जयपुर. राजस्थान में 12 लोकसभा सीटों पर पहले चरण में कमोबेश सभी सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी में सीधा मुकाबला है, लेकिन 2 सीटें ऐसी है जहां RLP और CPI(M) कांग्रेस के साथ गठबंधन करके मैदान में है. इन 12 सीटों के सियासी मिजाज पर नजर डाले तो आधा दर्जन लोकसभा सीट ऐसी हैं, जो हॉट सीट बनी हुई हैं. यहां दो केंद्रीय मंत्रियों के साथ प्रदेश के कई दिग्गज नेताओं की साख दांव पर है.
पहले चरण में 12 सीटों पर मुकाबला :पहले चरण में प्रदेश की 12 लोकसभा सीटों पर मतदान हो रहा है जिसमें जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, चूरू, सीकर, झुंझुनू, बीकानेर, गंगानगर, अलवर, भरतपुर,दौसा, करौली - धौलपुर और नागौर सीट शामिल है. पहले चरण की हॉट लोकसभा सीट की बात करें तो करीब आधा दर्जन सीटें ऐसी है जो देशभर में चर्चा में है. इन हॉट सीटों पर कहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और भूपेंद्र यादव की, तो कहीं सीएम भजन लाल शर्मा, पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, सहित अन्य नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है.
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इन सीटों साख दांव पर :
बीकानेर और अलवर :पहले चरण की ये दोनों वो लोकसभा सीट है जहां मोदी सरकार में मौजूदा केंद्रीय मंत्री मैदान में है. बीकानेर से केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल तो अलवर से भूपेंद्र यादव.
अर्जुन राम मेघवाल का मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी गोविंद राम मेघवाल से है, जबकि अलवर से केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव का मुकाबला कांग्रेस के ललित यादव से है. मेघवाल और यादव दोनों ही केंद्र में बड़ा कद रखते हैं. मोदी टीम के अहम हिस्सा भी है ऐसे में भाजपा की नजर से दोनों ही नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है.
नागौर :इस लोकसभा सीट पर बीजेपी की प्रत्याशी ज्योति मिर्धा और RLP उम्मीदवार हनुमान बेनीवाल के बीच सीधा मुकाबला है, इस सीट की खास बात ये भी है कि मुकाबला पिछले प्रत्याशियों के बीच में ही है, बस अंतर है तो इतना की ज्योति मिर्धा ने कांग्रेस और हनुमान बेनीवाल ने बीजेपी से गठबंधन करके चुनावी मैदान में थे. अब ज्योति मिर्धा भाजपा की प्रत्याशी है और हनुमान बेनीवाल कांग्रेस के गठबंधन पर है. लोकसभा चुनाव में ज्योति मिर्धा का राजनीतिक भविष्य दांव पर है, क्योंकि विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा ज्वाइन करने के साथ नागौर से चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. ऐसे में अगर इस बार लोकसभा में भी हार मिलती है तो आगे की राजनीतिक सफर संकटों भरा होगा.
चूरू :इस सीट पर मुकाबल बड़ा रोचक इसलिए बन गया, क्योंकि बीजेपी ने मौजूदा सांसद राहुल कस्वा का टिकट काट कर जेवलीन थ्रो ( भाला फेंक) के स्टार खिलाड़ी देवेंद्र झाझड़िया को मैदान में उतार दिया. उधर राहुल कस्वां नाराज होकर भाजपा को छोड़ कांग्रेस में शामिल ही नहीं हुए बल्कि कांग्रेस ने उन्हें प्रत्याशी भी घोषित कर दिया. बताया जाता है कि देवेंद्र झाझड़िया को टिकट पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की पैरवी पर मिला था, ऐसे में इस सीट पर जीत दर्ज करवाना राजेंद्र राठौड़ की जिम्मेदारी है, विधानसभा चुनाव में हार के बाद अब राठौड़ की अग्नि परीक्षा है. इस सीट पर हार का मतलब राठौड़ की राजनीतिक जमीन कमजोर होना .
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दौसा : इस सीट पर मुकाबला इसलिए रोचक हो गया क्योंकि बीजेपी के पूर्व मंत्री कन्हैयालाल मीणा को मैदान में उतारा है. इस सीट पर कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा की साख दांव पर है. बताया जा रहा है कि भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने मीणा को इस सीट की जिम्मेदारी दी हुई है .
सीकर : इस लोकसभा सीट पर भाजपा ने फिर से मौजूदा सांसद सुमेधानंद स्वामी को प्रत्याशी बनाया है, जबकि कांग्रेस ने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए माकपा के लिए इस सीट को खाली छोड़ दिया. कांग्रेस समर्थन के साथ माकपा के अमराराम सुमेधानंद से मुकाबला करेंगे. इस सीट पर भजनलाल सरकार में मंत्री झाबर सिंह खर्रा की साख दांव पर है. खर्रा सीकर लोकसभा की श्रीमाधोपुर सीट से आते है, ऐसे में इस सीट की जिम्मेदारी उनके पास है.
जयपुर शहर और जयपुर ग्रामीण : इन दोनों सीटों पर वैसे भाजपा काफी अच्छी स्थिति अपने आप को मान कर चल रही है. जयपुर ग्रामीण भाजपा ने शाहपुरा राजपरिवार के सदस्य और पूर्व उपाध्यक्ष राव राजेंद्र सिंह को तो कांग्रेस ने युवा चेहरे के तौर पर अनिल चोपड़ा को मैदान में उतारा, वहीं जयपुर शहर भाजपा ने मौजूदा सांसद रामचरण बोहरा का टिकट काट महिला ब्राह्मण चेहरे के तौर पर मंजू शर्मा को तो कांग्रेस ने पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास पर दांव खेला है. इस जयपुर ग्रामीण सीट पर कैबिनेट मंत्री कर्नल राज्यवर्धन की साख दांव पर है तो जयपुर शहर की सीट पर उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी और सीएम भजन लाल शर्मा की प्रतिष्ठा.
भरतपुर :भरतपुर लोकसभा सीट की बात करें तो यहां से बीजेपी के रामस्वरूप कोली तो कांग्रेस की संजना जाटव का सीधा मुकाबला है. जातीय समीकरण में फंसी इस सीट पर मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की साख दांव पर, भरतपुर सीएम भजन लाल का गृह जिला है, ऐसे में इस सीट पर सबकी नजर है .
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करौली - धौलपुर : करौली-धौलपुर से बीजेपी ने महिला प्रत्याशी के तौर पर इंदु देवी जाटव को तो कांग्रेस ने भजनलाल जाटव का मुकाबला है. वैसे तो इस लोकसभा सीट पर पहले पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का काफी दखल माना जाता था, लेकिन इस बार राजे ने इस पर कोई ज्यादा रुचि नहीं ली. हालांकि इस सीट पर पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर सीएम भजन लाल और डिप्टी सीएम दीया कुमारी सभा कर चुकी है. इस सीट पर लोकसभा प्रभारी और प्रदेश में गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म की साख दांव पर है.
झुंझुनू : झुंझुनू लोकसभा भी उन सीटों में शामिल है, जहां कांग्रेस और भाजपा में अच्छी टक्कर मानी जा रही है और भाजपा के लिए चुनौती वाली बनी हुई है. भाजपा से शुभकरण चौधरी और कांग्रेस से विधायक बृजेंद्र ओला मैदान में हैं. पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें, तो कांग्रेस ने इस लोकसभा क्षेत्र में शामिल 8 में से 6 जीती थीं, ऐसे में कांग्रेस का प्रदर्शन भी बृजेंद्र ओला का उत्साह बढ़ा रहा है. हालांकि इस सीट पर सीधे तौर पर तो किसी बड़े नेता की साख दांव पर नहीं है लेकिन लोकसभा प्रभारी के नाते महंत बालक नाथ की प्रतिष्ठा दांव पर है .
श्रीगंगानगर : श्रीगंगानगर -हनुमानगढ़ लोकसभा सीट से बीजेपी की प्रियंका बालन- कांग्रेस के कुलदीप इंदौरा को मैदान में उतरा. इस सीट पर भी अच्छी चुनौती भाजपा को मिल रही है, इस लोकसभा का जिम्मा प्रभारी मंत्री के तौर पर सुमित गोदारा के पास है. ऐसे में गोदारा की साख दांव पर है.