जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने चिकित्सा विभाग से रिटायर कर्मचारी को अदालती आदेश के बाद चयनित वेतनमान के अपर ग्रेड का लाभ नहीं देने से जुड़ी अवमानना याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने इस मामले में चिकित्सा सचिव और स्वास्थ्य निदेशक सहित पेंशन निदेशक को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. अदालत ने इन अधिकारियों से पूछा है कि अदालती आदेश के छह साल बाद भी तब तक आदेश की पालना क्यों नहीं की गई, जबकि आदेश की पालना के इंतजार में कर्मचारी की मौत भी हो चुकी है. जस्टिस नरेन्द्र सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश कर्मचारी की विधवा शांति देवी की अवमानना याचिका पर दिए.
अवमानना याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता के पति किरोडी लाल शर्मा चिकित्सा विभाग में एमपीडब्ल्यू कर्मचारी के तौर पर कार्यरत थे. राज्य सरकार की ओर से चयनित वेतनमान का उचित लाभ नहीं देने पर पति ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट ने 18 मई 2017 को आदेश जारी कर याचिकाकर्ता को चयनित वेतनमान के अपर ग्रेड का लाभ देने के आदेश दिए थे. इसकी पालना में विभाग ने 8 सितंबर 2017 को चयनित वेतनमान देने की मंजूरी दे दी, लेकिन उसे लागू नहीं किया गया.