जयपुरःराजस्थान हाईकोर्ट ने अनुकंपा पर नियमित वेतनमान पर दी गई नियुक्ति को बाद में फिक्स वेतन पर करने के शिक्षा विभाग के 10 मई 2006 को जारी आदेश को रद्द कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को स्वतंत्रता दी है कि वह याचिकाकर्ता को सुनवाई का मौका देते हुए तीन माह में नया आदेश जारी करे. अदालत ने स्पष्ट किया है कि नया आदेश जारी करने तक वसूली की कार्रवाई प्रभावी नहीं रहेगी. जस्टिस अनूप कुमार ढंड की एकलपीठ ने यह आदेश अनूप सिंह डागुर की याचिका का निस्तारण करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता को 27 फरवरी 2006 को अनुकंपा के तहत नियमित वेतनमान पर शिक्षा विभाग में एलडीसी पद पर नियुक्त किया गया था. जहां उसने कार्यग्रहण करके दो माह तक नियमित वेतनमान भी प्राप्त किया. वहीं, विभाग ने अचानक 10 मई, 2006 को आदेश जारी कर याचिकाकर्ता को नियमित वेतनमान के स्थान पर दो साल तक परिवीक्षा पर रखने और इस दौरान फिक्स वेतन देना तय किया. इसके अलावा याचिकाकर्ता को बीते महिनों में दिए नियमित वेतनमान की रिकवरी भी निकाल दी. याचिका में कहा गया कि उसकी अनुकंपा नियुक्ति नियम, 1996 के तहत नियुक्ति हुई है.