जयपुर :राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने एकलपीठ के उन विस्तृत निर्देशों पर रोक लगा दी है, जो एकलपीठ ने खाद्य पदार्थों के मिलावट के संबंध में स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को दिए थे. इसके साथ ही अदालत ने केंद्र और राज्य सरकार को मामले में जवाब पेश करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है. अदालत ने एकलपीठ की ओर से उठाए मुद्दों पर विचार करने के लिए मामले की सुनवाई चार सप्ताह बाद सूचीबद्ध करने को कहा है.
सीजे एमएम श्रीवास्तव और गणेश राम मीणा की खंडपीठ ने यह आदेश प्रकरण में लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए. खंडपीठ ने कहा कि एकलपीठ ने मामले में विस्तृत आदेश पारित किए हैं और ये आदेश अंतरिम प्रकृति के न होकर अंतिम प्रकृति के लग रहे हैं. ऐसे में इन आदेशों को आगे जारी नहीं रखा जा रहा है.
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सुनवाई के दौरान केंद्र और राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि एकलपीठ ने मामले में प्रसंज्ञान लेते समय व्यापक निर्देश देते हुए प्रकरण को सुनवाई के लिए खंडपीठ में भेजा था. एकलपीठ के ये निर्देश अंतरिम प्रकृति के नहीं, बल्कि अंतिम प्रकृति हैं. ऐसे में अब खंडपीठ के समक्ष इन निर्देशों को लागू कराने के अलावा कुछ भी करने के लिए शेष नहीं है. इस पर अदालत ने एकलपीठ की ओर से दिए निर्देशों पर रोक लगाते हुए केंद्र और राज्य सरकार को अपना जवाब पेश करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है.
गौरतलब है कि जस्टिस अनूप ढंड की एकलपीठ ने गत 1 जुलाई को खाद्य पदार्थों में मिलावट से कैंसर सहित अन्य जानलेवा बीमारी होने पर चिंता जताते हुए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लिया था. साथ ही एकलपीठ ने राज्य सरकार को विस्तृत निर्देश दिए थे. एकलपीठ ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय और जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कमेटी गठन के आदेश देते हुए कई प्रभावी निर्देश दिए थे.