ही परिणाम है कि अटल भूजल योजना में अब हमारा प्रदेश सातवें स्थान से तीसरे स्थान पर आ गया है. भूजल मंत्री बुधवार को अटल भूजल योजना के अंतर्गत राज्य कार्यक्रम प्रबंधन इकाई जयपुर की ओर से राज्य कृषि अनुसंधान केंद्र दुर्गापुरा में आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.

कन्हैया लाल चौधरी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर 25 दिसंबर 2019 को शुरू की गई अटल भूजल योजना वर्तमान में प्रदेश के 17 जिलों में संचालित है. पूर्व प्रधानमंत्री का नदियों को आपस में जोड़ने का सपना राजस्थान के लिए वरदान साबित होगा. उन्होंने कहा कि सिंचाई की ड्रिप, स्प्रिंकलर आदि तकनीकों के माध्यम से पानी बचाया जा सकता है. साथ ही वर्षा जल को बचाने के लिए बेहतर प्रयास होने चाहिए. भूजल मंत्री ने कहा कि पश्चिमी राजस्थान में पानी की सर्वाधिक कमी है. इस बार प्रदेश में अच्छी बारिश हुई, लेकिन वर्षा जल संचय के पर्याप्त प्रयास न होने से अधिकांश वर्षा जल व्यर्थ बह गया. हमें वर्षा जल बचाने के सघन एवं सामूहिक प्रयास करने होंगे. भूजल का कम दोहन और अधिक रिचार्ज पर ध्यान देना होगा.

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भूजल विभाग के शासन सचिव डॉ समित शर्मा ने कहा कि प्रदेश के ग्राउंड वाटर लेवल की स्थिति का आकलन किया जाता है, तो देश में सर्वाधिक विकट स्थिति राजस्थान की पाई जाती है, इसलिए आने वाले समय में भूजल स्तर को सुधारना है. उन्होंने कहा कि अटल भूजल योजना का मुख्य उद्देश्य ही सामुदायिक सहभागिता से चिह्नित क्षेत्रों में गिरते भूजल स्तर की रोकथाम के लिए आमजन में जल के प्रति व्यवहार परिवर्तन किया जाना है. उन्होंने कहा कि योजना के तहत मार्च 2025 तक सभी कार्य पूर्ण करने हैं. साथ ही इस योजना को पूरे देश में तीसरे स्थान से प्रथम स्थान पर लाना है. इसके लिए भरसक प्रयास करने की आवश्यकता है.

वर्षा जल का संचयन किया जाना है जरूरी :शासन सचिव समित शर्मा ने कहा कि वर्तमान समय में वर्षा का जल व्यर्थ रूप में बहकर चला जाता है. इसके लिए कोई ठोस कार्य योजना बनाया जाना जरूरी है. उन्होंने कहा कि पूर्व निर्मित सतही पेयजल के स्रोतों का रख-रखाव किया जाना जरूरी है, क्योंकि इसमें सीवरेज का पानी जा रहा है, जिससे भूजल भी खराब हो रहा है, इसलिए इस पर कार्य करने की बहुत ज्यादा जरूरत है.

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