चित्तौड़गढ़.राजस्थान शिक्षा बोर्ड की ओर से हाल ही में आयोजित 10वीं की बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच के लिए एक शिक्षिका की ड्यूटी लगाई गई है. हैरत की बात यह है कि उस शिक्षिका का गत महीने ही देहांत हो गया है. 1 महीने बाद भी संबंधित स्कूल ने शाला दर्पण से उनका नाम नहीं हटाया है. इसके चलते शिक्षा विभाग से यह चूक हो गई. जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक कल्पना शर्मा ने कहा है कि विभाग संबंधित स्कूल के प्रिंसिपल को कारण बताओ नोटिस जारी करने की तैयारी में है.
जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक कल्पना शर्मा ने कहा कि संग्रहालय प्रभारी गोपाल त्रिपाठी की ओर से उक्त सूची तैयार की गई, जो शाला दर्पण से उठाई गई थी. शाला दर्पण को अपडेट करने की जिम्मेदारी संबंधित प्रिंसिपल की होती है, लेकिन जालमपुरा प्रिंसिपल की ओर से सूची अपडेट नहीं की गई. इस कारण यह मिस्टेक हुई. संबंधित प्रिंसिपल को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा.
26 फरवरी को हुआ था निधन : शिक्षा विभाग माध्यमिक की ओर से मंगलवार को अंग्रेजी विषय की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए 53 वरिष्ठ अध्यापक, अध्यापिकाओं की सूची जारी की गई. इस सूची में संबंधित लोगों को 27 मार्च से गाड़ी लोहार राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय पहुंचने को कहा गया. यह सूची जब संबंधित शिक्षकों के पास पहुंची तो क्रमांक संख्या 24 पर मीनाक्षी महेश्वरी का नाम देखकर शिक्षक भी चौंक गए. राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय जालमपुरा में बतौर वरिष्ठ अंग्रेजी अध्यापक मीनाक्षी महेश्वरी का गत महीने 26 फरवरी को निधन हो गया था. इसके बावजूद भी विभागीय सूची में उनका नाम देखकर विभागीय अधिकारी भी हैरान रह गए.