जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने एक अहम आदेश देते हुए कहा है कि मोबाइल टावर स्थापित करने से जुड़ा मामला जन उपयोगी सेवाओं में नहीं आता है. ऐसे में स्थाई लोक अदालत को इससे जुड़े मामलों को सुनवाई का हक नहीं है. इसके साथ ही अदालत ने स्थाई लोक अदालत, जयपुर के गत 29 मई के उस आदेश को रद्द कर दिया है. जिसके तहत जेडीए को मोबाइल टावर को हटाकर कार्रवाई में खर्च की गई राशि को मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी से वसूल करने के आदेश दिए गए थे. इसके साथ ही अदालत ने जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला टेलिकॉम कमेटी को निर्देश दिए हैं. इसमें कहा है कि वह दोनों पक्षों को सुनकर और प्रकरण में दी गई जेडीए की एनओसी व राज्य सरकार के शिकायत निस्तारण के आदेश को ध्यान में रखते हुए मामले का तीन माह में निस्तारण करे.
जस्टिस अनूप ढंड की एकलपीठ ने यह आदेश रिलायंस जिओ इंफोकॉम लि. की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. याचिका में अधिवक्ता अनुरूप सिंघी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने वर्ष 2014 में झोटवाड़ा में मोबाइल टावर लगाया है. इस संबंध में उसे जेडीए ने एनओसी भी जारी कर दी थी. इसके बावजूद भी शिकायतकर्ता डॉ. हर्ष अग्रवाल ने करीब आठ साल बाद इस टावर को हटाने के लिए शिकायत की. शिकायतकर्ता ने स्थाई लोक अदालत में परिवाद पेश कर मोबाइल टावर हटाने की गुहार की.