जयपुर: राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ने तृतीय श्रेणी शिक्षक को सरप्लस कर अन्य स्कूल में भेजने के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में शिक्षा सचिव, माध्यमिक शिक्षा निदेशक और अलवर डीईओ से जवाब मांगा है. अधिकरण ने यह आदेश मनोज कुमार मीना की अपील पर दिए.
अपील में अधिवक्ता अधिवक्ता आरपी सैनी ने बताया कि याचिकाकर्ता की नियुक्ति तृतीय श्रेणी शिक्षक लेवल-2 के पद पर हुई थी. वह महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय, गोविन्दगढ, अलवर में पदस्थापित है. इस दौरान 7 दिसंबर को उसे सरप्लस मानते हुए राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, बरवाडा, गोविन्दगढ में लेवल-एक के शिक्षक पद पर लगा दिया. इसे अधिकरण में चुनौती देते हुए कहा कि ऐसा करना विधि और राइट टू एजुकेशन कानून के खिलाफ है.
याचिकाकर्ता के पास लेवल-2 की योग्यता है और उसे लेवल-1 के पद पर लगाना गलत है. इसलिए उसे सरप्लस करने व लेवल-एक के पद पर लगाने वाले आदेश पर रोक लगाई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए अधिकरण ने याचिकाकर्ता को सप्लस कर अन्य जगह लगाने के आदेश पर रोक लगा दी है.
पढ़ें :वृहद पीठ तय करेगी कि दुष्कर्म और पॉक्सो अपराध में सजा काट रहे अपराधी ओपन जेल में भेजे जा सकते हैं या नहीं - RAJASTHAN HIGH COURT
अनुजा निगम के रिटायर कर्मचारियों की ओल्ड पेंशन स्कीम स्थगित क्यों की - हाईकोर्ट : वहीं, एक मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान एससी एसटी फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के कर्मचारियों के लिए शुरू की ओल्ड पेंशन स्कीम अंतिम चरण में स्थगित करने पर प्रमुख सामाजिक न्याय व अधिकारिता सचिव, प्रमुख वित्त सचिव और कॉरपोरेशन के एमडी से जवाब देने के लिए कहा है. अदालत ने इनसे पूछा है कि याचिकाकर्ता रिटायर कर्मचारियों को मिलने वाले ओल्ड पेंशन स्कीम लाभ से वंचित क्यों किया है. जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश महेन्द्र प्रकाश व अन्य की याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने बताया कि याचिकाकर्ता कॉरपोरेशन के रिटायर कर्मचारी हैं. इन्हें भी राज्य सरकार के कर्मचारियों के समान वेतन व अन्य सेवा परिलाभ मिलते हैं. वहीं, इन पर भी राज्य सरकार के कर्मचारियों के समान ही सर्विस रूल्स लागू होते हैं. राज्य सरकार ने 2023 के बजट में राज्य सरकार के कर्मचारियों सहित राज्य के निगम व बोर्ड कर्मचारियों के लिए भी ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने के लिए कहा. जिस पर वित्त विभाग ने 20 अप्रैल 2023 के आदेश से कहा कि जो कर्मचारी ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ लें, उनके ईपीएफ व सीपीएफ की कटौती नहीं की जाए.
इसके बाद जुलाई 2023 में वित्त विभाग ने कहा कि रिटायर कर्मचारियों को मिली ईपीएफ, सीपीएफ की राशि तीन फीसदी ब्याज सहित राज्य सरकार में वापस जमा कराई जाए. इस दौरान सितंबर, 2023 में एससी एसटी कॉरपोरेशन की वार्षिक साधारण सभा की मीटिंग में ओल्ड पेंशन स्कीम को क्रियान्वित करने का प्रस्ताव पारित हुआ. वहीं, याचिकाकर्ताओं ने उन्हें मिले ईपीएफ, सीपीएफ की राशि के उन पर निकले लाखों रुपए चेकों के जरिए कॉरपोरेशन में जमा करा दिए.
इसके बावजूद 4 नवंबर 2024 को कॉरपोरेशन के एमडी ने ओल्ड पेंशन स्कीम के आदेश को स्थगित कर दिया. इसे चुनौती देते हुए कहा गया कि उन्होंने कॉरपोरेशन में लाखों रुपए जमा करवा दिए हैं, लेकिन उन्हें ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत पेंशन नहीं दी जा रही. इससे उनके सामने वित्तीय संकट खडा हो गया है और उनके पास आय का अन्य कोई भी साधन नहीं है. इसलिए उन्हें ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ दिलवाया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.