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मेहरानगढ़ दुखांतिका से जुड़ी याचिका पर सुनवाई, महाधिवक्ता ने कहा- अब 16 साल हो गए, रिपोर्ट को ना करें सार्वजनिक - Rajasthan High Court - RAJASTHAN HIGH COURT

Mehrangarh Tragedy, मेहरानगढ़ दुखांतिका से जुड़ी याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई. इस दौरान महाधिवक्ता ने कहा कि इस अब 16 साल हो गए. इस घटना से संबंधित रिपोर्ट को सार्वजनिक ना करें.

Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट (ETV Bharat Jodhpur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 29, 2024, 9:47 PM IST

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट खंडपीठ ने जोधपुर के मेहरानगढ दुखांतिका को लेकर चौपड़ा आयोग की रिपोर्ट एवं दो कैबिनेट उप समितियों की रिपोर्ट को बुधवार के दिन कोर्ट के समक्ष पेश किया गया. जस्टिस दिनेश मेहता व जस्टिस राजेन्द्र प्रकाश सोनी की खंडपीठ ने मानाराम की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद की ओर से रिपोर्ट को लेकर कहा गया कि अब इस मामले को 16 साल हो चूके हैं. इसीलिए सामाजिक सद्भाव और शांति-व्यवस्था को देखते हुए रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया जाए.

इसके अलावा महाधिवक्ता प्रसाद ने कहा कि वह स्वयं जस्टिस चौपड़ा आयोग की रिपोर्ट की जांच रिपोर्ट का अध्ययन करेंगे कि क्या जंच रिपोर्ट के अनुशंसा वाले हिस्से को सार्वजनिक किया जा सकता है या नहीं. इस पर याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज भंडारी ने कहा कि पूरी रिपोर्ट को राज्य सरकार द्वारा सार्वजनिक किया जाना आवश्यक है. इस पर कोर्ट ने इस मुद्दे पर दोनों पक्षों के तर्कों को खुला रखते हुए मामले को 29 जुलाई को सुनवाई के लिए रखा है. इसमें पूर्व सुनवाई के दौरान रजिस्ट्रार न्यायिक के पास रखी चौपड़ा आयोग की मूल रिपोर्ट एवं कैबिनेट उप समिति की रिपोर्ट को पेश करने के निर्देश दिए हैं.

पढ़ें :मेहरानगढ़ दुखांतिकाः राजस्थान हाईकोर्ट ने कैबिनेट उपसमिति की रिपोर्ट पेश करने के दिए निर्देश

गौरतलब है कि जोधपुर के मेहरानगढ़ दुखांतिका से जुड़ी जस्टिस चौपड़ा आयोग व दो कैबिनेट उप समितियों ने पूरी रिपोर्ट तैयार की है. दुखान्तिका घटित हुई थी, जिसमें 200 से अधिक लोगों की जान चली गई थी. दुखान्तिका से व्यथित होकर मानाराम की ओर से जनहित याचिका पेश की गई थी, जिसमें सरकार ने जांच के लिए जस्टिस जसराज चौपड़ा की समिति को जांच सुपुर्द की थी.

आयोग ने जांच करने के बाद सरकार को रिपोर्ट दी थी. उस रिपोर्ट के आधार पर सरकार को भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या एक्शन लिया जाएगा एवं दुखान्तिका को लेकर अब तक क्या किया गया है, दोषियों के खिलाफ क्या एक्शन लिया जाएगा. इसको लेकर निर्णय लेना था. जिसके लिए दो कैबिनेट उपसमिति भी बनाई गई थी. उन्होंने भी अपनी रिपोर्ट दे दी थी.

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