जोधपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने एक मौत की सजा के खिलाफ पेश अपील को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए मृत्युदंड की सजा को 30 साल कारावास में बदल दिया. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अपराध की प्रकृति अत्यंत दुर्लभ है. जघन्य हत्या का यह मामला दुर्लभतम मामला है. जस्टिस डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह भाटी व जस्टिस राजेन्द्र प्रकाश सोनी की खंडपीठ में नोकाराम उर्फ भारमाराम की ओर से पेश अपील व सरकार की ओर से मृत्युदंड की पुष्टि के लिए पेश रेफरेंस पर सुनवाई की.
अपीलकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विनीत जैन व राजीव विश्नोई ने कोर्ट को सहयोग किया व सरकार की ओर से आरआर छपरवाल ने पैरवी की. कोर्ट के समक्ष अपील में बताया गया कि सिरोही की पॉक्सो कोर्ट ने 27 सितंबर, 2021 को आरोपी नोकाराम को पॉक्सो एक्ट और आईपीसी की धारा-302 के अपराध में दोषसिद्धि पर मृत्युदंड की सजा सुनाई. कोर्ट में पूर्व निर्धारित सुप्रीम कोर्ट व अन्य हाईकोर्ट के निर्णयों को भी रखा गया. साथ ही यह भी कहा गया कि आरोपी अभी 24 साल का है होने के साथ ही गरीब परिवार से है. इसके अलावा उसका कोई आपराधिक इतिहास भी नही है.